दिल्ली के बाद अब मुंबई में भी मास्क न लगाने पर जुर्माना नहीं लगेगा. इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार ने 2 अप्रैल से सभी कोरोना प्रतिबंधों को भी हटाने का फैसल किया है. इसमें मास्क की अनिवार्यता भी शामिल था. एक्सपर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले का समर्थन किया है. हालांकि, एक्सपर्ट ने चेतावनी दी है कि वृद्ध और बीमार लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने ऐलान किया कि सरकार ने सभी प्रतिबंधों को हटाने का फैसला किया है. इनमें मास्क की अनिवार्यता भी शामिल हैं.
मास्क की अनिवार्यता खत्म करने पर क्या बोले एक्सपर्ट
इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी, दिल्ली के डायरेक्टर डॉ अनुराग अग्रवाल ने कहा, जब संक्रमण की दर कम है, तो ऐसे में मास्क पहनने का कोई मतलब नहीं बनता. मास्क से दूर होने का यह सही समय है. हालांकि, उन्होंने कहा, बंद जगहों पर मास्क पहनना चाहिए, खासकर वृद्ध और बीमार लोगों को, जिन्हें संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है.
उधर, DDMA ने भी दिल्ली में सार्वजनिक जगहों पर मास्क न पहनने पर जुर्माना न वसूलने का फैसला किया है. भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के पूर्व प्रमुख वैज्ञानिक डॉ रमन गंगाखेडकर ने कहा, मैं ये नहीं कहूंगा कि मास्क की अनिवार्यता को खत्म करना अनुचित फैसला है.
डॉ रमन गंगाखेडकर ने कहा, भारत में अब संक्रमण दर काफी कम है, ऐसे में अभी की स्थिति को देखकर ये फैसला लिया गया है. हालांकि, उन्होंने कहा, अभी भी कम इम्युनिटी वाले लोगों के लिए मास्क जरूरी है. उन्होंने कहा, कम इम्युनिटी वालों से मतलब सीनियर सिटीजन, अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोग या ऐसे लोग जिन्होंने कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज नहीं ली हैं.
अहमदाबाद स्थित पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के डायरेक्टर डॉ दिलीप मावलंकर ने कहा, कोरोना संक्रमण कम हुआ है. ऐसे में मास्क की अनिवार्यता खत्म करने का यह ठीक समय है. लोगों में संक्रमण और वैक्सीनेशन के चलते इम्युनिटी बढ़ चुकी है. लेकिन जिन लोगों में लक्षण हैं, उन्हें मास्क पहनना चाहिए.
इंफेक्शियस डिजीज स्पेशलिस्ट डॉ तिरुपति गलिडा ने कहा कि महाराष्ट्र में वैक्सीनेशन की दर काफी अधिक है. यहां 90% से ज्यादा आबादी को एंटीबॉडी बन गई है, ये संक्रमण और वैक्सीनेशन से हुआ है. इतना ही नहीं, त्योहारों, शादियों और चुनाव के बाद भी कोरोना के केसों में बढ़ोतरी नहीं हुई है. उन्होंने कहा, कुछ केस जरूर आ रहे हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर हल्के हैं. उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा जैसी अन्य बीमारियों की तरह एक बीमारी के स्थानिक होने का ठीक यही मतलब है. उन्होंने कहा, यह मास्क की अनिवार्यता को खत्म कर सामान्यता की ओर जाने का समय है.
एक्सपर्ट ने दी चेतावनी
वहीं, पल्मोनोलॉजी और क्रिटिकल केयर परेल, मुंबई हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ हरीश चाफले की राय इस बारे में अलग है. उन्होंने कहा, मुंबई COVID-19 का हॉटस्पॉट रहा है. क्योंकि यहां अन्य शहरों और कई देशों से ज्यादा लोग रहते हैं. उन्होंने कहा, जब मास्क पहनना अनिवार्य था, तब सख्ती के बावजूद कई लोगों ने नियमों का पालन नहीं किया. ऐसा तब हुआ, जब मास्क पहनना अनिवार्य था. मुंबई में बीएमसी ने 30 मार्च तक मास्क न पहनने पर 91.9 करोड़ रुपए जुर्माना वसूला है.
उन्होंने कहा, अब आप सोच सकते हैं कि क्या होगा, अगर सरकार पूरी तरह से प्रतिबंध हटा लेती है. लोगों में अफरातफरी मच जाएगी. मुंबई में लोकल ट्रेनों और परिवहन के अन्य सार्वजनिक साधनों में बिना मास्क की भीड़ यात्रा करेगी. यह गलत फैसला हो सकता है. खासकर तब जब अभी भारत में पूरी आबादी को वैक्सीन नहीं लगी है.
भारत में कोरोना की क्या है स्थिति?
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1225 केस सामने आए हैं. देश में भी भी 14307 एक्टिव केस हैं. भारत में डेली पॉजिटिविटी रेट 0.20% है. पिछले 24 घंटे में कोरोना से 52 लोगों की मौत हुई है. देश में अब तक 5,21,181 लोगों की जान जा चुकी है.