केरल के तिरुवनंतपुरम के नंथनकोड में आठ साल पहले अपने माता-पिता और बहन सहित परिवार के चार सदस्यों की हत्या के मामले में आरोपी को दोषी ठहराया है. सोमवार को तिरुवनंतपुरम के अतिरिक्त सत्र न्यायालय ने ये फैसला सुनाया है. उसकी सजा पर बहस मंगलवार को होगी. इसके बाद उसे उम्रकैद या मौत की सजा सुनाई जा सकती है.
जानकारी के मुताबिक, 9 अप्रैल 2017 को प्रोफेसर ए राजा थंकम, उनकी पत्नी डॉ जीन पद्मा (58), उनकी बेटी कैरोलीन (26) और एक रिश्तेदार ललिता (70) को केरल के मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के पास बेन्स कंपाउंड में घर में मृत पाया गया था. कैडेल जीनसन राजा ने अपने माता-पिता, बहन और एक रिश्तेदार की निर्मम हत्या कर दी थी.
इन हत्याओं के दो दिन बाद ही उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. वो तब से पुलिस हिरासत में है. जांच के दौरान आरोपी ने कहा कि वो परामनोविज्ञान और सूक्ष्म प्रक्षेपण में विश्वास करता है. उसने दावा किया कि इन विश्वासों ने उसे हत्याओं को अंजाम देने के लिए प्रेरित किया. अभियोजन पक्ष ने तर्क दिया कि ये दावे दोषसिद्धि से बचने की एक रणनीति थी.
पुलिस ने कहा है कि शुरुआती योजना उसके पिता को मारने की थी, जिन्होंने लगातार उसकी उपेक्षा की थी. इसके बाद में उसने दूसरे परिजनों की भी हत्या कर दी. बताते चलें कि कैडेल जीनसन राजा के पिता ए राजा थंकम ने उसे डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया भेजा था. वहां वो शिजोफ्रेनिया जैसे मानसिक विकार का शिकार हो गया.
उसकी रूचि इस चीज में भी ज्यादा बढ़ने लगी कि आखिर आत्मा कैसी दिखती है. हमारा शरीर आत्मा के साथ कैसे काम करता है. मौत होते ही क्या हम आत्मा को देख सकते हैं. इस तरह के कई सवालों के बारे में वह जानने की दिलचस्पी रखने लगा. वह इन सवालों को लेकर इतना आतुर हो गया था कि उसने अपनी पढ़ाई पर ध्यान देना ही छोड़ दिया.

बस इस सवाल की तलाश में रहने लगा कि आखिर आत्मा दिखती कैसी है? वह दिन रात इसी पर रिसर्च करने में लगा रहता. जैसे-तैसे उसने अपनी मेडिकल की पढ़ाई पूरी की और वापस केरल आ गया. फिर यहां आकर भी आत्मा से संबंधित सवालों को लेकर वह रिसर्च में लगा रहा. घर वालों से भी इतना बातचीत नहीं करता.
न तो वो बाहर जाता और न ही अपने कमरे में किसी को आने देता. उसने अपने आपको एक कमरे में बंद सा कर लिया था. बस दिन भर किताबों में यही सवाल ढूंढता रहता कि आखिर आत्मा दिखती कैसी है? कैडल की मानसिक स्थिति को देखते हुए उसे दो बार मनोरोग विशेषज्ञ के पास भी ले जाया गया.
वहां भी वो बस उन्हीं बातों को लेकर डॉक्टर से सवाल करने लगा. उसका ट्रीटमेंट चला लेकिन उसका भी केडल पर कोई असर नहीं हुआ. घर वालों ने सोचा कि हो सकता है समय बीतने के साथ-साथ उसका ये पागलपन भी दूर हो जाए. दिन बीतते गए और वह यूं ही घर में बैठे-बैठे बस पैरानॉर्मल एक्टिविटी और आत्मा के बारे में रिसर्च करता रहा.
फिर उसने एक ऐसा निर्णय लिया जिसे सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाएं. उसने सोचा कि अगर मैं किसी को अपनी आंखों के सामने मार डालूं तो हो सकता है मैं शरीर से बाहर आत्मा को निकलता देख सकूं. इसके लिए उसने किसी का मर्डर करने का प्लान बना डाला. फिर केडल का पहला शिकार बनी उसकी मां.
6 अप्रैल 2017 के दिन घर पर सिर्फ केडल, उसकी मां जीन पद्मा और आंटी ललिता थे. केडल सबसे पहले अपनी मां के कमरे में गया. वहां उसने देखा कि मां बेड पर लेटी हुई हैं. केडल ने मां को तेजधार हथियार से मारना शुरू कर दिया. मां उसके सामने गिड़गिड़ाती है कि वो ऐसा न करे. लेकिन केडल के सिर पर तो भूत सवार था.
उसे बस आत्मा देखनी थी. इसलिए वो मां पर हमला करता रहा. चीख-पुकार सुनकर दूसरे कमरे से आंटा ललिता भी वहां आ गईं. कमरे का मंजर देख वह दंग रह गईं. तभी उनके मुंह से चीख निकली. केडल ने पीछे मुड़कर देखा फिर अपनी मां को देखा. तब तक मां की मौत हो गई थी. उसको लगा कि वो पीछे मुड़ा इसलिए आत्मा नहीं देख पाया.
इसलिए वो फिर अपनी आंटी की तरफ बढ़ने लगा. उसने फिर उन्हें भी उसी तरह मार डाला. लेकिन तब भी उसे आत्मा दिखाई नहीं दी. तीन से चार घंटे बीत गए. केडल वहां बैठकर यही सोचता रहा कि आखिर उसे आत्मा दिखाई क्यों नहीं दी. इसी बीच केडल के पिता राजा थंकम और बहन कैरोलिन भी घर पर आ गईं.
दोनों ने अंदर का नजारा देखा तो वे सन्न रह गए. केडल को तब भी कोई फर्क नहीं पड़ा. उसने फिर आत्मा देखने के चक्कर में अपने ही पिता पर तेजधार हथियार से हमला कर दिया. लेकिन उसे फिर भी आत्मा नहीं दिखी, तो उसने इसी तरह अपनी बहन को भी मार डाला. लेकिन अफसोस इस बार भी वही हुआ.
केडल को आत्मा नजर नहीं आई. उसे लग रहा था कि शायद आत्मा अभी भी उन चारों के शरीर में ही है. इसलिए वह तीन दिन तक लाशों के साथ बैठा रहा. लेकिन तीन दिन बाद यानि 9 अप्रैल को जब लाशों से बदबू आने लगी तो केडल को घबराहट होने लगी. उसने पकड़े जाने के डर से लाशों के छोटे-छोटे टुकड़े करके पूरे घर में आग लगा दी.