उत्तर प्रदेश के बलरामपुर के छांगुर बाबा धर्मांतरण सिंडिकेट की जांच लगातार जारी है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में छांगुर बाबा उर्फ जमालुद्दीन उर्फ करीमुल्ला शाह के करीबी सहयोगी नवीन रोहरा को अपनी हिरासत में ले लिया है. सोमवार को लखनऊ की स्पेशल पीएमएलए कोर्ट ने उसको ईडी की रिमांड पर भेज दिया. उससे पूछताछ की तैयारी की जा रही है.
सूत्रों के मुताबिक, नवीन रोहरा को यूपी एटीएस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था. ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में पूछताछ के लिए उसकी हिरासत की मांग की, जिस पर अदालत ने उसकी कस्टडी सौंप दी. ईडी के अनुसार, छांगुर बाबा की संपत्तियां और लेन-देन नवीन रोहरा और उनकी पत्नी नीतू रोहरा उर्फ नसरीन के नाम पर दर्ज थे, ताकि अवैध कमाई छिपाई जा सके.
ईडी ने पिछले महीने छांगुर बाबा को भी हिरासत में लिया था. इसके बाद बलरामपुर स्थित उसके पैतृक आवास और मुंबई में दो ठिकानों पर छापेमारी की गई. जांच एजेंसी ने दावा किया कि छांगुर बाबा के नेटवर्क को 22 बैंक खातों में 60 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे. इनमें विदेशों से आए बड़े फंड भी शामिल हैं. इनका इस्तेमाल जमीन और अचल संपत्तियां खरीदने में किया गया.
एटीएस की कार्रवाई और मनी लॉन्ड्रिंग की जांच
छांगुर बाबा, उसके बेटे महबूब, सहयोगियों नवीन रोहरा और नीतू रोहरा को यूपी एटीएस ने गैरकानूनी धर्मांतरण और विदेशी धन के दुरुपयोग के आरोप में गिरफ्तार किया था. यही एफआईआर आगे चलकर मनी लॉन्ड्रिंग के केस का आधार बनी. एटीएस की शिकायत में कहा गया कि बलरामपुर के चांद औलिया दरगाह परिसर से छांगुर बाबा और उनके सहयोगी एक विशाल नेटवर्क चला रहे थे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्त प्रतिक्रिया
यहां नियमित रूप से भारतीय और विदेशी नागरिकों की बड़ी सभाएं होती थीं, जिनमें अनुसूचित जातियों और आर्थिक रूप से कमजोर हिंदू समुदाय के लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए बहकाया, मजबूर किया और झांसा दिया जाता था. छांगुर बाबा की गिरफ्तारी के बाद बलरामपुर में उनसे जुड़े अवैध निर्माणों को जिला प्रशासन ने ढहा दिया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त प्रतिक्रिया दी थी.
विदेशी फंडिंग पर नजर, जांच का दायरा बढ़ा
ईडी का कहना है कि अब तक की जांच में साफ हुआ है कि 22 बैंक खातों के जरिए 60 करोड़ रुपए से अधिक की रकम आई. एजेंसी इस रकम के स्रोत और इस्तेमाल के तरीके की परतें खोलने की कोशिश कर रही है. नवीन रोहरा की ईडी कस्टडी से जांच एजेंसी को उम्मीद है कि वह छांगुर बाबा के पूरे वित्तीय नेटवर्क, हवाला चैनल और विदेशी कनेक्शन तक पहुंच सकेगी.