दिल्ली में पुलवामा आतंकी हमले में फंसाने की धमकी देकर एक शख्स से 10 लाख रुपए ठगने का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. आरोपी ने पीड़ित को आतंकवादी बताकर उसे साल 2019 के आतंकी हमले में शामिल होने की बात कही थी. उसने खुद को एटीएस चीफ बताकर धमकी देने लगा. इसके बाद उसे बचाने के नाम पर लाखों रुपए लूट लिए. पुलिस केस दर्ज करके जांच शुरू कर दी है.
दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, यह घटना 13 अगस्त की है. करोल बाग इलाके के रहने वाले 32 साल के युवक को उस दिन तीन अलग-अलग अज्ञात नंबरों से कॉल आए. फोन पर मौजूद लोगों ने खुद को जांच एजेंसी का अधिकारी बताया और उस पर पुलवामा आतंकी हमले में शामिल होने का झूठा आरोप लगाया. उससे कहा गया कि उसके नाम से बैंक अकाउंट खोलकर उसमें पैसे जामा किए गए हैं.
पीड़ित ने बताया, "कॉल करने वालों ने कहा कि मेरे नाम से कश्मीर में एक बैंक अकाउंट खोला गया है, जिसमें 50 लाख रुपए जमा किए गए हैं. उन्होंने दावा किया कि यह अकाउंट पुलवामा हमले से जुड़ा है और अब जांच मेरे खिलाफ चल रही है." कॉल करने वालों ने यह भी कहा कि इस केस में 'बहुत असरदार लोग' शामिल हैं, इसलिए उसे किसी को कुछ बताने की इजाजत नहीं है. उसे चुप रहने को कहा था.
आरोपी ने कैमरा ऑन करने, कमरा लॉक करने और अपने परिवारवालों को चुप रहने के निर्देश दिए. इसके बाद उसकी पूछताछ शुरू हुई. कॉल पर मौजूद एक शख्स ने खुद को एंटी-टेररिज्म स्क्वाड का चीफ बताया. उसने कहा कि यदि पीड़ित चाहता है कि उसका नाम इस केस से हट जाए, तो उसे फंड लीगलाइजेशन प्रक्रिया में सहयोग करना होगा. यह भी दावा किया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने प्रक्रिया को मंजूरी दी है.
इसके बाद डरा-सहमा युवक लखनऊ ऑफिस जाने से इनकार कर बैठा, लेकिन लगातार आ रही धमकियों से परेशान होकर उसने ठगों के बताए बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर कर दिए. पहले उसने आरटीजीएस के जरिए 8.9 लाख रुपए भेजे, फिर यूपीआई आईडी के जरिए 77 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए. ठग यहीं नहीं रुके. उन्होंने युवक को एक फर्जी बेल एप्लीकेशन भेजकर पैसे भरने को कह दिया.
इस बार उससे 4 लाख रुपए की डिमांड की गई. पीड़ित ने जब पैसे देने से इनकार किया, तो उन्होंने फोन काट दिया और सभी नंबर बंद कर दिए. पीड़ित ने अपनी शिकायत में लिखा है, "इन अनजान लोगों की धोखाधड़ी से मुझे कुल 9.67 लाख रुपए का नुकसान हुआ है और मानसिक रूप से भारी तनाव झेलना पड़ा है." पीड़ित की शिकायत पर 14 अक्टूबर को मामला दर्ज किया गया है.
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) (धोखाधड़ी) लगाई गई है. पुलिस आरोपियों की पहचान और ठगी गई रकम की रिकवरी की कोशिश कर रही है. सूत्रों का कहना है कि इस तरह के डिजिटल अरेस्ट स्कैम में बीते महीनों में कई लोग फंस चुके हैं. साउथ दिल्ली के एक 78 वर्षीय रिटायर्ड बैंकर को भी पुलवामा हमले में शामिल बताकर धमकाया गया था.
इस दौरान उन्होंने 4 अगस्त से 4 सितंबर के बीच करीब 23 करोड़ रुपए गंवा दिए थे. बताते चलें कि 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था. विस्फोटकों से भरी कार ने सीआरपीएफ जवानों के काफिले को टक्कर मार दी थी, जिसमें कम से कम 40 जवान शहीद हुए थे. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.