आपका UPI अकाउंट आपके परिवार के लोग आपकी सहमति से इस्तेमाल कर पाएंगे, UPI को लेकर RBI की ये पॉलिसी खासकर परिवार के सदस्यों जैसे कि पति-पत्नी, बच्चे या बुजुर्ग माता-पिता के लिए उपयोगी साबित होगा. इस सुविधा को डेलिगेट्स पेमेंट्स के नाम से जाना जाता है.
दरअसल, गुरुवार को मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक के बाद RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस नए फीचर के बारे में जानकारी दी. इस नए फीचर के माध्यम से प्राथमिक ग्राहक (यानी जिनके नाम पर अकाउंट है) किसी अन्य को अपने UPI अकाउंट के इस्तेमाल के लिए अधिकृत कर सकता है. इसमें बैंक अकाउंट सिंगल ही होगा, लेकिन कई लोग उससे UPI ट्रांजेक्शन कर पाएंगे. दूसरे उपयोगकर्ता को UPI से जुड़े बैंक खाते की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे लेनदेन करना और भी आसान हो जाएगा.
UPI में बड़े बदलाव की तैयारी
RBI का कहना है कि इससे डिजिटल भुगतान की प्रक्रिया और सरल हो जाएगी. यह बदलाव विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद होगा, जो परिवार के अन्य सदस्यों की ओर से लेनदेन करना चाहते हैं. रिजर्व बैंक ऑप इंडिया (RBI) ने डेलिगेट्स पेमेंट्स (Delegated Payments) को लेकर सुझाव दिया है, जिसके बाद आपके UPI अकाउंट से कोई और भी पैसे खर्च कर सकेगा और पेमेंट कर सकेगा. हालांकि इसे अभी लागू नहीं किया गया है. लेकिन आरबीआई ने कहा कि इसपर काम चल रहा है.
बता दें, अभी तक लोग UPI पेमेंट निजी तौर पर करते हैं, एक बैंक अकाउंट के साथ केवल एक UPI आईडी क्रिएट है, और इसका इस्तेमाल केवल सिंगल यूजर कर सकता है. लेकिन अब एक साथ एक बैंक अकाउंट से कई UPI पेमेंट सिस्टम चलाने की बात कही जा रही है. एक उदाहरण से समझें तो एक क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल अभी कई लोग करते हैं, ठीक उसी तरह UPI पेमेंट सिस्टम को बनाने की तैयारी चल रही है.
क्या है UPI डेलिगेट्स पेमेंट्स?
आसान शब्दों में समझें तो आपके UPI अकाउंट का मास्टर एक्सेस आपके पास होगा और आप पेमेंट के लिए किसी और को भी अकाउंट का एक्सेस दे पाएंगे. यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) में इस बदलाव से और लोकप्रिय होने की बात कही जा रही है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस या UPI के इस नए फीचर की घोषणा की है.
बता दें, मौजूदा समय में UPI पेमेंट का यूज भारत के अलावा दुनिया के कई देशों में हो रहा है. अगर देश की बात करें तो शहर से लेकर गांव तक में UPI का खूब इस्तेमाल हो रहा है. इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि रियल टाइम में लोगों को उनके ट्रांजेक्शन और बैलेंस के बारे में जानकारी मिल जाती है.
RBI की बैठक में ये बड़े फैसले
इसके साथ ही, RBI ने UPI के माध्यम से टैक्स भुगतान की सीमा को भी बढ़ा दिया है. पहले यह सीमा 1 लाख रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है. इस बदलाव से बड़ी राशि के टैक्स भुगतान को भी UPI के माध्यम से करना सरल होगा. RBI की मौद्रिक नीति समिति ने 8 अगस्त को लगातार 9वीं बार रेपो दर को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का फैसला लिया है.