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WPI Inflation: सरकार के लिए दूसरी गुड न्यूज, खुदरा के बाद थोक महंगाई भी घटी, 21 महीने में सबसे नीचे

WPI Inflation Declines: नवंबर 2022 में थोक महंगाई दर में गिरावट के बड़े कारणों की बात करें तो खाद्य महंगाई में गिरावट का असर Inflation Rate पर पड़ा है, जो 2.17 फीसदी पर आ चुकी है. जबकि अक्टूबर 2022 में खाद्य महंगाई दर 6.48 फीसदी पर थी.

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खुदरा के बाद देश में घटी थोक महंगाई
खुदरा के बाद देश में घटी थोक महंगाई

साल 2022 खत्म होने वाला है और यह साल जाते-जाते मोदी सरकार (Modi Govt) के लिए दूसरी गुड न्यूज आई है. पहले जहां खुदरा महंगाई (Retail Inflation) 11 महीने के निचले स्तर पर आ गई, तो अब थोक महंगाई दर (WPI) में भी जोरदार गिरावट देखने को मिली है. नवंबर में होल-सेल इंफ्लेशन रेट या WPI 5.85 फीसदी पर आ गई है, जो इसके 21 महीने का निचला स्तर है. 

अक्टूबर में इतनी थी थोक महंगाई
वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) की ओर से बुधवार को देश में थोक महंगाई दर के आंकड़े जारी किए गए. इससे पहले अक्टूबर में यह आंकड़ा 8.39 फीसदी था. सितंबर 2022 में थोक महंगाई 10.70 फीसदी के स्तर पर थी. अक्टूबर से पहले लंबे समय तक यह आंकड़ा दोहरे अंकों में बना हुआ था, जिसे काबू में करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक लगातार प्रयास कर रहा था.

अब RBI को खुदरा और थोक दोनों महंगाई दरों को कम करने में सफलता मिली है. सरकार की ओर से इस गिरावट की प्रमुख वजह खाद्य, धातु, कपड़ा और रासायनिक उत्पादों की कीमतों में कमी रही है. 

फिर खुदरा महंगाई से नीच थोक मुद्रास्फीति
फरवरी 2021 के बाद पहली बार थोक मुद्रास्फीति देश में खुदरा महंगाई दर से नीचे दिखाई दी है. तब WPI 4.83 फीसदी और CPI 5.03 फीसदी पर थी. आरबीआई ने देश में महंगाई दर को कम करने के लिए इस साल एक के बाद एक लगातार पांच बार रेपो रेट में बढ़ोतरी की है.

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नीतिगत दरों में इजाफे का ये सिलसिला मई 2022 से शुरू हुआ और बीती 7 दिसंबर 2022 को आरबीआई ने आखिरी बार इसमें 35 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की थी. इसके बाद अब रेपो रेट बढ़कर 6.25 फीसदी पर पहुंच चुका है. 

महंगाई घटने के बड़े कारण
नवंबर 2022 में थोक महंगाई दर में गिरावट के बड़े कारणों की बात करें तो खाद्य महंगाई में गिरावट का असर Inflation Rate पर पड़ा है, जो 2.17 फीसदी पर आ चुकी है. जबकि अक्टूबर 2022 में खाद्य महंगाई दर 6.48 फीसदी पर थी. वहीं फूड इंडेक्स महीने दर महीने 1.8 फीसदी पर आ चुकी है. मैन्युफैक्चरिंग प्रोडक्ट्स की महंगाई भी घटकर 3.59 फीसदी पर आ गई है जो पहले 4.42 फीसदी पर थी. ईंधन और बिजली की महंगाई दर भी अक्टूबर के 23.17 फीसदी से घटकर नवंबर में 17.35 फीसदी पर गई है. 

खुदरा महंगाई 6% से नीचे
दो दिन पहले ही सोमवार 12 दिसंबर को सरकार ने खुदरा महंगाई के राहत भरे आंकड़े जारी किए थे. अक्टूबर में खुदरा महंगाई 6.77% पर थी, जो नवंबर 2022 में 5.88 फीसदी पर पहुंच गई है. सरकार के मुताबिक खुदरा महंगाई दर 11 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है. गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक ने रिटेल इंफ्लेशन को 2 से 6 फीसदी के दायरे में रखने का लक्ष्य तय किया हुआ है और अब ये आंकड़ा इस दायरे में आ गया है. 

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