
बिहार के कटिहार जिले में दस दिन पहले एक कुछ ऐसा हुआ कि अब ट्विटर पर #कटिहार_नरसंहार ट्रेंड कर रहा है. दरअसल, वहां दो गुटों के बीच खूनी संघर्ष हुआ, जिसे गैंगवार बताया जा रहा है. इस घटना में कुछ लोगों के मारे जाने की खबर भी है. मृतकों की संख्या को लेकर अलग-अलग दावे भी किए जा रहे हैं. आखिर क्या थी ये वारदात? और इसे क्यों बताया जा रहा है नरसंहार? हम आपको बताने जा रहे हैं इस दिल दहला देने वाली वारदात की पूरी कहानी.
बकिया दियारा इलाके की खासियत
बिहार में कटिहार जिले का बकिया दियारा इलाका बहुत अहम माना जाता है. इसकी वजह है कि जिले से गंगा नदी होकर गुजरती है. जिसके दोनों तरफ ये इलाका दूर तक फैला हुआ है. इस इलाके में हमेशा से फसलों और जमीन को लेकर वर्चस्व की लड़ाई होती रहती है. लड़ने वाले दबंग और अपराधी किस्म के लोग हैं. जो इस इलाके में सक्रिय रहते हैं. दियारा का इलाका इतना दुर्गम है कि खराब भौगोलिक स्थिति की वजह से पुलिस को भी इस जगह पहुंचने में काफी वक्त लग जाता है. और सबसे गौर करने वाली बात ये है कि दियारा क्षेत्र में दो राज्यों और तीन जिलों का बॉर्डर मिलता है. झारखंड का साहेबगंज, बिहार का भागलपुर और कटिहार जिला.
2 दिसंबर 2022, बकिया दियारा, कटिहार
सुबह से ही बरारी थानाक्षेत्र मोहना चांदपुर के पास बकिया दियारा इलाके में कुछ गहमा-गहमी सी थी. जैसे ही सुबह के दस बजे अचानक पूरा इलाका गोलियों की आवाज़ से गूंजने लगा. असल में दो गिरोह आमने-सामने थे. दोनों गिरोह के लोगों के बीच गोलीबारी हो रही थी. एक गैंग ने दूसरे गैंग के लोगों पर हमला किया था. जिस गैंग पर हमला हुआ था, वो अपने बचाव में गोली चला रहा था.

5 लोगों के मारे जाने की ख़बर
दोनों गैंग के बीच गोलीबारी का ये सिलसिला एक-दो घंटे नहीं बल्कि करीब 5 घंटे तक चला. दोनों तरफ से सैंकड़ों राउंड फायरिंग की गई. इसके बाद जाकर गोलीबारी थमी. उस दौरान खबर आई कि इस गोलीबारी के दौरान एक ही गैंग के पांच लोग मौके पर मारे गए. जिनमें से चार की लाशों को गंगा में बहा दिया गया या दूसरे गैंग के लोग उन लाशों को साथ ले गए. जबकि एक लाश भागलपुर भेज दी गई.
पुलिस का एक्शन
इतना सब हो जाने के बाद घटना की सूचना पुलिस को मिली. तब कटिहार जिले के कई थानों की पुलिस फोर्स मौका-ए-वारदात पर पहुंची. पुलिस अब वहीं कैंप कर रही है. इस गैंगवार में शामिल अपराधी पुलिस के रडार पर हैं. उनकी तलाश में दबिश दी गई. कई इलाकों में छापेमारी की गई. इस वारदात के बाद इलाके में दहशत और तनाव का माहौल था.
घटना पर एसपी का बयान
जब इस घटना को लेकर कटिहार के आरक्षी अधीक्षक जितेंद्र कुमार से पूछा गया तो उनका कहना था कि इस घटना में सिर्फ एक व्यक्ति को गोली लगी है. यह अपराधियों के बीच गोलीबारी का मामला है. ये आपस में लड़ते रहते हैं. लेकिन उन्होंने ये नहीं बताया कि कितने लोगों की मौत हुई है. एसपी ने जिस शख्स को गोली लगने की बात कही थी, उसकी बाद में मौत हो गई. उसकी शिनाख्त पूर्व सैन्यकर्मी अरविंद यादव के तौर पर हुई थी, जो रंगरा ओपी क्षेत्र के सधवा का रहने वाला था.

12 दिसंबर 2022
इस गोलीबारी के 10 दिन बाद अचानक सोमवार को #कटिहार_नरसंहार ट्विटर पर ट्रेंड करने लगा. इसके बाद आजतक की टीम ने कटिहार के एसपी जितेंद्र कुमार से इस मामले पर बात की. तब उन्होंने इस गैंगवार में 4 लोगों के मारे जाने की पुष्टि कर दी. लेकिन बावजूद इसके उन्होंने किसी मृतक के नाम का खुलासा नहीं किया. उनका कहना था कि मारे गए चारों लोगों एक ही वर्ग के हैं. इस मामले की जांच के लिए एक एसआईटी का भी गठन किया गया है.
5 आरोपियों की गिरफ्तारी
पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार ने बताया कि 4 लोगों की हत्या के मामले में अब तक 5 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. जबकि अन्य आरोपियों की धरपकड़ के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है. उस पूरे इलाके में एसडीपीओ मनिहारी और एसडीपीओ सदर पूरे दल बल के साथ गश्त कर रहे हैं. साथ में एसटीएफ की भी लगाई गई है. जो भी अपराधी इस मामले में वांछित हैं, उन्हें जल्द गिरफ्तार किया जाएगा.

कुख्यात मोहन ठाकुर पर है हत्या का आरोप
इस गोलीबारी में मारे गए चारों लोगों के परिजनों का आरोप है कि स्थानीय मोहना चांदपुर गांव के अपराधी मोहन ठाकुर ने ही सभी को मारा है. सभी मृतक किसान हैं और रंगदारी नहीं देने की वजह से उन सभी को मारा गया है. मृतकों के परिजनों की ओर से ही थाने में हत्या का मामला दर्ज करवाया गया है.
दियारा इलाके में बनेगा नया थाना
इस गोलीबारी कांड के बाद पूर्णिया प्रक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (IG) सुरेश चौधरी ने मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात भी की थी. इस वारदात और पहले हो चुके खून खराबे के मद्देनजर आईजी चौधरी ने बकिया दियारा में स्थाई ओपी (थाना) स्थापित करने का आदेश दिया है. जिससे स्थानीय लोगों को पुलिस-प्रशासनिक सहयोग के साथ-साथ भयमुक्त वातावरण मिल सके.