महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में निवेश पर अच्छे रिटर्न का वादा करके चार लोगों से 3.2 करोड़ रुपए ठगने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों की पहचान आमगांव तहसील के बनिया मोहल्ला निवासी आरोपी किसान पांडे (21) और कन्हैयालाल पांडे (24) के रूप में हुई है.
पुलिस को संदेह है कि उनके खिलाफ और भी लोग धोखाधड़ी की शिकायत लेकर सामने आ सकते हैं. मौजूदा मामले में चार लोगों को जून 2021 से दिसंबर 2023 के बीच ठगा गया. आरोपियों ने चारों पीड़ितों को हर महीने 7-8 प्रतिशत का अच्छा रिटर्न देने का लालच दिया था.
इस तरह 3.19 करोड़ रुपए वसूलने के बावजूद दोनों ने पीड़ितों को कभी कोई पैसा नहीं दिया. इसके बाद पीड़ितों ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया. पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया है. उनको 19 जून तक पुलिस हिरासत में रखा गया है.
शेयर ट्रेडिंग में एक व्यक्ति ने गंवाए 94 लाख रुपए
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के एक 48 वर्षीय व्यक्ति ने शेयर ट्रेडिंग घोटाले का शिकार होकर करीब 94 लाख रुपए गंवा दिए. कल्याण इलाके के रहने वाले इस व्यक्ति के साथ 9 अप्रैल से 21 मई के बीच धोखाधड़ी की गई. पुलिस ने इस मामले में पीड़ित की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है.
पीड़ित ने अपनी शिकायत में कहा है कि उसे 'द वैल्यू टीम ए 13' नाम का एक व्हाट्सएप ग्रुप मिला, जिसमें कई सदस्य खुद को विशेषज्ञ बता रहे थे. वो लोग शेयर बाजार के जरिए पैसे कमाने के टिप्स दे रहे थे. इसी बीच उन लोगों ने एक एप्लिकेशन का उपयोग करके निवेश करने के लिए प्रेरित किया.
उनके बताए गए एप्लिकेशन के जरिए पीड़ित ने कुल 93.6 लाख रुपए का निवेश कर लिया, लेकिन बदले में उसे कोई पैसा नहीं मिला. जब उसे एहसास हुआ कि उसके साथ धोखा हुआ है, तो उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस सबूत जुटाने और आरोपियों का पता लगाने की कोशिश कर रही है.
3 साल में 47 फीसदी भारतीयों के साथ हुआ फ्रॉड
देश में बीते कुछ बरसों के दौरान फाइनेंशियल फ्रॉड के मामलों में तेजी आई है. लोकलसर्किल्स के एक ताजा सर्वे में दावा किया गया है कि बीते 3 साल में 47 फीसदी भारतीयों ने एक या ज्यादा फाइनेंशियल फ्रॉड का अनुभव किया है. यानी कि देश की आधी आबादी इस वक्त साइबर ठगों की पहुंच में हैं, जो किसी न किसी तरह से लोगों को चूना लगा रहे हैं. इस सर्वे में ये भी कहा गया कि इनमें UPI और क्रेडिट कार्ड से जुड़ी फाइनेंशियल फ्रॉड सबसे आम हैं. आधे से ज्यादा लोगों को क्रेडिट कार्ड पर अनऑथराइज्ड चार्ज लगाए जाने का सामना करना पड़ा है.
पिछले 3 साल में मिले डेटा के आधार पर लोकलसर्किल्स ने कहा है कि 10 में से 6 भारतीय फाइनेंशियल फ्रॉड की सूचना रेगुलेटर्स या लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों को नहीं देते हैं. सर्वे में शामिल लोगों में से 43 फीसदी ने क्रेडिट कार्ड पर फ्रॉड वाले ट्रांजैक्शन की बात कही है. 36 फीसदी ने कहा कि उनके साथ फ्रॉड वाला UPI ट्रांजैक्शन हुआ है. क्रेडिट कार्ड फ्रॉड के बारे में 53 फीसदी लोगों ने अनऑथराइज्ड चार्ज के बारे में बात की है.
वहीं RBI के डेटा की बात करें तो 2023-24 में फ्रॉड के मामले 166 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 36 हजार से भी ज्यादा रहे हैं. हालांकि इनमें शामिल रकम 2022-23 के मुकाबले के मुकाबले आधी यानी 13 हजार 930 करोड़ रुपए रही है. साइबर फ्रॉड के मामले में समस्या ये है कि ये शातिर हर बार कोई नया तरीका खोज लाते हैं. इसके अलावा कस्टम्स विभाग के नाम पर किए जा रहा पुराना ठगी फॉर्मूला अभी भी जारी है.