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Bihar Hooch Tragedy: बिहार शराब कांड का मास्टरमाइंड होम्योपैथी कंपाउंडर 4 साथियों सहित गिरफ्तार

बिहार के सारण और छपरा समेत कई जिलों में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के मामले में पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनमें शराब कांड का मास्टमाइंड होम्योपैथी कंपाउंडर भी शामिल है. इससे पहले भी SIT इस मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.

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बिहार के छपरा और सारण समेत कई जिलों में जहरीली शराब पीने के बाद कई लोगों की मौत हो गई थी. (File Photo)
बिहार के छपरा और सारण समेत कई जिलों में जहरीली शराब पीने के बाद कई लोगों की मौत हो गई थी. (File Photo)

बिहार में जहरीली शराब से हुई 70 से ज्यादा मौतों के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. पुलिस ने शराब कांड के मास्टरमाइंड होम्योपैथी कंपाउडर समेत 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. सारण के पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार के मुताबिक पुलिस ने मामले की जांच के लिए विशेष दल का गठन किया था. इस टीम ने ही शुक्रवार को कंपाउंडर को साथियों के साथ अरेस्ट किया है.

SP ने बताया कि पुलिस ने एक गाड़ी भी जब्त की है, जिसका इस्तेमाल उत्तर प्रदेश (UP) से केमिकल लाने और सारण के मसरख और उसके आसपास के इलाके में शराब की सप्लाई करने के लिए किया जाता था. इसके अलावा मौके से नकली शराब बनाने में इस्तेमाल होने वाले रसायनों की खाली बोतलें भी बरामद की गईं हैं.

इससे पहले भी SIT इस मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि मास्टरमाइंड कंपाउंडर अपने साथियों की मदद से होम्योपैथी की दवा और चीनी मिलाकर नकली शराब बनाता था.आरोपी अपने विक्रेताओं और साथियों के जरिए सारण जिले के कई इलाकों में अवैध शराब सप्लाई करते थे.

पुलिस ने जिन 9 लोगों को इससे पहले गिरफ्तार किया था, उन्होंने पूछताछ के दौरान होम्योपैथी दवाओं से नकली शराब बनाने और उसकी सप्लाई करने की बात स्वीकार की है. SP ने बताया कि आरोपियों में से एक शख्स ने भी उसी जहरीली शराब का सेवन किया था, लेकिन इलाज के बाद वह बच गया.

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पुलिस के मुताबिक सारण के दोला इलाके से भारी मात्रा में नकली शराब बनाने में इस्तेमाल होने वाले केमिकल की खाली बोतलें बरामद की गई हैं. मामले की जांच जारी है. बता दें कि त्रासदी के बाद आरोप लग रहे थे कि सारण जिले के एक पुलिस थाने के अंदर रखी शराब इसके लिए जिम्मेदार है, लेकिन बिहार पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक मुख्यालय (ADG) जितेंद्र सिंह गंगवार ने इन आरोपों का खंडन किया है. 

ADG ने बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया है कि सारण के थाने के अंदर रखी किसी भी शराब का इस्तेमाल नकली शराब बनाने के लिए नहीं किया गया. शराब बनाने में किसी और केमिकल का इस्तेमाल किया जा सकता है. फिलहाल मृतकों की विसरा रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है. बता दें कि बिहार में 2016 से शराब की बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध है.

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