एक अंतरराष्ट्रीय क्लिनिकल ट्रायल में पता चला है कि सस्ते और आसानी से उपलब्ध स्टेरॉयड की दवाएं कोरोना के गंभीर मरीजों की जान बचाने में मदद करती हैं. बुधवार को ट्रायल से जुड़ी जानकारी JAMA जर्नल में प्रकाशित की गई है.
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नई स्टडी में 7 अलग-अलग क्लिनिकल ट्रायल के डेटा का विश्लेषण किया गया. 1700 मरीजों पर 3 स्टेरॉयड ड्रग के प्रभाव की जांच की गई. स्टडी में ये सामने आया कि तीनों ही स्टेरॉयड की दवा जान बचाने में मददगार होती हैं.
इस स्टडी को कोरोना मरीजों के ट्रीटमेंट की दिशा में महत्वपूर्ण कदम समझा जा रहा है. स्टडी के लेखकों का कहना है कि कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए अब Corticosteroids पहली लाइन की ट्रीटमेंट होनी चाहिए.
डॉक्टर पहले भी Dexamethasone, Hydrocortisone और Methylprednisolone दवाओं का उपयोग इम्यून सिस्टम का प्रभाव घटाने के लिए करते रहे हैं. इससे इन्फ्लैमेशन, सूजन और दर्द से राहत मिलती है. कोरोना के कई मरीजों की मौत इसलिए हो जाती है क्योंकि उनका शरीर संक्रमण के खिलाफ ओवररिएक्शन करता है.
स्टडी में पता चला है कि स्टेरॉयड के इस्तेमाल से कोरोना से होने वाली मौतों में एक तिहाई की कमी आई. इस दौरान Dexamethasone सबसे कामयाब दवा रही. इससे पहले ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की एक स्टडी में भी Dexamethasone दवा का प्रदर्शन अच्छा पाया गया था. Dexamethasone दवा कोरोना मरीजों में मौत की दर को 36 फीसदी तक कम करने में कामयाब रही.