उत्तर प्रदेश की कासगंज पुलिस इन दिनों चर्चाओं में बनी हुई है. इसकी वजह पुलिस का कोई कारनामा नहीं बल्कि थाने में एक नौजवान की मौत है. पुलिस हिरासत में मौत का यह मामला यूपी पुलिस के लिए गले की फांस बन गया है. हर तरफ से पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं. खासकर पुलिस की उस थ्योरी पर सवाल उठाए जा रहे हैं, जो पुलिस ने इस मौत की वजह बताई है. साफतौर पर कहा जाए तो कासगंज के नौजवान अल्ताफ की मौत की गुत्थी को पुलिस ने इतना उलझा दिया है कि अब पीड़ित परिवार सीबीआई जांच की मांग कर रहा है.
यूं तो ये मामला किसी फाइल में दबकर दम तोड़ देता. लेकिन 22 साल के युवक अल्ताफ की मौत के इस मामले में खुद पुलिस की कहानी ने झोल पैदा कर दिया. पुलिस की कहानी ही इस मामले को चर्चाओं में लाने की वजह बन गई. बीते मंगलवार को जब यह मामला सामने आया तो पुलिस ने अपनी जान बचाने के लिए ऐसी कहानी बताई जिस पर यकीन कर पाना मुश्किल हो रहा है.
विज्ञान से परे पुलिस की थ्योरी
कासगंज पुलिस ने कहा कि अल्ताफ ने थाने के शौचालय में लगे 2 फीट के नल से टी शर्ट के हुड में लगी रस्सी का फंदा बनाकर फांसी लगा ली और आत्महत्या कर ली. यह बात विज्ञान और जांच की समझ से भी परे है कि साढ़े 5 फुट का आदमी 2 फुट के नल से लटककर खुदकुशी कैसे कर सकता है. लेकिन पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी अल्ताफ की मौत की वजह हैंगिंग बताई गई है. कासगंज पुलिस का कहना है कि इस मामले की जांच निष्पक्ष तरीके से की जा रही है और तो और मामले को जांच के लिए मजिस्ट्रेट के पास भी भेजा गया है.
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मजिस्ट्रेट जांच की अनुशंसा
कासगंज में सदर कोतवाली के शौचालय में लगी नल की टोंटी से युवक के फांसी लगाने का दावा किया जा रहा है. अल्ताफ को पुलिस ने लड़की भगाने के आरोप में गिरफ्तार किया था. जिले के पुलिस अधीक्षक रोहन बोत्रे अपनी पुलिस की थ्योरी पर कायम हैं. उन्होंने आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि इस मामले में सभी पहलुओं को खंगाला जा रहा है और मजिस्ट्रेट जांच की अनुशंसा भी कर दी गई है.
पुलिस हिरासत में अल्ताफ का वीडियो वायरल
इस बीच कासगंज थाने का एक वीडियो भी वायरल हुआ है. जिसमें दिखाई पड़ रहा है कि थाने के शौचालय में अल्ताफ आधी लेटी अवस्था में है और उसके गले में पतली रस्सी है, जो कि शौचालय के नल से बंधी हुई है. हालांकि आजतक इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता. अल्ताफ की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और पंचनामे की कॉपी भी आज तक के हाथ लगी है. जिसमें लिखा है कि अल्ताफ को गैस्पिंग कंडीशन में अस्पताल लाया गया था यानि जब उसे अस्पताल लाया गया, तब वह जिंदा था और दम घुटने की वजह से तड़प रहा था.
कासगंज पुलिस का भी कहना है कि अस्पताल ले जाने तक वो जिंदा था और इलाज के दौरान उसकी मौत हुई. पुलिस के सबूत और कागज कुछ भी कहें लेकिन किसी का भी बयान उस पिता, मां और दादी के जख्मों पर मरहम नहीं लगा सकता. जिसने अपना बेटा और पोता खोया है. माता पिता की तो मानों दुनिया उजड़ गई है क्योंकि उनका अल्ताफ उन्हें छोड़कर चला गया. घर में मातम का माहौल है अल्ताफ का फतिया पढ़ा तो गया लेकिन एक निवाला भी परिजनों के हलक से नीचे उतार नहीं पा रहा है.
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बेहाल है अल्ताफ का परिवार
उसके मां-बाप की तबीयत बिगड़ गई है. हौसला देने के लिए पूरा कस्बा और सियासी दल के लोग कासगंज पहुंच रहे हैं. नम आंखों से रोती बिलखती अल्ताफ की दादी रहीसन बताती हैं कि आखिर उस दिन क्या हुआ था. अल्ताफ की दादी कहती हैं कि उस लड़की के पिता और भाई घर पर आए थे और जब उन्होंने पूछा अल्ताफ कहां है तो मैंने ही बताया कि वह घर पर है. इसके बाद पुलिस वाले आए और उसे ले गए. अल्ताफ की दादी कहती हैं कि अगले दिन भी जब अल्ताफ का छोटा भाई उसे देखने थाने गया तो वह जिंदा था. लेकिन कुछ घंटों में क्या हुआ, जिसके बाद उनकी दुनिया उजड़ गई.
सीबीआई जांच की मांग
दादी ने अपना पोता खोया और अब आंसू पोछने के लिए जिस बेटे का सहारा है, वह खुद अपना बेटा खोने की वजह से गमगीन है और सिर्फ अपने मरे हुए बेटे के लिए इंसाफ की मांग कर रहा है. बिस्तर पर बेसुध लेटे अल्ताफ के पिता चांद मियां का कहना है कि मुझे मेरे बेटे के लिए सिर्फ इंसाफ चाहिए. इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच की अनुशंसा भले ही कर दी गई हो लेकिन परिवार अब सीबीआई जांच की मांग कर रहा है. अल्ताफ की बुआ ने कहा है कि हमें नहीं पता न्यायिक जांच और मजिस्ट्रियल जांच क्या होती है, क्योंकि हम पढ़े लिखे नहीं हैं. हम चाहते हैं कि इस केस की सीबीआई जांच हो और हमें इंसाफ मिले.
पुलिस के दबाव में दिया था बयान
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस पर अल्ताफ के पिता चांद मियां से कोरे कागज पर जबरन अंगूठा लगवाने और दबाव में बयान दिलाने का इल्जाम भी लग रहा है. गुरुवार को अल्ताफ के पिता ने बयान देते हुए कहा कि पुलिस ने उनसे जो बयान पहले लिया था, वह दबाव में लिया था. वे पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं है. इससे पहले बुधवार की रात अल्ताफ के पिता की ओर से एक बयान सामने आया था, जिसमें लिखा था कि वह पुलिस की जांच से संतुष्ट हैं और उन्हें पुलिस से कोई शिकायत नहीं है. गुरुवार की सुबह उन्होंने खुलासा करते हुए कहा कि वो बयान उन्होंने पुलिस के दबाव में दिया था.
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नाबालिग लड़की के गायब हो जाने का मामला
बताया जा रहा है कि अल्ताफ को किसी लड़की से मोहब्बत थी. मगर लड़की किसी और के साथ गायब हो गई. मामला पुलिस तक पहुंचा. पुलिस को शक हुआ कि लड़की के गायब होने में अल्ताफ का हाथ है. पुलिस ने छानबीन शुरु की और इस चांद मियां ने अपनी औलाद को अपने हाथों से पुलिस को सौंप दिया, ये सोचकर कि बेटा बेगुनाह है, छूट ही जाएगा. चांद मियां ने कहा कि मैं चौकी तक आया मुझे फटकार कर भगा दिया गया. शुरुआत में चांद मियां ने आरोप लगाया कि पुलिस वालों ने उसे लगाई फांसी. वहीं पुलिस का दावा है कि अल्ताफ ने अपनी जैकेट की डोरी से हवालात की वॉशरूम में नल से लटक कर जान दे दी.
अल्ताफ की मौत पर सियासत में उबाल
कस्टोडियल डेथ के इस मामले के तूल पकड़ते ही कासगंज पुलिस ने पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया था. अल्ताफ की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसकी मौत की वजह फांसी को बताया गया है. इस पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को कासगंज पुलिस के लिए राहत के तौर पर देखा जा सकता है. लेकिन इस मामले में पुलिस की थ्योरी पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी समेत तमाम विपक्षी दलों ने इस मामले को लेकर सीधे-सीधे उत्तर प्रदेश पुलिस और सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर सवाल उठाया है.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पुलिस की थ्योरी पर सवाल उठाते हुए कहा, 'आखिर 5 फुट 6 इंच लंबे अल्ताफ ने 2 फीट की ऊंची नल की टोटी से कैसे फांसी लगा ली? कासगंज में पूछताछ के लिए लाए गए युवक के थाने में मौत का मामला संदेहास्पद है. कुछ पुलिसवालों का निलंबन सिर्फ दिखावटी कार्रवाई है, न्यायिक जांच होनी चाहिए.' इस मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने मांग करते हुए कहा कि सरकार घटना की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों को सख्त सजा दे.
ओवैसी ने बताया मर्डर
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी फिर अपने तथ्य मीडिया के सामने रखे. उन्होंने जोर देकर कहा है कि अल्ताफ की मौत पुलिस कस्टडी में ही हुई है. उन्होंने ये भी सवाल उठाया है कि कोई शख्स जैकेट की टोपी की डोरी से बांधकर कैसे फांसी लगा सकता है? ओवैसी के मुताबिक इस मामले में पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है. लेकिन सवाल है कि ऐसा क्यों किया गया? उन्होंने ने अल्ताफ की मौत को हत्या करार दिया.
सख्त कार्रवाई के आदेश
यूपी के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव को आड़े हाथों लिया है. सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि अखिलेश को टोंटी का बड़ा ज्ञान है. थाने में युवक की मौत के सवाल पर सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आजतक से कहा, 'एक प्रक्रिया की तहत कार्रवाई की गई है. विपक्ष इसे सांप्रदायिकता का रंग चढ़ाने का काम कर रही है. ये सिर्फ इसलिए क्योंकि एक मुस्लिम की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हुई है. इसलिए विपक्षी दल तुष्टीकरण की नीति के तहत ये सब कर रहे हैं.' वहीं, इस मामले में यूपी पुलिस की किरकिरी होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि ऐसी घटनाओं को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार गंभीर है, दोषियों को खिलाफ सख्त कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं.