महंगाई दर
मुद्रास्फीति, इंफ्लेशन या महंगाई (Inflation) उन वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों के स्तर में वृद्धि है जो एक घर चलाने के लिए जरुरी है. इसे उन कीमतों के परिवर्तन की दर के रूप में मापा जाता है. आमतौर पर, कीमतें समय के साथ बढ़ती हैं (Inflation Rate), लेकिन कीमतें भी गिर सकती हैं.
इंफ्लेशन का संकेतक उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) है, जो घरों द्वारा उपभोग की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की कीमत में अतर को प्रतिशत में मापता है (Measurement of Inflation Rate).
मुद्रास्फीति एक अर्थव्यवस्था में वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में सामान्य वृद्धि है. जब सामान्य मूल्य स्तर बढ़ता है, मुद्रा की प्रत्येक इकाई कम सामान और सेवाएं खरीदती है. इंफ्लेशन (Inflation) के विपरीत अपस्फीति यानी डिफ्लेशन है (Deflation), वस्तुओं और सेवाओं के सामान्य मूल्य स्तर में निरंतर कमी को दर्शाता है. मुद्रास्फीति का सामान्य उपाय मुद्रास्फीति दर है. एक सामान्य मूल्य सूचकांक में वार्षिक प्रतिशत परिवर्तन है. कीमतें एक ही दर से नहीं बढ़ती हैं इसलिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) अक्सर इस उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाता है (Inflation Rate).
US Fed ने एक बार फिर पॉलिसी रेट में कटौती का ऐलान कर दिया है और ये 25 आधार अंक कम किए गए हैं. इसका असर अमेरिका समेत एशियाई बाजारों पर देखने को मिला है, वहीं सेंसेक्स-निफ्टी के लिए भी पॉजिटिव संकेत मिल रहे हैं.
पाकिस्तान में महंगाई चरम पर पहुंच चुकी है. लोगों को रोजमर्रा की वस्तुएं खरीदने के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ रही है. टमाटर के लेकर अदरक और मटर तक के दाम में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी हुई है.
US Recession को लेकर मूडीज एनालिटिक्स ने बड़ी चेतावनी दी है. चीफ इकोनॉमिस्ट मार्क जैंडी ने कहा है कि अमेरिका में मंदी आएगी या नहीं ये तय करने में न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया का अहम रोल रहेगा.
Good News For Modi Govt: बीते दो दिन में ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए चार राहत भरी खबरें आ गईं. महंगाई दर में जहां गिरावट आई है, तो वहीं विदेशों से भारत अर्थव्यवस्था की जमकर तारीफ की गई है.
दो दिनों में मोदी सरकार को मिली राहत, खुदरा-थोक महंगाई घटी, भारत-US ट्रेड डील आगे बढ़ी, IMF ने कहा भारत है ग्लोबल ग्रोथ इंजन.
Retail Inflation in September: जून-2017 के बाद खुदरा महंगाई दर सितंबर में सबसे कम रही. यानी करीब 99 महीने में सबसे कम महंगाई दर सितंबर महीने में दर्ज की गई है.
Stock Market में अगले हफ्ते अमेरिका और चीन के बीच बढ़ी टैरिफ टेंशन का असर साफतौर पर देखने को मिल सकता है. इसके अलावा कुछ घरेलू फैक्टर्स भी हैं, जो बाजार की चाल पर अपना प्रभाव दिखाने वाले साबित हो सकते हैं.
Crude Oil vs Water Price: अगर पानी और पेट्रोल की कीमत की तुलना करें रोजमर्रा के हिसाब से पीने का पानी तेल से सस्ता है. वहीं, प्रीमियम ब्रांड पानी से तुलना में यह अंतर उल्टा भी हो सकता है.
