एक तरफ जहां कोरोना की दूसरी लहर बेकाबू होती दिख रही है. डेली केस देश में सवा लाख को पार कर गए हैं वहीं कोरोना वैक्सीन को लेकर राज्यों और केंद्र के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है. वैक्सीन की शॉर्टेज की समस्या कई जगह देखने को मिल रही है. महाराष्ट्र के सतारा में जहां लाइनों में लगे लोगों को वापस लौटना पड़ रहा है वहीं वाराणसी में शॉर्टेज के कारण कई वैक्सीन सेंटर्स बंद करने पड़े हैं.
इस बीच दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने भी केवल 4-5 दिन का स्टॉक होने की बात उठाई है. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कोरोना संकट को लेकर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक भी होनी है ऐसे में इस समस्या पर क्या रुख होगा सबकी निगाह इस बात पर है. बता दें कि पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना महामारी के कारण 1,26315 नए केस सामने आए हैं जबकि 684 लोगों की जान गई है.
महाराष्ट्र और दिल्ली ने दिया केंद्र को जवाब
शिवसेना सांसद संजय राउत ने केंद्र सरकार के आरोपों पर कहा है कि महाराष्ट्र सरकार कोई नाकामी नहीं छुपा रही है. ये महाराष्ट्र को नीचा दिखाने और सरकार को संकट में लाने की कोशिश की जा रही है. महाराष्ट्र एक बड़ा राज्य है, उसपर दबाव है. वैक्सीन का भी दबाव है, ऐसे में केंद्र-राज्य को साथ मिलकर काम करना चाहिए.
दिल्ली में सिर्फ 4-5 दिन का स्टॉक
दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन ने केंद्र के आरोपों को लेकर कहा कि हमें भी कह सकते हैं कि दिल्ली में केंद्र सरकार के अस्पतालों में ही वैक्सीनेशन की रफ्तार धीमी है.
उन्होंने कहा कि केंद्र के अस्पतालों में सिर्फ 30-40 फीसदी वैक्सीनेशन हुआ है, इसी वजह से दिल्ली के आंकड़ों में कमी है. लेकिन ये वक्त लड़ने का नहीं, साथ में काम करने का है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के मुताबिक, दिल्ली में अभी मुद्दा लोगों को वैक्सीन लगाने का है. हमारे पास सिर्फ 4-5 दिनों का स्टॉक बचा हुआ है.
वहीं झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री का कहना है कि केंद्र सरकार उनके राज्य के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. हमने दो बार दस लाख डोज़ मांगी हैं, लेकिन केंद्र ने अभी तक नहीं भेजी हैं. हमारे यहां एक-दो दिन में स्टॉक खत्म हो जाएगा. अभी ही कई जिलों में वैक्सीनेशन बंद हो गया है.
महाराष्ट्र के सतारा में टीकाकरण बंद
जब केंद्र और राज्य में वैक्सीन को लेकर जंग चल रही है. तब महाराष्ट्र के सतारा में वैक्सीन ना होने के कारण टीकाकरण ही बंद हो गया. डीएम के मुताबिक, जिले में कुल 180 वैक्सीनेशन सेंटर हैं और सिर्फ 3 हजार डोज़ बची हैं. ऐसे में वैक्सीनेशन रुक गया है, हम जिले में हर दिन 27 हजार वैक्सीन लगा रहे हैं. अबतक सवा दो लाख लोगों को टीका लग चुका है.
महाराष्ट्र में सिर्फ सतारा नहीं बल्कि सांगली, यवतमाल जैसे जिलों में भी वैक्सीन की कमी का दावा किया गया है और वैक्सीनेशन पर असर पड़ने लगा है.
केंद्र ने गिनाई थी रफ्तार में कमियां
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब को चिट्ठी लिखी गई थी. केंद्र के मुताबिक, इन राज्यों में वैक्सीनेशन की रफ्तार कम है. तीनों ही राज्य स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीनेशन के मामले में राष्ट्रीय औसत से भी पीछे चल रहे हैं. ऐसे में केंद्र ने तीनों से अपने यहां पर स्पीड बढ़ाने को कहा था.
महाराष्ट्र-आंध्र प्रदेश ने मांगी थी वैक्सीन, वाराणसी में ठप हुए सेंटर्स
आपको बता दें कि महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश ने भी वैक्सीन की स्टोरेज पर चिंता जताई थी. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बताया था कि महाराष्ट्र के पास 2-3 दिनों का स्टॉक बचा है, ऐसे में केंद्र से वैक्सीन मिलने की स्पीड नहीं बढ़ती है, तो चिंताएं बढ़ सकती हैं.
आंध्र प्रदेश की ओर से केंद्र से एक करोड़ वैक्सीन की डोज़ मांगी गई थी. आंध्र प्रदेश के मुताबिक, उनके पास सिर्फ चार लाख डोज़ हैं. वो एक दिन में डेढ़ से दो लाख वैक्सीन की डोज़ लगा रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में कुल 66 टीकाकरण सेंटर हैं, लेकिन बीते दिन वैक्सीन की कमी के कारण यहां सिर्फ 25 सेंटर पर ही टीकाकरण हो पाया. कई जगह तो वैक्सीनेशन सेंटर्स पर ताला लटका मिला और वैक्सीन की सप्लाई कबतक होगी, उसपर कोई अपडेट नहीं मिल रहा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, गुरुवार सुबह तक भारत में नौ करोड़ से अधिक कोरोना की डोज़ दी जा चुकी हैं. अभी तक करीब सात करोड़ से अधिक पहली डोज़ और डेढ़ करोड़ से अधिक दूसरी डोज़ दी जा चुकी हैं.