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निशा ने मौके पर ही तोड़ दिया था दम, जान बचाने के लिए 500 मीटर तक भागा था सूरज, महिला समेत 2 गिरफ्तार

करीब 6 साल पहले निशा ने स्कूल के दिनों से ही कुश्ती की शुरुआत की थी. 3 साल पहले वो पवन की रेस्लिंग एकेडमी में आई. 2019 में उसे यूनिवर्सिटी लेवल की चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल मिला था. वो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाना चाहती थी. मगर उसके सपने इस अखाड़े में खून-खून हो गए.

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निशा की हत्या के बाद हलालपुर गांव में लोग भड़के हुए हैं
निशा की हत्या के बाद हलालपुर गांव में लोग भड़के हुए हैं
स्टोरी हाइलाइट्स
  • दबंग किस्म का शख्स है फरार आरोपी पवन
  • जमीन पर कब्जा जमाकर चला रहा था अकादमी
  • निशा के परिजनों ने बताई वारदात की कहानी

हरियाणा में कुश्ती का अखाड़ा एक बार फिर बदनाम हुआ है. सोनीपत में रेसलर निशा दहिया और उसके भाई की गोली मारकर हत्या कर दी गई. उनकी मां घायल है. हत्या का आरोप कुश्ती कोच पर है, जो फरार है. नाराज गांव वालों ने खाप पंचायत की बैठक बुलाई. पुलिस-प्रशासन ने भरोसा दिया है कि फरार कोच को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा. इस दौरान निशा के पिता ने वारदात की जो कहानी बयां की है, वो बेहद खौफनाक है. उधर, इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है.

सोनीपत के हलालपुर गांव में गम है, गुस्सा है और हैरानी भी. सबके सामने एक ही सवाल है कि कुश्ती का अखाड़ा मौत का अखाड़ा कैसे बन गया? दहिया खाप की पंचायत में इसी बात पर गम और गुस्से का इजहार किया गया. यूनिवर्सिटी लेवल की रेसलर निशा दहिया और उसके भाई सूरज की दर्दनाक हत्या पर दुख और गम जाहिर किया गया. अस्पताल में जिंदगी की जंग लड़ रही निशा की मां की हालत पर भी अफसोस और गुस्सा जताया गया.

पंचायत ने उस कोच पवन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई, जिसने अपने साथियों के साथ मिलकर कथित तौर पर निशा और सूरज की गोली मारकर हत्या कर दी. वारदात के रोज दोपहर ढाई बजे का वक्त था. निशा के परिवारवालों के मुताबिक कोच पवन ने पहले निशा की हत्या की. फिर निशा के घर फोन किया कि निशा की तबीयत खराब है. उसे लेने एकेडमी आ जाएं. निशा की मां धनपति और भाई सूरज जब वहां पहुंचे तो निशा को जमीन पर पड़े देखा. आनन-फानन में वो पलटकर भागे तो पवन ने निशा की मां को भी गोली मार दी, वहीं, जब निशा का भाई सूरज वहां से भागा तो उसे 500 मीटर तक खदेड़ा और आखिरकार गोली मारकर उसकी भी हत्या कर दी.

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निशा के पिता दयानंद सीआरपीएफ की सिग्नल बटालियन से जुड़े हैं और उनकी तैनाती सोपोर में है. खबर मिलते ही वो फ्लाइट से दिल्ली और फिर बहादुरगढ़ पहुंचे. जहां निशा की मां और उनकी पत्नी को भर्ती कराया गया है. इसके बाद वो गांव पहुंचे. उनकी पत्नी ने ही बताया कि वारदात को पवन कोच उसके साथियों ने ही अंजाम दिया है. पवन और उसका साथी सचिन फरार हैं. बताया जा रहा है कि पवन निशा के साथ छेड़छाड़ करता था और इसका विरोध ही इस हत्याकांड की वजह बन गया. 

हलालपुर गांव के लोगों तक जैसे ही सुशील कुमार कुश्ती एकेडमी में निशा और उसके भाई की हत्या की खबर पहुंची. वो एकेडमी पहुंचे और वहां जमकर तोड़-फोड़ की और फिर वहां आग लगा दी.  

करीब 6 साल पहले निशा ने स्कूल के दिनों से ही कुश्ती की शुरुआत की थी. 3 साल पहले वो पवन की रेस्लिंग एकेडमी में आई. 2019 में उसे यूनिवर्सिटी लेवल की चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल मिला था. वो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नाम कमाना चाहती थी. मगर उसके सपने इस अखाड़े में खून-खून हो गए और उसके सपनों को उसके कोच और गुरु ने ही मौत के घाट उतार दिया.

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पवन की पत्नी भाई समेत गिरफ्तार

इस मामले में कार्रवाई करते हुए सोनीपत पुलिस ने मुख्य आरोपी पवन की पत्नी सुजाता और उसके साले अमित को गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि अभी तक पवन पुलिस की पहुंच से बाहर है. पुलिस पवन की तलाश में लगातार छापेमारी कर रही है.

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अब हलालपुर गांव आरोपी कोच पवन की दबंगई के किस्से सुना रहा है. उसने जिस जमीन पर रेसलिंग एकेडमी खोल रखी थी वो भी कब्जाई गई जमीन है. वहीं, निशा के पिता की मानें तो कुश्ती के बहाने उसने निशा का ब्रेनवाश कर दिया था और वो उनसे अक्सर पैसे ऐंठा करता था. सोहबत का असर पड़ता है. आपने सुना और देखा भी होगा. अपने शिष्य की हत्या के आरोप में तिहाड़ की हवा खा रहे सुशील कुमार के साथी कोच पवन पर एक नहीं दो-दो कत्ल और एक जानलेवा हमले का इल्जाम है. 

कोच पवन का निशा और उसके परिवार से पुराना रिश्ता था. पवन को हलालपुर के लोग गांव का दामाद मानते थे. खुद निशा के पिता दयानंद की मानें तो जब-जब जरूरत पड़ती थी वो पवन को मुंहमांगे पैसे दे दिए करते थे. निशा के पिता का कहना है कि पवन ने निशा को ऐसे सब्जबाग दिखाए थे कि उसके आगे वो अपने पिता की बात भी नहीं सुनती थी. निशा का पवन पर अटूट भरोसा था और पवन इसका जमकर फायदा उठा रहा था.

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दयानंद के मुताबिक कोच पवन ने निशा का ऐसा ब्रेनवॉश कर रखा था कि वो समझाने पर परिवारवालों से ही झगड़ा कर लेती थी. जब परिवार पवन के आगे नतमस्तक था और निशा का उस पर अटूट भरोसा था तो ऐसा क्या हुआ कि पवन ने निशा की जिंदगी खत्म कर दी? उधर, गांव वाले पवन को एक दबंग के रूप में याद कर रहे हैं. आरोप है कि जिस जमीन पर सुशील कुमार कुश्ती एकेडमी बनी है, पवन ने उस जमीन पर दबंगई से कब्जा जमाया था. इन आरोपों से ऐसा लगता है जैसे सुशील कुमार की तरह ही पवन पर भी दबंगई हावी थी. क्या इसी दबंगई ने एक कोच को जमीन पर कब्जा जमाने वाले से कातिल बना दिया?

 

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