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Sovereign Gold Bond: दुकान से सस्ता 100% प्योर सोना बेच रही है सरकार, खरीदने का आज आखिरी मौका, इतना है रेट

SGB Scheme 2022-23 Last Date: सॉवेरन गोल्ड बॉन्ड Gold में इंन्वेस्टमेंट की एक सरकारी स्कीम है. इसमें फिजिकल रूप से सोने की खरीदने के बजाय डिजिटल गोल्ड खरीदने की सुविधा होती है. सरकार ने इस योजना की शुरुआत 2015 में की थी.

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सरकार एसजीबी स्कीम के तहत डिस्काउंट पर बेच रही है सोना
सरकार एसजीबी स्कीम के तहत डिस्काउंट पर बेच रही है सोना

अगर आप सोने में निवेश (Gold Investment) का मन बना रहे हैं और इसके सस्ता होने का इंतजार कर रहे हैं. तो फिर आज आपके पास आखिरी मौका है. दरअसल, बीते 6 मार्च से सरकार की Sovereign Gold Bond स्कीम शुरू हुई है, जिसका आज आखिरी दिन है. इसके तहत गोल्ड में इन्वेस्टमेंट करने वालों के लिए सरकार डिस्काउंट में सोना बेचती है. रिजर्व बैंक की ओर से गोल्ड बॉन्ड के लिए इश्यू प्राइस 5,611 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है.

6 मार्च को शुरू हुई थी सीरीज
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (Sovereign Gold Bond Scheme) 2022-23 सीरीज की चौथी किश्त छह मार्च 2023 से शुरू हुई थी. इस वित्त वर्ष के लिए स्कीम की ये आखिरी सीरीज है. आज 10 मार्च को शाम 5 बजे तक आप इस स्कीम के तहत मार्केट रेट से कम दाम पर सोना खरीदकर निवेश कर सकते हैं. इससे पहले तीसरी सीरीज बीते साल दिसंबर 2022 में लॉन्च हुई थी. 

ऐसे पा सकते हैं 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट
दिसंबर 2022 में लॉन्च हुए गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस रिजर्व बैंक ने 5,409 रुपये प्रति ग्राम तय किया था. बता दें कि गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस 999 प्योरिटी वाले सोने पर बेस्ड होता है. रिजर्व बैंक ने गोल्ड बॉन्ड के लिए भले ही इश्यू प्राइस 5,611 रुपये प्रति ग्राम रखा है, लेकिन आप चाहें तो इसे महज 5,561 रुपये प्रति ग्राम की दर से भी खरीद सकते हैं. इस छूट को पाने के लिए बस आपको ऑनलाइन पेमेंट करना होगा. सरकार की ओर से ऑनलाइन पेमेंट पर 50 रुपये प्रति ग्राम डिस्काउंट भी दिया जा रहा है. 

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Gold Bond का लॉक-इन पीरियड
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदने के लिए कैश, डिमांड ड्राफ्ट या फिर नेट बैंकिंग के माध्यम से पेमेंट किया जा सकता है. गोल्ड बॉन्ड के लिए लॉक इन पीरियड आठ साल है. हालांकि, पांचवें साल में बाहर निकलने का विकल्प उपलब्ध है. Sovereign Gold Bond Scheme सोने में इंन्वेस्टमेंट की एक सरकारी स्कीम है. इसमें फिजिकल रूप से सोने की खरीदने के बजाय डिजिटल गोल्ड खरीदने की सुविधा होती है. सरकार ने इस योजना की शुरुआत 2015 में की थी. 

इस स्कीम के तहत गोल्ड बॉन्ड्स पर दी जाने वाली ब्याज दर प्रारंभिक निवेश की राशि पर 2.50 फीसदी प्रति वर्ष है, जो निवेशक बॉन्ड खरीदने के लिए भुगतान करते हैं. ब्याज की राशि हर छह महीने पर निवेशकों के खाते में पहुंचती है. रिजर्व बैंक समय-समय पर नियम और शर्तों के साथ गोल्ड बॉन्ड जारी करता रहता है. इस गोल्ड बॉन्ड की सरकारी गारंटी होती है.   

सोना खरीदने की तय है लिमिट
कोई भी इन्वेस्टर एक फाइनेंशियल ईयर में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत ज्यादा से ज्यादा 4 किलोग्राम सोना खरीद सकता है. अविभाजित हिंदू परिवारों और ट्रस्‍टों के लिए ये लिमिट 20 किलोग्राम तय की गई है. आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को बैंकों (स्मॉल फाइनेंस बैंकों और पेमेंट बैंकों को छोड़कर) स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, नॉमिनेटेड डाक घरों और मान्यता प्राप्त एक्सचेंज लिमिटेड के माध्यम से खरीद सकते हैं.

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