उत्तर प्रदेश में ग्रेटर नोएडा के चर्चित हिट एंड रन केस में आखिरकार 15 दिन बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर ही लिया. पकड़ा गया आरोपी पेशे से ठेकेदार है. उसने ही शराब के नशे में धुत होकर 31 दिसंबर की रात बीटेक की 3 छात्राओं को अपनी कार से टक्कर मारी थी. हादसे का शिकार हुई स्वीटी नाम की छात्रा अब अब तक अस्पताल में है. 45 साल के ठेकेदार ने कबूल किया है कि उसने ही पार्टी से लौटते समय छात्राओं को टक्कर मारी थी.
आरोपी गुलाब सिंह की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. दरअसल, पुलिस के पास आरोपी से संबंधित कोई भी सुराग नहीं था. ऐसे में पुलिस ने 6 से ज्यादा टीमों का गठन किया. 100 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज स्कैन किए गए. कई गैरेज मैकेनिक्स से पूछताछ की. तब कहीं जाकर पुलिस किसी तरह आरोपी तक पहुंचने में कामयाब हो सकी.
दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा में 31 दिसंबर की रात स्वीटी (22) अपनी दो सहेलियों करसोनी और अंगनबा के साथ रात 9 बजे अल्फा 2 बस स्टैंड के पास से गुजरकर डेल्टा सेक्टर की तरफ जा रही थी. मूलत: बिहार की रहने वाली स्वीटी ग्रेटर नोएडा के एक कॉलेज में बीटेक चतुर्थ वर्ष की पढ़ाई कर रही है. अचानक एक हुंडई सैंट्रो कार ने तीनों छात्राओं को जोरदार टक्कर मार दी.
हादसे के बाद वहां से गुजरी बलेनो कार में सवार शख्स ने छात्राओं को अस्पताल पहुंचाने में मदद की. डॉक्टर के मुताबिक करसोनी और अंगनबा को मामूली चोटें आईं और उन्हें अगले दिन ही छुट्टी दे दी गई, लेकिन स्वीटी हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गई और जनवरी 2023 की शुरुआत में एक निजी अस्पताल में उसकी ब्रेन सर्जरी करनी पड़ी. हालांकि, अब स्वीटी का हालत स्थिर है.

हादसे के बाद पुलिस ने कार चालक की तलाश शुरू की. पुलिस की कुछ टीमें सीसीटीवी फुटेज खंगाले में लग गईं तो वहीं कुछ टीमों ने इलाके के कार मैकेनिकों से सैंट्रो कार के बारे में पूछताछ की. एक स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरे से घटना के समय वहां से गुजरती 3 गाड़ियों के फुटेज मिले. इनमें एक ऑडी, एक सैंट्रो और एक बलेनो थी. बलेनो चालक ने छात्राओं को अस्पताल पहुंचाने में मदद की थी.
सबसे पहले पुलिस ने ऑडी का पता लगाकर उसकी तलाशी ली. कार चालक ने पुलिस को बताया कि उसने सफेद रंग की एक सैंट्रो कार देखी थी. हालांकि, उसे पूरा नंबर याद नहीं, लेकिन गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर यूपी 16 (गौतम बौद्ध नगर) था . ऑडी मालिक से मिली जानकारी के बाद पुलिस ने कार मैकेनिकों से पूछताछ करने वाली पुलिस टीम और बढ़ा दी.
पुलिस ने सफेद रंग की सैंट्रो कार को ट्रेस करना शुरू किया. एक मैकेनिक ने बताया कि ऐसी एक कार तुगलपुर गांव के एक वर्कशॉप में जा रही है. इस गाड़ी का नंबर यूपी 16 एबी 2700 है. कार 2014 मॉडल की है और इसका मालिक गुलाब सिंह पेशे से ठेकेदार है. जब पुलिस ने गुलाब सिंह से पूछताछ की तो उसने एक्सीडेंट की बात स्वीकार कर ली.
गुलाब सिंह ने बताया कि वह 31 दिसंबर को एक पार्टी से घर लौट रहा था. नशे में उसने छात्राओं को टक्कर मार दी. उसने पुलिस को बताया कि वह नशे में इतना ज्यादा धुत था कि उसे याद ही नहीं है कि उस रात क्या हुआ और वह घर कैसे पहुंचा? दरअसल, पुलिस को ठेकेदार की जानकारी एक मैकेनिक ने दी थी, जिसके गैरेज में ठेकेदार गुलाब सिंह ने अपनी कार का टूटा हुआ शीशा ठीक कराया था. मैकेनिक के पूछने पर गुलाब सिंह ने कहा था कि जो होना था हो गया, वह गाड़ी का शीशा बदल दे.
पुलिस ने की 11 लाख की मदद
इस हादसे में पुलिस का मानवीय चेहरा भी सामने आया. पुलिस ने स्वीटी के इलाज के लिए 11 लाख रुपये की आर्थिक मदद की. इसमें एक लाख रुपए पुलिस प्रमुख ने दिए थे. पुलिस आयुक्त लक्ष्मी ने मामले को सुलझाने में शामिल पुलिस टीमों को 25,000 रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी.