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कंझावला कांड: गाड़ी चलाने वाले अमित के पास नहीं था लाइसेंस, अंकुश ने दीपक को झूठ बोलने के लिए मनाया

कंझावला कांड में आए दिन नए खुलासे हो रहे हैं. पुलिस ने पहले बताया था कि कार दीपक चला रहा था लेकिन बाद में पुलिस ने साफ किया की कार दीपक नहीं अमित चला रहा था लेकिन उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था. ऐसे में अमित के भाई अंकुश खन्ना ने दीपक से कहा कि वो पुलिस से कहे कि कार वही चला रहा था. दीपक के पास ड्राइविंग लाइसेंस था.

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कंझावला कांड में एक आरोपी फरार
कंझावला कांड में एक आरोपी फरार

दिल्ली के कंझावला केस में अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि आखिर अंजलि की मौत कैसे हुई. इस मामले में पुलिस 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है जबकि सातवीं की तलाश जारी है.

इस मामले में पहले पांच लोगों को आरोपी बनाया था जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर बताया था कि इसमें अमित और अंकुश नाम के दो और आरोपी हैं.

आज तक की टीम इन्हीं दोनों आरोपियों के मंगोलपुरी स्थित घर पहुंची जहां दूसरी मंजिर पर ये लोग रहा करते थे. अंकुश मंगोलपुरी के एक्स ब्लॉक में रहता है. एक मकान की दूसरी मंजिल पर अंकुश (बड़ा) और अमित (छोटा) दोनों भाई अपनी मां के साथ रहते हैं. फिलहाल अमित दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में है जबकि अंकुश फरार चल रहा है.

अंकुश के पड़ोसी ने आज तक की टीम को बताया कि पिछले 10 सालों से अंकुश और अमित को वो जानते हैं, पड़ोसी के मुताबिक अमित ग्रामीण सेवा वाली गाड़ी चलाता है. पुलिस की जांच में सामने आया है कि अंजलि के साथ कंझावला इलाके में जिस कार से घटना हुई थी उस कार को अमित चला रहा था.

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दिल्ली पुलिस के मुताबिक अमित ने घटना के बाद अंकुश को फोन किया और पूरी घटना की जानकारी दी जिसके बाद अंकुश ने दीपक को फोन किया. दीपक और अंकुश ऑटो से आशुतोष के घर के बाहर पहुंचे जहां बलेनो कार से अंजलि को रौंदने वाले चारों आरोपी भी पहुंचे थे.

पुलिस के मुताबिक, अमित के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं था, ऐसे में उसके भाई अंकुश खन्ना ने दीपक से कहा कि पुलिस से वह कहे कि कार वही चला रहा था. दीपक के पास ड्राइविंग लाइसेंस था. 

बता दें कि अंजलि का शव 1 जनवरी को सुबह करीब 4 बजे दिल्ली के कंझावला इलाके में सड़क पर नग्न अवस्था में मिला था. इससे थोड़ी दूर पर पुलिस ने अंजलि की दुर्घटनाग्रस्त स्कूटी बरामद की थी. पुलिस के मुताबिक, अंजलि का कार से एक्सीडेंट हुआ था. इसके बाद उसका पैर कार के अगले पहिए में फंस गया था. 

अंजलि 12 किमी तक दिल्ली की सड़कों पर घसिटती रही थी. इससे उसकी मौत हो गई थी. पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया था. साथ ही पुलिस ने बलेनो कार को बरामद किया था. पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ के आधार पर पहले बताया था कि कार दीपक चल रहा था लेकिन बाद में पुलिस ने कहा कि कार को अमित चल रहा था. 

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