दिल्ली सरकार ने पर्याप्त ऑक्सीजन आपूर्ति और बेहतर वितरण सुनिश्चित करने के लिए तीन आईएएस अधिकारियों और 20 से अधिक कॉल सेंटर कर्मचारियों को नियुक्त किया है. दिल्ली सरकार का कहना है कि दिल्ली में ऑक्सीजन की मांग 11 मई 2021 तक लगभग 976 मीट्रिक टन पहुंच सकती है, जबकि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को 590 मीट्रिक टन ऑक्सीजन ही आवंटित की है.
दिल्ली के मुताबिक ऑक्सीजन की आपूर्ति आसपास के जिलों रुड़की, पानीपत, गाजियाबाद आदि से की जानी चाहिए, ताकि कम समय में अधिक आपूर्ति हो सके. वर्तमान में ऑक्सीजन की आपूर्ति देश के पूर्वी हिस्सों से हो रही है, जिसके कारण काफी समय लग रहा है. दिल्ली सरकार ने बयान जारी कर कहा है कि दो दिन पहले ट्रेन के जरिए ऑक्सीजन की आवाजाही शुरू हो गई और 120 मीट्रिक टन ऑक्सीजन तुगलकाबाद रेलवे स्टेशन पर आ गई है.
दिल्ली सरकार राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने के लिए भारत सरकार के अधिकारियों के साथ निकटता से काम कर रही है. रेल मंत्रालय, आईओसीएल और कॉनकॉर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों को दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है. भारत सरकार ने दिल्ली को अतिरिक्त सात आईएसओ कंटेनर दिए हैं.
दिल्ली सरकार ने प्रत्येक ऑक्सीजन प्लांट के स्थानों पर अधिकारियों की एक टीम को भी तैनात किया है. यह टीम यह सुनिश्चित करती है कि दिल्ली को ऑक्सीजन की आपूर्ति में कोई गड़बड़ी और प्रशासनिक बाधा न आए. एसओएस अलर्ट के जरिए ऑक्सीजन से जुड़ी स्थिति की गंभीरता का पता लगाने के लिए दैनिक आधार पर निगरानी की जा रही है.
बता दें राजधानी में बड़े अस्पताल तरल ऑक्सीजन का उपयोग करते हैं, जबकि छोटे अस्पताल मिश्रित तरल ऑक्सीजन और गैस सिलेंडर का उपयोग कर रहे हैं. दिल्ली के भीतर 14 रिफिलर हैं. इन रिफिलरों को विभिन्न आपूर्तिकर्ताओं से तरल ऑक्सीजन मिलती है. इसके बाद वे गैस सिलेंडर भरते हैं और उन्हें विभिन्न संस्थानों तक पहुंचाते हैं. दिल्ली की एक-चौथाई ऑक्सीजन आपूर्ति सिलेंडर पर निर्भर है. इस दिक्कत को दूर करने के लिए दिल्ली सरकार ने प्रणाली को विकेंद्रीकृत किया है और संबंधित डीएम को कामकाज सुनिश्चित करने के लिए शक्तियां दी हैं. संभागीय आयुक्तों के तहत टीमों का गठन किया गया है, जो टैंकरों की गतिविधियों की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं.
दिल्ली सरकार का दावा है कि ऑक्सीजन के बेहतर उपयोग के लिए एक उचित वितरण और आवंटन रणनीति तैयार की है. कई गैर-सरकारी संगठन और धार्मिक संगठन इस महामारी से लड़ने में बहुत मदद कर रहे हैं. ऑक्सीजन संकट के लिए तीन आईएएस अधिकारियों के नेतृत्व में आपातकालीन हेल्पलाइन बनाई गई है, जो कि 24 घंटे संचालित है. 20 से अधिक कॉल सेंटर कर्मचारी दिन-रात काम करेंगे.