Mercedes Drug Delivery Case: अहमदाबाद में ड्रग्स तस्करी का एक हाई-प्रोफाइल मामला सामने आया है, जहां मर्सिडीज कार के जरिए हाइब्रिड गांजा सप्लाई किया जा रहा था. स्टेट मॉनिटरिंग सेल ने शेला-बोपल रोड स्थित एप्पलवुड विला से 432 ग्राम हाइब्रिड गांजा जब्त किया है. इसकी कीमत करीब 15.12 लाख रुपये बताई गई है. यह गांजा 31 दिसंबर को शहर और आसपास के इलाकों में होने वाली रेव पार्टियों में सप्लाई किया जाना था. इस कार्रवाई में पुलिस ने मौके से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य सप्लायर फरार है.
रेव पार्टियों में होनी थी सप्लाई
पुलिस जांच में सामने आया है कि यह हाइब्रिड गांजा खासतौर पर नए साल की पूर्व संध्या पर आयोजित रेव और डांस पार्टियों के लिए मंगवाया गया था. अहमदाबाद शहर और जिले के फार्म हाउसों में 31 दिसंबर को बड़ी संख्या में पार्टियों का आयोजन होना था. इन्हीं पार्टियों में ड्रग्स की डिमांड को देखते हुए पहले से सप्लाई की योजना बनाई गई थी. पुलिस को इनपुट मिला था कि महंगे और हाई-क्वालिटी हाइब्रिड गांजे की खेप शहर में पहुंच चुकी है.
एप्पलवुड विला से तीन गिरफ्तार
स्टेट मॉनिटरिंग सेल ने शेला-बोपल रोड स्थित एप्पलवुड विला में छापा मारकर इस नेटवर्क का खुलासा किया. मौके से ड्राइवर राहुल भदौरिया और गांजा खरीदने आए रवि मार्कन और दर्शन पारिख को गिरफ्तार किया गया. इनके पास से 432 ग्राम हाइब्रिड गांजा बरामद हुआ है. पूछताछ में सामने आया कि यह गांजा सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए लाया गया था और इसकी सप्लाई फार्म हाउस पार्टियों में होनी थी.
थाईलैंड से मंगवाया जाता था हाइब्रिड गांजा
पुलिस के अनुसार एप्पलवुड विला में रहने वाला अर्चित अग्रवाल इस पूरे नेटवर्क का मास्टरमाइंड है. वह थाईलैंड से हाइब्रिड गांजा मंगवाता था और उसे अहमदाबाद में सप्लाई करता था. अर्चित पुलिस की नजरों से बचने के लिए बेहद शातिर तरीके अपनाता था. महंगी और लग्जरी मर्सिडीज कार का इस्तेमाल कर वह खुद को शक से दूर रखने की कोशिश करता था.
ड्राइवर को बनाता था डिलीवरी बॉय
जांच में यह भी सामने आया है कि अर्चित अग्रवाल गांजे की खेप खुद ग्राहकों तक नहीं देता था. वह अपनी मर्सिडीज कार में गांजा रखकर निकलता और डिलीवरी प्वाइंट पर ड्राइवर को गांजे के साथ छोड़ देता था. इसके बाद वह खुद वहां से निकल जाता था. ड्राइवर को हर ट्रिप के बदले करीब 10 हजार रुपये दिए जाते थे. इसी तरीके से वह गांजे की सप्लाई करवाता था.
स्टेट मॉनिटरिंग सेल की गुप्त निगरानी
अर्चित अग्रवाल की गतिविधियों की सूचना मिलने के बाद स्टेट मॉनिटरिंग सेल के एक निजी पीआई ने उस पर नजर रखना शुरू कर दिया था. सोमवार दोपहर अर्चित अपने साथी चिन्मय सोनी और ड्राइवर राहुल भदौरिया के साथ कार में घर से निकला. पुलिस ने उसका पीछा किया. कुछ दूरी पर अर्चित ने राहुल को पार्सल के साथ उतार दिया और खुद चिन्मय के साथ वहां से निकल गया.
रंगे हाथ पकड़े गए सप्लायर
राहुल भदौरिया सड़क किनारे हाथ में पार्सल लेकर खड़ा रहा. थोड़ी ही देर में रवि मार्कन और दर्शन पारिख वहां पहुंचे. जैसे ही राहुल ने उन्हें गांजा सौंपा, पहले से घात लगाए बैठे पुलिसकर्मियों ने तीनों को पकड़ लिया. मौके से गांजा जब्त कर लिया गया और तीनों को हिरासत में ले लिया गया. पुलिस ने इस कार्रवाई से रेव पार्टी सप्लाई चेन को बड़ा झटका दिया है.
फरार सप्लायर की तलाश में छापेमारी
इस मामले का मुख्य आरोपी अर्चित अग्रवाल फिलहाल फरार है. पुलिस उसकी तलाश में लगातार दबिश दे रही है. वहीं गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ कर ग्राहकों और अन्य सप्लायर्स की जानकारी जुटाई जा रही है. पुलिस का दावा है कि इस नेटवर्क के जरिए शहर में बड़े पैमाने पर ड्रग्स की सप्लाई की जा रही थी. आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं.