महाराष्ट्र के पालघर में पुलिस ने मानव तस्करी और देह व्यापार के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है. इस कार्रवाई में नौ आरोपियों को गिरफ्तार किया गया, जबकि पांच महिलाओं को छुड़ाया गया है.
इनमें कई महिलाएं बांग्लादेश की नागरिक पाई गईं. जांच में सामने आया कि पीड़िताओं को अलग-अलग राज्यों और सीमापार से तस्करी कर पालघर लाया गया था. पीड़ित महिलाओं को सुरक्षित रेस्क्यू होम भेजा गया है.
जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र पुलिस के मानव तस्करी विरोधी प्रकोष्ठ को गुप्त सूचना मिली थी कि वसई के नायगांव इलाके के एक फ्लैट से सेक्स रैकेट चलाया जा रहा है.
26 जुलाई को छापेमारी के दौरान पुलिस ने यहां से पांच महिलाओं को बरामद किया. इनमें से कुछ को महाराष्ट्र के नवी मुंबई, पुणे, गुजरात और कर्नाटक जैसे राज्यों से, तो कुछ को सीमापार बांग्लादेश से तस्करी करके पालघर में लाया गया था.
देश के अलग-अलग शहरों में भेजी जाती थीं लड़कियां
पुलिस ने मौके से नौ लोगों को गिरफ्तार किया. इनमें मुख्य सरगना मोहम्मद खालिद अब्दुल बापारी (33) शामिल है, जो लड़कियों और महिलाओं को देशभर के अलग-अलग शहरों में देह व्यापार के लिए भेजता था.
देह व्यापार के इस गिरोह में मास्टरमाइंड के साथ एजेंट जुबेर हारुन शेख (38), शमीम गफ्फार सरदार (39) और दो महिलाएं भी शामिल थीं, जिन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
बांग्लादेशी लड़की का दिल दहला देने वाला खुलासा
छापेमारी के दौरान बरामद की गई एक नाबालिग पीड़िता ने पुलिस के सामने दिल दहला देने वाला खुलासा किया. उसने बताया कि उसे बांग्लादेश से धोखे से भारत लाया गया.
यहां पहुंचते ही उसे नशीले इंजेक्शन लगाए गए. इतना ही नहीं चम्मच गरम करके उसके शरीर को दागा गया. आरोपियों ने उसे मानसिक और शारीरिक रूप से इतना तोड़ा कि वह उनकी मर्जी से देह व्यापार करने को मजबूर हो गई.
बांग्लादेश से भारत के कई राज्यों तक फैला नेटवर्क
इस गिरोह से जुड़े बाकी आरोपियों की तलाश के लिए देशभर में पुलिस की टीमें भेजी गई हैं. 27 जुलाई को गिरफ्तार सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता, अनैतिक व्यापार (रोकथाम) अधिनियम, पॉक्सो कानून, किशोर न्याय अधिनियम, विदेशी अधिनियम और पासपोर्ट अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है. यह नेटवर्क बांग्लादेश से लेकर भारत के कई राज्यों तक फैला हुआ है.