केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैक्सीनेशन को लेकर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (National Technical Advisory Group on Immunisation) से कहा है कि जिन लोगों ने रूस की स्पुतनिक-5 (Sputnik V) वैक्सीन की पहली और दूसरी डोज लगवाई है, उनके लिए अब तीसरी डोज या फिर बूस्टर डोज के लिए क्या ऑप्शन हो सकता है. बता दें कि रूसी वैक्सीन निर्माताओं को कोरोना की दूसरी डोज बनाने में तकनीकी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्र ने बताया कि हमने NTAGI से पूछा है कि ऐसे लोगों को बूस्टर डोज में क्या दिया जाना चाहिए, जो कि रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-5 लगवा चुके हैं. हालांकि इस बारे में NTAGI की ओर से कोई भी जवाब नहीं दिया गया है. सलाहकार समूह की ओर से कहा गया है कि जिन लोगों को बूस्टर डोज के रूप में AD-26 कॉम्पोनेंट दिय़ा जा रहा है, उसने डाटा का अध्ययन किया जा रहा है.
सूत्रों ने बताया कि NTAGI उन केसों की भी स्टडी करेगा, जिन्होंने रूसी वैक्सीन Sputnik V की पहली और दूसरी डोज ली है, इसके बाद उन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ा है.
बता दें कि Sputnik V वैक्सीन की डोज 1, डोज 2 से अलग है. दरअसल, डोज-1 एडेनो-वेक्टर एडी 26, जबकि दूसरी डोज एडेनो-वेक्टर एडी-5 घटक है. बता दें कि रूसी वैक्सीन निर्माताओं को दूसरी डोज बनाने में तकनीकी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत में अब तक स्पुतनिक की 12,23,199 खुराक दी जा चुकी है.