
उत्तर प्रदेश के मेरठ में रविवार दोपहर हुई 21 साल के साजिद की नृशंस हत्या के मामले में नए खुलासे होते जा रहे हैं. पुलिस जांच में महज 100 गज के मकान के लिए तीन सगे चाचाओं ने भतीजे को बेहरमी से चाकू से तब तक गोदा जब तक वह मर नहीं गया. बीच सड़क पर किए गए कत्ल की जघन्य वारदात सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है.
दरअसल, लिसाड़ी गेट थाना इलाके में कबाड़ का काम करने वाला साजिद (21) रविवार दोपहर इत्तेफाक नगर की एक मस्जिद से नमाज पढ़कर लौट रहा था. इसी बीच जब वह ब्रह्मपुरी थाना के तारापुरी इलाके की सड़क पर पहुंचा, तभी अंजुम पैलेस के पास उसके तीनों चाचाओं शहजाद, नौशाद और जावेद ने दौड़कर भतीजे को जमीन पर गिरा दिया और एक चाचा ने हाथ तो दूसरे ने पैर पकड़ लिए जबकि तीसरा चाचा साजिद की छाती पर लगातार चाकू से वार करता रहा. शरीर में चाकू घोंपे जाने से साजिद की चीखें निकलने लगीं और वह बुरी तरह तड़पने लगा. इस दौरान सड़क पर तमाम लोग गुजरते रहे, लेकिन किसी ने हमलावरों को रोकने की हिम्मत तक नहीं की.
मरा समझकर जाने लगे तभी...
चाकू के ताबड़तोड़ वार से साजिद को लहूलुहान करने के बाद आरोपी जाने लगे, तभी तड़पते हुए घायल भतीजे की आवाज सुनकर एक चाचा दौड़कर वापस लौटता है और फिर से चाकू साजिद की कमर में मारता है और लगातार वार करते हुए उसी धारदार हथियार से साजिद की गर्दन रेत देता है. इसके बाद बुरी तरह जख्मी हो चुका साजिद सड़क पर तड़पते हुए लगभग मृतप्राय: अवस्था में पहुंच जाता है. वहीं, तीनों हमलवार घटनास्थल से फरार होने में कामयाब हो जाते हैं.

कोई बचाने नहीं आया
उधर, सूचना मिलने पर घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने सड़क पर अचेत पड़े साजिद को रिक्शा में रखकर अस्पताल पहुंचाया, लेकिन वहां डॉक्टर ने उसको मृत घोषित कर दिया. पुलिस भी इस बात को कह रही है कि अगर घटनास्थल पर मौजूद लोगों या राहगीरों ने दखल दिया होता तो शायद युवक की जान बच जाती. बता दें कि हमलावर चाचा अपने भतीजे पर वार करते रहे और आसपास से लोग निकलते रहे. किसी ने भी उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की. यह पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है.

एसपी ने भी कहा- शायद बच जाती जान
मेरठ के एसपी सिटी विनीत भटनागर ने कहा कि हमले में बुरी तरह जख्मी साजिद की अस्पताल ले जाते समय मृत्यु हो गई. स्थानीय लोगों ने और राहगीरों ने अगर कोई बचाव किया होता तो यह घटना नहीं होती. पुलिस को शुरुआती पड़ताल में प्लॉट के विवाद की जानकारी लगी है. इस मामले में कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है. साक्ष्य के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
एक दिन पहले ही हुआ था समझौता
मृतक साजिद अपने पांच भाइयों में तीसरे नंबर का था. सभी भाई कबाड़ की फेरी का काम करते हैं और इनकी मां का अभी हाल ही में इंतकाल हो गया है. मृतक साजिद के भाई राशिद ने बताया कि सभी एक ही घर में रहते हैं. शनिवार रात को उसके तीन चाचा अपने साथियों के साथ शराब पी रहे थे, जिसका विरोध करने पर आरोपियों ने यूनुस के बड़े बेटे राशिद से मारपीट की और दोनों पक्षों में विवाद हुआ. लेकिन पुलिस चौकी में समझौता हो गया और दोनों ही पक्ष घर वापस आ गए और रविवार की सुबह को फिर विवाद हुआ, और फिर आसपास के लोगों ने बीच-बचाव कराकर मामला शांत करा दिया था.
मकान-दुकान को लेकर विवाद
फरियादी राशिद ने बताया, उनके दादा की दो प्रॉपर्टी हैं जिसको लेकर पिता यूनुस और तीन चाचाओं में विवाद चल रहा था. एक प्रॉपर्टी 160 गज की मार्केट है और दूसरी 100 गज का मकान है. दोनों ही प्रॉपर्टी लिसाड़ी गेट रोड पर हैं और दोनों की ही कीमत लगभग 1.50 से 2 करोड़ रुपए के आसपास है. राशिद का यह भी कहना है कि उसके चाचाओं का चाल चलन ठीक नहीं था इसलिए उसके दादा ने कहा था कि वह अपने बेटों को प्रॉपर्टी नहीं देंगे और अपने सभी पोतों को देंगे. इसी बंटवारे को लेकर लगातार विवाद बना हुआ है.