scorecardresearch
 

50 हजार जवान, 30 हजार CCTV कैमरे और हाई-टेक ड्रोन... यूपी में कांवड़ यात्रा के लिए ऐसी है सुरक्षा व्यवस्था

उत्तर प्रदेश में इन दिनों आस्था का महासैलाब उमड़ पड़ा है. लाखों कांवड़िए शिवभक्ति में डूबे, हरिद्वार से जल भरकर यूपी के अलग-अलग शिवधामों की ओर बढ़ रहे हैं. लेकिन इस बार सिर्फ आस्था ही नहीं, सुरक्षा भी अभूतपूर्व है.

Advertisement
X
उत्तर प्रदेश में इन दिनों आस्था का महासैलाब उमड़ पड़ा है. (File Photo)
उत्तर प्रदेश में इन दिनों आस्था का महासैलाब उमड़ पड़ा है. (File Photo)

उत्तर प्रदेश में इन दिनों आस्था का महासैलाब उमड़ पड़ा है. लाखों कांवड़िए शिवभक्ति में डूबे, हरिद्वार से जल भरकर यूपी के अलग-अलग शिवधामों की ओर बढ़ रहे हैं. लेकिन इस बार सिर्फ आस्था ही नहीं, सुरक्षा भी अभूतपूर्व है. प्रदेश में चल रही कांवड़ यात्रा के लिए सरकार ने महाकुंभ स्तर की सुरक्षा व्यवस्था खड़ी कर दी है.

इसके लिए 50 हजार से ज्यादा सुरक्षा कर्मी, 29 हजार 454 सीसीटीवी कैमरे और 395 हाई-टेक ड्रोन कांवड़ मार्ग की निगरानी में लगे हैं. इनमें एंटी-ड्रोन सिस्टम और टेथर्ड ड्रोन तक शामिल हैं जो सीधे डीजीपी मुख्यालय को लाइव वीडियो फीड भेज रहे हैं. टेथर्ड ड्रोन यानी वो ड्रोन जो जमीन से जुड़े होते हैं. घंटों तक एक ही जगह मंडरा सकते हैं. 

टेथर्ड ड्रोन का उपयोग खास तौर पर संवेदनशील इलाकों में स्थायी निगरानी के लिए किया जा रहा है. कांवड़ा यात्रा की मॉनिटरिंग के लिए डीजीपी मुख्यालय में एक अत्याधुनिक कंट्रोल रूम तैयार किया गया है. ये कंट्रोल रूम चौबीसों घंटे ऑपरेशन में है. कांवड़ा यात्रा मार्ग सहित राज्य के प्रमुख शिवालयों की भी लगातार निगरानी कर रहा है. 

इसके साथ ही डिजिटल निगरानी की भी व्यवस्था की जा रही है. गलत सूचनाएं, अफवाहें और भड़काऊ पोस्ट रोकने के लिए आठ सदस्यीय सोशल मीडिया निगरानी टीम हाई अलर्ट पर है. ये टीम सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर नजर रख रही है. जरूरत पड़ने पर संबंधित जिाला प्रशासन को तुरंत अलर्ट कर रही है.

Advertisement

इसके अलावा एक अलग टीम इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, यूपी-112 और अन्य संचार माध्यमों से मिली जानकारी को भी रियल-टाइम पर मॉनिटर कर रही है. मानव संसाधन की बात करें तो, सरकार ने अब तक 587 राजपत्रित अधिकारी, 2040 निरीक्षक, 13520 उप निरीक्षक और 39965 कांस्टेबलों को कांवड़ मार्ग पर तैनात किया है.

महिला सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया गया है. 1486 महिला उपनिरीक्षक और 8541 महिला कांस्टेबल इस यात्रा को सुरक्षित और सुचारू बनाने के लिए फील्ड पर हैं. इसके अलावा पीएसी और केंद्रीय बलों की 50 कंपनियां और 1424 होमगार्ड्स भी इस तंत्र का हिस्सा हैं. उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान के साथ समन्वय के लिए व्हाट्सएप ग्रुप बना है. 

इसके ज़रिए रास्ते की स्थिति, सुरक्षा अपडेट और भीड़ प्रबंधन से जुड़ी सूचनाएं रीयल टाइम में साझा की जा रही हैं. साफ है कि सरकार इस साल की कांवड़ यात्रा को 'फुलप्रूफ सुरक्षा कवच' के तहत देख रही है. आस्था की डगर पर सुरक्षा की परछाईं हर वक्त चल रही है, ताकि शिवभक्तों का यह सफर सिर्फ भक्तिभाव से भरा हो, चिंता और खतरे से पूरी तरह मुक्त.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement