
लग्जरी कार, इनकम टैक्स ऑफिसर की नेम प्लेट, पुलिस जांच में खुली पोल... दरअसल, ये कहानी है कानपुर के रितेश शर्मा की, जो SSC एग्जाम की तैयार कर रहा था. लेकिन सेलेक्शन नहीं होने पर उसने फर्जी इनकम टैक्स ऑफिसर बनने का प्लान बना डाला. करीब आठ महीने तक वो घर वालों से लेकर मोहल्ले वालों तक पर रौब झाड़ता रहा. मां-बाप तो इतने खुश थे कि उन्होंने बेटे के इनकम टैक्स ऑफिसर बनने की खबर पाते ही रिश्तेदारों-परिचितों को पार्टी दे डाली. घर में पूजा-पाठ का आयोजन भी करवाया.
लेकिन बीते दिनों जब पुलिस घर पहुंची और बेटे की करतूत सामने आई तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई. क्योंकि, बेटा कोई ऑफिसर नहीं बल्कि फ्रॉड निकला. फिलहाल, पुलिस ने आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. उसके बैंक अकाउंट भी खंगाले जा रहे हैं. आइए जानते हैं रितेश शर्मा ने कैसे अपने घरवालों के साथ-साथ बाकी लोगों को भी झांसे में रखा और कैसे वो पुलिस की गिरफ्त में आया...?
कैसे खुली फ्रॉड की पोल?
दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उत्तर प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू है. ऐसे में बुधवार देर शाम (3 अप्रैल) को कानपुर पुलिस ने चेकिंग अभियान चलाया था. तभी रावतपुर इलाके में काले रंग की एक लग्जरी कार (Kia Seltos) दिखी जिसपर आगे नंबर प्लेट की जगह बड़े अक्षरों में भारत सरकार और आयकर अधिकारी लिखा हुआ था.

पुलिस ने जब उस कार को हाथ देकर रोका तो युवक हनक में बात करने लगा. उसने खुद को इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का अधिकारी बताया. पहले तो पुलिसवाले सकते में आ गए लेकिन इस बीच एक पुलिसकर्मी ने उससे पूछ लिया कि वो इनकम टैक्स में किस पोस्ट पर तैनात है तो उसके पास कोई जवाब नहीं था. इस पर पुलिस ने और सख्ती से पूछताछ की. इसपर युवक की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गई. पुलिस उसे पकड़कर थाने ले आई. कड़ाई से पूछताछ के बाद युवक की पोल खुल गई. पकड़े गए युवक की पहचान रितेश शर्मा के रूप में हुई.
मामले में एसीपी कल्याणपुर ने बताया कि रितेश की कार में लगी लाल रंग की बड़ी सी प्लेट में आयकर विभाग लिखा था. अमूमन आईटी ऑफिसर इस तरह की प्लेट नहीं लगाते हैं, जिससे शक होने पर उसे रोका गया था. रितेश ने अपना फर्जी आईकार्ड भी दिखाया था, लेकिन पूछताछ में पुलिस ने सख्ती की तो वो टूट गया.
घर वालों को भी झांसे में लिया
स्नातक तक की पढ़ाई करने के बाद रितेश एसएससी की तैयारी कर रहा था. कहीं नौकरी न लगने पर परिजनों से झूठ बोला था की उसकी नौकरी लग गई है. रितेश ने पिता से कहा था कि आपका बेटा इतना बड़ा अधिकारी है, बाइक से जाएगा तो अच्छा नहीं लगेगा. इसके बाद वह पिता की कार से रोजाना काम पर जाने की बात कहकर घर से निकल जाता था.
आठ महीने से फर्जी ऑफिसर बनकर घूम रहा था रितेश
पता चला कि रितेश पिछले आठ महीने से फर्जी इनकम टैक्स ऑफिसर बनकर घूम रहा है. उसने अपने घरवालों को भी यही झूठ बताया था. चूंकि, इनकम टैक्स की नौकरी छोटी बात तो है नहीं. इसलिए खुशी में आकर परिवार ने घर पर पूजा पाठ करवाया. आस-पड़ोस, नाते-रिश्तेदारों को खाना भी खिलाया. कुल मिलाकर तगड़ी पार्टी दी. क्योंकि, वो सब इसी झांसे में थे कि रितेश सच में ऑफिसर बन गया है. रितश के पिता लकड़ी के ठेकेदार बताए जा रहे हैं.