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इजरायली सेना का गाजा पर कहर, हवाई हमले में 81 फिलिस्तीनियों की मौत, 400 से ज्यादा घायल

इजरायली सेना ने गाजा पट्टी पर एक बार फिर भीषण हवाई हमला किया है. इस हमले में कम से कम 81 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है, जबकि 400 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. मारे गए लोगों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन मौतों की पुष्टि की है.

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इजरायली सेना ने गाजा पट्टी पर एक बार फिर भीषण हवाई हमला किया है.
इजरायली सेना ने गाजा पट्टी पर एक बार फिर भीषण हवाई हमला किया है.

इजरायली सेना ने गाजा पट्टी पर एक बार फिर भीषण हवाई हमला किया है. इस हमले में कम से कम 81 फिलिस्तीनियों की मौत हो गई है, जबकि 400 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं. मारे गए लोगों में बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इन मौतों की पुष्टि की है.

जानकारी के मुताबिक, इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों, एक अपार्टमेंट, स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंटों को निशाना बनाया. बमबारी के बाद इलाके में चारों ओर सिर्फ धूल, आग और लाशें नजर आईं. विस्थापित फिलिस्तीनी यूसुफ अबू नासेर ने इस त्रासदी की भयावहता का बयान किया है.

यूसुफ़ अबू नासेर कहते हैं, "हमले के बाद सबकुछ धूल और आग में बदल गया था. जब मैं वापस आया तो अपने टेंट के नीचे दबे पिता को खुद बाहर निकाला. मेरी बहन टेंट के नीचे दबकर सांस नहीं ले पा रही थी, उसके बुरी तरह से घायल थी. मेरे पिता की टांगें बुरी तरह जख्मी थीं. मैंने किसी तरह से उनको वहां से निकाला है.''

ये हमले ऐसे समय में हुए हैं जब महज़ एक दिन पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया था कि अगले हफ्ते सीजफायर पर सहमति बन सकती है. लेकिन इज़रायली कार्रवाई ने इन उम्मीदों को गहरे संदेह में डाल दिया है. इससे पहले शनिवार को गाजा के खान यूनिस और जाबालिया शरणार्थी शिविर में हुए हमले में 42 लोगों की मौत हुई थी. 

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उससे पहले शुक्रवार को हुए हमले में 28 फिलिस्तीनी मारे गए थे. इस तरह तीन दिनों में मरने वालों की संख्या 150 के करीब पहुंच गई है. दूसरी ओर, रूस-यूक्रेन युद्ध भी चरम पर पहुंच गया है. 27 जून की रात रूस ने यूक्रेन पर अब तक का सबसे बड़ा हवाई हमला बोला. इस वजह से बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं.

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने बताया कि रूस ने 477 ईरानी शाहेद ड्रोन्स और 60 मिसाइलों से देश के कई शहरों को निशाना बनाया. यूक्रेन की सेना ने जवाबी कार्रवाई में 249 ड्रोन और मिसाइलें मार गिराईं, लेकिन तब तक कई शहरों में तबाही मच चुकी थी. रूसी हमले का मुख्य निशाना लवीव, पोल्टावा, मिकोलाइव, डीनिप्रो, चर्कासी और स्मिला शहर बने हैं. 

इन इलाकों में कई आवासीय इमारतें, सरकारी दफ्तर और इंफ्रास्ट्रक्चर पूरी तरह तबाह हो गया. सोशल मीडिया पर सामने आई तस्वीरों में धू-धू करती इमारतें, मलबे के ढेर और घायलों की चीखें दिल दहला रही हैं. इस हमले में यूक्रेन का एक और F-16 लड़ाकू विमान भी तबाह हो गया. यूक्रेन ने अभी हाल ही में अमेरिका से यह एडवांस फाइटर जेट हासिल किए थे. 

यह तीसरा F-16 है जो इस जंग में रूस के निशाने पर आया है. हमले में विमान के पायलट माक्सिम उस्टिमेंको की भी मौत हो गई. यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा, "आज हमारे पायलट माक्सिम उस्टिमेंको शहीद हो गए. उन्होंने एक ही दिन में सात हवाई लक्ष्यों को तबाह किया. मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और साथियों के साथ हैं.''

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जेलेंस्की ने यह भी कहा कि रूस की ओर से जिन ड्रोन्स का इस्तेमाल किया गया, उनमें अधिकतर ईरान में बने शाहेद ड्रोन्स थे. उन्होंने आरोप लगाया कि रूसी सेना हर उस जगह को निशाना बना रही है जहां जीवन के कोई निशान बचे हैं. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 27 जून को एक बयान में कहा था कि मास्को इस्तांबुल में सीधे शांति वार्ता के लिए तैयार है. 

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