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नया नाम, नई पहचान और दूसरी शादी... पत्नी की हत्या के 21 साल बाद यूं गिरफ्तार हुआ 'कातिल' पति

Delhi Murder Case: दिल्ली में पत्नी की बेरहमी से हत्या करने के बाद फरार रहा एक शख्स को पुलिस ने 21 साल बाद गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी की पहचान 60 वर्षीय वीरपाल उर्फ मैजू के रूप में हुई है. उसे दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से गिरफ्तार किया है.

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हत्या के बाद फरार रहा एक शख्स को पुलिस ने 21 साल बाद गिरफ्तार कर लिया. (Photo: X/@CrimeBranchDP)
हत्या के बाद फरार रहा एक शख्स को पुलिस ने 21 साल बाद गिरफ्तार कर लिया. (Photo: X/@CrimeBranchDP)

दिल्ली में पत्नी की बेरहमी से हत्या करने के बाद फरार रहा एक शख्स को पुलिस ने 21 साल बाद गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी की पहचान 60 वर्षीय वीरपाल उर्फ मैजू के रूप में हुई है. उसे दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से गिरफ्तार किया है. फरारी के दौरान हत्यारोपी अपनी पहचान बदल कर रहा था. इतना ही नहीं उसने दूसरी शादी भी कर ली थी. उसकी तीन बेटियां भी हैं. 

पुलिस उपायुक्त (अपराध) आदित्य गौतम ने बताया कि ये मामला 22 सितंबर 2004 का है. जहांगीरपुरी थाने में कॉल आई कि एक किराएदार ने अपनी पत्नी और बच्चे पर जानलेवा हमला किया है. इसके बाद घर छोड़कर फरार हो गया है. सूचना मिलते ही पुलिस टीम जब मौके पर पहुंची तो वहां का दृश्य रोंगटे खड़े करने वाला था. वहां एक महिला खून से लथपथ पड़ी थी. उसका मुंह साड़ी से कसकर बांधा गया था. 

महिला के चारों ओर टूटी हुई चूड़ियां बिखरी थीं. उसके पास ही खून से सनी ईंट और एक टूटा हुआ दांत पड़ा था. उसकी मौत हो चुकी थी, लेकिन उसके पास उसका बेटा घायलावस्था में पड़ा हुआ था. पुलिस ने उसे तुरंत अस्पताल पहुंचाया. इलाज के बाद बच्चे ने चौंका देने वाला खुलासा किया. उसने बताया कि उसके पिता वीरपाल उर्फ मैजू और चाचा सुरेश कुमार उर्फ सैजू ने उसकी मां पर जानलेवा हमला किया था.

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अपनी शादी से नाखुश था वीरपाल

उन दोनों पहले महिला का मुंह साड़ी से बांध दिया. इसके बाद ईंट से कुचलकर उसकी हत्या कर दी. बच्चे की गवाही और क्राइम सीन से मिले सबूतों के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ दिल्ली के जहांगीरपुरी थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या की कोशिश) और 34 (समान इरादे) के तहत मामला दर्ज किया गया था. एफआईआर संख्या 681/2004 के आधार पर जांच शुरू की गई.

उम्रकैद की सजा काट रहा है सुरेश

पुलिस जांच में पचा चला कि वीरपाल अपनी शादीशुदा जिंदगी से खुश नहीं था. पत्नी से उसके संबंध बहुत खराब था. दोनों के बीच आए दिन झगड़े होते थे. इसी नफरत ने धीरे-धीरे उसे हैवान बना दिया. वारदात वाले दिन दिन उसने पत्नी पर ईंट से हमला किया, जिससे उसकी मौत हो गई. पुलिस ने सहआरोपी सुरेश उर्फ सैजू को साल 2007 में गिरफ्तार किया. अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

2005 में भगोड़ा अपराधी घोषित

सुरेश इस समय दिल्ली की तिहाड़ जेल में सजा काट रहा है. लेकिन वीरपाल वारदात के बाद ऐसे गायब हुआ कि उसका कोई सुराग नहीं मिला. फरार होने के बाद वीरपाल सबसे पहले फर्रुखाबाद स्थित अपने गांव गया, जहां उसे अपनी पैतृक संपत्ति बेच डाली. इसके बाद उसने अपनी नई पहचान और नाम के साथ लखनऊ में रहने लगा. उसने नया नाम विजय उर्फ रामदयाल रखा. मजदूरी करके पेट पालता रहा.

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21 साल बाद कसा कानूनी शिकंजा

इसी बीच उसने दूसरी शादी भी कर डाली. उसकी तीन बेटियां हुईं. पड़ोसियों के लिए वह महज एक दिहाड़ी मजदूर था, लेकिन हकीकत में वह एक कत्ल का फरार अपराधी था. दिल्ली पुलिस की एनडीआर यूनिट ने फरार अपराधी की तलाश के लिए एक विशेष टीम बनाई. इंस्पेक्टर विवेक मलिक के नेतृत्व में एसआई इमरान खान, देवी दयाल, गुरमीत, उमरदीन और एचसी रामनरेश की टीम ने ट्रैकिंग शुरू कर दी.

पुलिस के सामने कबूल किया गुनाह

पुलिस टीम के लगातार प्रयासों से खुफिया सूचना मिली कि लखनऊ में विजय नाम से रह रहा एक व्यक्ति दरअसल वीरपाल ही है. इसके बाद लखनऊ में एक अभियान चलाया गया और आखिरकार 21 साल बाद उसे गिरफ्तार करके सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया. पुलिस की पूछताछ में वीरपाल ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. यह गिरफ्तारी पुलिस की लंबी मेहनत और खुफिया निगरानी का नतीजा है.

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