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शक, शराब की ज़िद और बेरहमी... पति ने जान लेने से पहले नर्क बना दी थी जिंदादिल मधु की जिंदगी, दुखभरी है दास्तान

लखनऊ में मर्चेंट नेवी ऑफिसर अनुराग सिंह की पत्नी मधु की संदिग्ध मौत ने सबको चौंका दिया है. परिजनों का आरोप है कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि एक सुनियोजित हत्या है. पढ़ें पूरी कहानी, कैसे दहेज, शक, और हिंसा ने छह महीने की शादी को मौत में बदल दिया.

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मधु की हत्या के मामले में उसके पति को गिरफ्तार किया गया है (फोटो- ITG)
मधु की हत्या के मामले में उसके पति को गिरफ्तार किया गया है (फोटो- ITG)

Lucknow Madhu Murder Case: वो सिर्फ 24 साल की थी. नाम था मधु. बेहद खुशमिजाज, आत्मनिर्भर, और ज़िंदगी से भरी हुई. कुछ ही महीने पहले मर्चेंट नेवी के सेकेंड अफसर अनुराग सिंह से शादी की थी. सात फेरों के साथ सात वचन लिए थे, नए सपनों का संसार बसाया था. लेकिन किसी को क्या पता था कि महज़ छह महीने के भीतर ये रिश्ता मौत की डोर से बंध जाएगा. 5 अगस्त की सुबह, मधु की लाश उसके घर में फंदे से लटकी मिली और अब उसका वही पति, जिसके साथ उसने सात जन्मों का साथ मांगा था, उसकी मौत के मामले में गिरफ्तार हो चुका है.

हत्या या आत्महत्या?
क्या ये आत्महत्या थी, जैसा अनुराग कह रहा है? या फिर एक सुनियोजित हत्या, जैसा मधु का परिवार दावा कर रहा है? शक, दहेज, हिंसा और एक टूटी हुई लड़की की चीखती हुई ऑडियो रिकॉर्डिंग. यह कहानी सिर्फ एक मौत की नहीं, बल्कि उस सिस्टम की भी है जो कई बार सुनने से पहले ही फैसला कर देता है. अब पढ़िए, वो पूरी सच्चाई जिसका खुलासा खुद मधु के परिवार ने किया और जांच में जिसकी परतें खुलती जा रही है.

प्यार, शादी और फिर मौत की खबर
लखनऊ में 24 साल की मधु की मौत ने पूरे शहर को झकझोर दिया है. महज छह महीने पहले मर्चेंट नेवी में सेकेंड अफसर अनुराग सिंह से उसकी शादी हुई थी. लेकिन 5 अगस्त की सुबह उसका शव घर में फंदे से लटका मिला. अनुराग ने फोन पर मधु के पिता को बताया कि उसने आत्महत्या कर ली है. परिजनों को ये आत्महत्या नहीं, बल्कि एक सुनियोजित हत्या लगती है. पुलिस ने भी संदेह के आधार पर जांच शुरू की और अगले ही दिन अनुराग को गिरफ्तार कर लिया.

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जिंदादिल मधु की जिंदगी कैसे बनी नर्क
मधु सिंह एक पढ़ी-लिखी, आत्मनिर्भर और खुशमिजाज युवती थी. उसे घूमना, पार्टी करना और जिंदगी को खुलकर जीना पसंद था. लेकिन शादी के कुछ ही हफ्तों बाद उसकी जिंदगी बदल गई. बहन प्रिया के मुताबिक, अनुराग का व्यवहार अचानक बदल गया. वह शक्की, हिंसक और दहेज का भूखा साबित हुआ. परिवार का कहना है कि अनुराग ने मधु से 15 लाख रुपये की मांग की थी, और इसके बाद मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न का सिलसिला शुरू हो गया.

पति का शक और शराब की ज़िद
प्रिया ने बताया कि अनुराग शराब का आदी था और वह मधु पर भी शराब पीने का दबाव डालता था. जब वह इनकार करती, तो बेल्ट से पीटता. अनुराग को इस कदर शक था कि उसने मधु को अपनी बहन प्रिया से भी बात करने से मना कर दिया. यहां तक कि वह दोनों बहनों के रिश्ते पर भी आपत्तिजनक आरोप लगाता था. मधु पूरी तरह से कैद होकर रह गई थी. एक बार तो उसने बहन को फोन कर कहा, "जल्दी आ जाओ, वरना ये मुझे मार देगा."

कॉल रिकॉर्डिंग में मौत की आहट
10 मार्च को एक दिन सिर्फ प्लेट रखने को लेकर हुए झगड़े में अनुराग ने मधु को बुरी तरह पीटा. उसी दिन मधु ने बहन प्रिया को कॉल कर मदद मांगी थी. उसकी रोती हुई कांपती आवाज आज भी मोबाइल में रिकॉर्ड है. यही ऑडियो रिकॉर्डिंग परिजनों के लिए सबसे बड़ा सबूत है कि मधु डरी हुई थी और उसे अपनी मौत का अंदेशा था. परिवार का कहना है कि मधु ऐसा कदम उठाने वाली लड़की नहीं थी, उसकी आत्महत्या की थ्योरी गले नहीं उतरती.

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गड्ढा, गाड़ी और हत्या की पटकथा
4 अगस्त की रात अनुराग और मधु कार में निकले थे. अनुराग शराब पी रहा था और मधु गाड़ी चला रही थी. रास्ते में एक गड्ढे से बचते हुए जब मधु ने गाड़ी मोड़ी तो अनुराग ने शक जताते हुए कहा, "लड़कों को देखकर गाड़ी घुमा दी?" इसी बात पर कार में झगड़ा हुआ. अगली सुबह अनुराग ने मधु के पिता को फोन कर बताया कि मधु ने फांसी लगाकर जान दे दी. लेकिन जब परिवार घर पहुंचा, तब तक शव फंदे से नीचे उतारा जा चुका था.

कमरे की हालत और नौकरानी की गवाही
परिजनों के मुताबिक, कमरे में सबकुछ बिखरा हुआ था, दीवारों पर खरोंच के निशान थे. इससे स्पष्ट था कि वहां संघर्ष हुआ था. अनुराग ने दावा किया कि उसने नौकरानी को छुट्टी दे दी थी. लेकिन जब पुलिस ने नौकरानी से पूछताछ की, तो उसने बताया कि वह रोज की तरह तय समय पर पहुंची थी. दरवाजा बहुत देर तक खटखटाया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. यह बयान भी मधु की मौत को संदिग्ध बनाता है.

अचानक छुट्टी और शक का खेल
मधु के परिजनों ने बताया कि अनुराग ने 30 अप्रैल को बताया था कि वह छह महीने के लिए समुद्री ड्यूटी पर जा रहा है. लेकिन वह अचानक 22 जुलाई को घर लौट आया. और ठीक 10 दिन बाद मधु की मौत हो गई. परिजन इस घटनाक्रम को संयोग नहीं, बल्कि एक साजिश मानते हैं. उनका कहना है कि यह एक प्री-प्लान्ड मर्डर हो सकता है, जिसमें अनुराग ने सबकुछ सोच-समझकर किया है.

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जबरन कराया था गर्भपात
सबसे गंभीर आरोप यह है कि जब मधु गर्भवती हुई, तो अनुराग ने उसे जबरन गर्भपात के लिए मजबूर किया. मधु के पिता ने कहा कि अनुराग के कई महिलाओं से संबंध थे, और जब मधु को इस बारे में पता चला, तो दोनों के बीच झगड़े बढ़ गए. मानसिक तनाव से जूझ रही मधु, धीरे-धीरे टूटती चली गई. परिजनों का कहना है कि वे जानते थे मधु परेशान है, लेकिन यह नहीं सोचा था कि उसकी जिंदगी इतनी जल्दी खत्म हो जाएगी.

परिजनों को इंसाफ की आस
डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि मधु के पिता की तहरीर के आधार पर अनुराग के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है और कॉल रिकॉर्ड, मोबाइल डेटा, घटनास्थल की फॉरेंसिक रिपोर्ट और नौकरानी के बयान के आधार पर गहराई से जांच की जा रही है. पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. उधर मधु के माता-पिता और बहन प्रिया को अब भी सिर्फ एक ही उम्मीद है – वो है इंसाफ.

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