दिवाली से पहले केंद्रीय कर्मचारियों को सरकार ने बड़ा तोहफा दिया है. कैबिनेट ने 3 फीसदी महंगाई भत्ता में बढ़ोतरी की मंजूरी दे दी है. साथ ही पेंशनर्स के लिए भी 3 फीसदी डीआर में इजाफा किया गया है.
RBI Result On Repo Rate: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की एमपीसी बैठक के नतीजे आ गए हैं. आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने 29 सितंबर को शुरू हुई बैठक में लिए गए तमाम फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रेपो रेट में इस बार भी कोई बदलाव नहीं किया गया है.
Stock Market Zooms: शेयर बाजार में बुधवार को कारोबार की धीमी शुरुआत हुई, लेकिन रिजर्व बैंक द्वारा एमपीसी बैठक के नतीजों का ऐलान किए जाने के बाद अचानक सेंसेक्स-निफ्टी रॉकेट की रफ्तार से भागने लगे.
LPG Price Hike: अक्टूबर की पहली तारीख और नवरात्रि के आखिरी दिन महंगाई का झटका लगा है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के LPG Cylinder महंगा कर दिया है. एक सिलेंडर की कीमत में 16 रुपये तक का इजाफा किया गया है.
DA Hike Big Update: केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स इस साल के दूसरे डीए हाइक का इंतजार कर रहे हैं, जिसका ऐलान सितंबर में होना था. उम्मीद जताई जा रही है इसमें 3% की बढ़ोतरी हो सकती है और महंगाई भत्ता 58% पर पहुंच सकता है.
Rupee Hits New Life Time Low: डॉलर के मुकाबले रुपये के टूटने का सिलसिला जारी है और बुधवार को ये नए ऑल टाइम लो-लेवल पर पहुंच गया. इससे पहले मंगलवार को इसने एक महीने की सबसे बड़ी सिंगल-डे गिरावट देखी थी.
सातवें वेतन आयोग के तहत सरकार, केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए महंगाई भत्ता में इजाफा कर सकती है. यह बढ़ोतरी 3 फीसदी की हो सकती है, जिससे कर्मचारियों की सैलरी में इजाफा देखने को मिलेगा.
अगस्त 2025 में ग्रॉसरी कीमतें जुलाई से 0.6% बढ़ीं, जबकि सालाना किराने की कीमतें 2.4% ज्यादा हैं. जिस कारण दूध और अंडे जैसी चीजों के दाम में तगड़ी उछाल आई है.
बारिश की वजह से सब्जियों के दाम बढ़ने से खुदरा महंगाई दर में उछाल देखने को मिल रहे हैं. मामूली महंगाई दर में बढ़ोतरी से फिलहाल आरबीआई की मौद्रिक नीति पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है.
Gold Price Impact on Wedding Season: पिछले एक साल में सोना करीब 47 फीसदी तक महंगा हो चुका है. इसका सबसे ज्यादा असर इस साल शादियों में दिखने को मिलेगा. मध्यवर्गीय परिवारों को सोना खरीदते समय सोचना पड़ेगा, कैसे बजट को मैनेज करें.
अमेरिका की हालत खराब है. एक्सपर्ट कह रहे हैं कि बेरोजगारी, महंगाई के आंकड़ों और धीमी विकास दर का ये मिश्रण 1970 के दशक के बाद देखा गया है. इन आंकड़ों ने एक बार फिर अमेरिका में मंदी की चर्चा छेंड़ दी है.
दिवाली पर सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा मिल सकता है. सरकार महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में इजाफा कर सकती है. इससे इनकी सैलरी में बढ़ोतरी होगी.
Gold Price 1947: आज भारत का डंका पूरी दुनिया में बजता है. ग्लोबल चुनौतियों के बावजूद तिरंगा शान से लहरा रहा है. आज हम आपको बताएंगे, 1947 के मुकाबले आज का भारत कितना बदला हुआ है. सोने का भाव 1947 में कितना था, और एक लीटर पेट्रोल कितने में मिलता था.