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नवी मुंबई में शेयर ट्रेडिंग का लालच देकर एक शख्स को लगाया 67 लाख का चूना

महाराष्ट्र के नवी मुंबई में साइबर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है. यहां पर पांच लोगों ने एक शख्स को शेयर ट्रेडिंग का लालच देकर 67.6 लाख रुपए ठग लिए. पीड़ित की शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406, 420 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है.

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महाराष्ट्र के नवी मुंबई में साइबर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है.
महाराष्ट्र के नवी मुंबई में साइबर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है.

महाराष्ट्र के नवी मुंबई में साइबर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है. यहां पर पांच लोगों ने एक शख्स को शेयर ट्रेडिंग का लालच देकर 67.6 लाख रुपए ठग लिए. पीड़ित की शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 406 (आपराधिक विश्वासघात), 420 (धोखाधड़ी) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की सुसंगत प्रावधानों के तहत केस दर्ज किया गया है.

वरिष्ठ निरीक्षक गजानन कदम ने बताया कि आरोपियों ने 14 अप्रैल से 30 मई के बीच पीड़ित से संपर्क किया. उन लोगों ने उसे शेयर ट्रेडिंग के जरिए अच्छआ मुनाफा कमाने का लालच दिया. इस तरह आरोपियों ने शिकायतकर्ता से 67.6 लाख रुपए ऑनलाइन ट्रांसफर करा लिए. जब पीड़ित को अपने निवेश पर कोई रिटर्न नहीं मिला, तो उसे एहसास हुआ कि उसके साथ धोखाधड़ी हुई है.

बताते चलें कि नवी मुंबई और ठाणे इलाके में साइबर ठगी की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. इसी तरह पिछले महीने 28 तारीख एक शख्स ने साइबर ठगी की शिकायत दर्ज कराई. साइबर अपराधियों ने उसको शेयर ट्रेडिंग में अच्छे रिटर्न का लालच देकर एक करोड़ रुपए का चूना लगा दिया था. इस संबंध में एक ऐप और वेबसाइट के मालिक समेत 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. 

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जालसाजों ने 13 फरवरी से 5 मई के बीच नवी मुंबई के खारघर निवासी पीड़ित से संपर्क किया और उसे शेयर ट्रेडिंग में शामिल होकर आकर्षक रिटर्न का आश्वासन दिया. इसके बाद उससे अलग-अलग बैंक खातों में पैसे डलवाए. पीड़ित ने उन लोगों के झांसे में आकर विभिन्न बैंक खातों में 1,07,09,000 रुपए जमा कर दिया. इसके बाद आरोपी उसके पैसे लेकर गायब हो गए.

दिल्ली से सटे नोएडा में तो 9 करोड़ रुपए की साइबर ठगी की वारदात सामने आई है. यहां शेयर बाजार में निवेश और मोटी कमाई का लालच देकर साइबर ठगों ने एक कारोबारी से 9 करोड़ रुपए लूट लिए. इस सनसनीखेज वारदात के बाद पीड़ित ने साइबर सेल में अपनी शिकायत दर्ज कराई. साइबर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कारोबारी के बैंक अकाउंट में 1.62 करोड़ रुपए फ्रीज करा दिए. 

नोएडा सेक्टर 40 के रहने वाले रजत बोथरा के साथ 1 मई को शेयर ट्रेडिंग के बारे में जानकारी देने के बहाने एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़े जाने के एक महीने बाद यह धोखाधड़ी हुई. पीड़ित ने नोएडा सेक्टर 36 में साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज कराई है. इस मामले की जांच करने के लिए एक स्पेशल सेल का गठन किया गया है. शुरूआती जांच में कई अहम सुराग भी मिले हैं.

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साइबर क्राइम से जुड़ी चौंकाने वाली रिपोर्ट 

पिछले साल लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने साइबर क्राइम से जुड़ी एक चौंकाने वाली रिपोर्ट पेश की थी. उसके मुताबिक 2022-23 में उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा साइबर क्राइम हुए. इस दौरान यूपी में 2 लाख लोगों के साथ साइबर फ्रॉड हुआ. साइबर ठगों ने इस दौरान यूपी में 721.1 करोड़ रुपयों की ठगी की थी. इसके बाद महाराष्ट्र और फिर गुजरात में साइबर क्राइम के सबसे ज्यादा केस हुए.

यदि कारोबारी साल 2022-23 में साइबर ठगी से जुड़े आंकड़ों की बात करें तो 11.28 लाख मामले देशभर में सामने आए थे. इसमें आधे मामले तो केवल पांच राज्यों में ही दर्ज किए गए. इनमें उत्तर प्रदेश में लगभग 2 लाख केस दर्ज हुए है. दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र में 1 लाख 30 हजार केस, तीसरे नंबर पर गुजरात में 1 लाख 20 हजार केस, चौथे और पांचवे नंबर पर राजस्थान और हरियाणा में करीब 80-80 हजार मामले दर्ज किए गए थे.

साइबर ठगी बढ़ने की असली वजह क्या है? 

साइबर ठगी बढ़ने की वजह लोगों का जागरुक ना होना है. तमाम अभियानों और ठगी के मामलों के बावजूद लोग अनजान लोगों से ओटीपी शेयर करके नुकसान उठा लेते हैं. वहीं अनजान नंबर से भेजे एसएमएस, व्हाट्सएप या मेल के जरिए मिले लिंक पर क्लिक करके वो इन शातिरों का शिकार बन रहे हैं. आंकड़ों के मुताबिक यूपी में सबसे ज्यादा सेक्सटॉर्शन और फ्रेंडशिप के नाम पर ठगी हुई है. इसके अलावा सोशल मीडिया में फेक प्रोफाइल बनाकर ठगी की जा रही है. 

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ऑनलाइन फ्रॉड और एटीएम क्लोनिंग के साइबर फ्रॉड के मामले दर्ज हो रहे हैं. इसके अलावा मेट्रीमोनियल साइट के जरिए नाइजीरियन गैंग ठगी करते हैं. बीते दिनों ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं. किसी नई सरकारी योजना का फायदा देने के नाम पर भी कई मामले दर्ज हुए हैं. नौकरी और पार्ट टाइम जॉब के नाम पर रोजाना लाखों की ठगी की जाती है. एआई के दौर में तो पुलिस के उच्चाधिकारियों के फेक वीडियो से धमकी देकर वसूली की जा रही है.

फ्रॉड रोकने में कारगर साबित हुआ ये सिस्टम 

साइबर फ्रॉड में एक नया सिस्टम कारगर साबित हो रहा है. इसका नाम CFCFRMS है. इसे साल 2021 में तैयार किया था, जो ऑनलाइन ठगी रोकने में बेहद कारगर साबित हुआ है. इसे गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम कॉर्डिनेशन सेंटर ने बनाया है. इस सिस्टम में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की एनफोर्समेंट एजेंसियों के साथ 243 वित्तीय संस्थाओं को जोड़ा गया है. इन वित्तीय संस्थाओं में बैंक, वर्चुअल वॉलेट, पेमेंट एग्रीगेटर, गेटवे और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म शामिल हैं. 

ये सिस्टम पीड़ित के एनफोर्समेंट एजेंसी को धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के साथ काम करना शुरू कर देता है. इसके बाद सारी जानकारी CFCFRMS के जरिए एक टिकट के तौर पर जेनरेट होती है. ये टिकट संबंधित फाइनेंशियल यूनिट यानी बैंक, भुगतान वॉलेट वगैरह को भेज दिया जाता है. इसके बाद फ्रॉड की रकम की जांच की जाती है. उसे खाते में तुरंत फ्रीज कर दिया जाता है. ठगी के बाद तुरंत 1930 नंबर पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज कराना चाहिए.

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