राकेश का कहना है कि अब नौकरी मिल गई है तो सबसे पहले कार खरीद लेते हैं, सैलरी तो हर महीने आती ही है, उसी में से EMI कट जाएगी. राकेश का तर्क है कि 4-5 साल में EMI खत्म हो जाएगी, फिर पूरी तरह से कार अपनी हो जाएगी. लेकिन अगर आपने भी राकेश की तरह सोचकर कार खरीदी है, या फिर जॉब पकड़ते ही सबसे पहले कार खरीदने का प्लान है तो ठहरिये, नौकरी पकड़ते ही सबसे पहले कार खरीदने का फैसला वित्तीय तौर पर गलत साबित हो सकता है, और आप कर्जजाल में फंस सकते हैं.
राकेश के तरह हमारे देश में लाखों लोग हैं, जिन्होंने बिना सोचे-समझे कार खरीद ली. जबकि उनके लिए ये जरूरी नहीं थी. दरअसल, अधिकतर लोग स्टेटस सिंबल (Status Symbol) के लिए कार खरीद लेते हैं. क्योंकि पड़ोसी के पास लग्जरी कार है, साथ काम करने वाले के पास भी अपनी कार है, तो हमारे पास भी होनी चाहिए, और फिर वो कार खरीद डालते हैं. वे ये नहीं सोचते कि हाथी खरीदना आसान है, लेकिन उसे पालना मुश्किल काम है.
आज हम आपको बताते हैं कि कब आपको कार खरीदनी चाहिए? कार खरीदने के लिए कितनी सैलरी होनी चाहिए? कितनी कीमत की कार खरीदनी चाहिए? और सबसे अहम फैसला कार नई (New Car) लेनी चाहिए या फिर पुरानी (Used Car)?
कब खरीदनी चाहिए कार?
अगर आप किसी बड़े शहर में रहते हैं तो वहां आसानी से कैब की सुविधा उपलब्ध है. तो नौकरी पकड़ते ही बिल्कुल ही नई कार न खरीदें. हालांकि अगर आपने कार लेने का फैसला कर लिया है तो फिर बजट के हिसाब (Financial values) से आगे बढ़ना चाहिए. अक्सर लोग बिना फैसले कार खरीद लेते हैं, फिर EMI भरते-भरते परेशान हो जाते हैं. कार की EMI आपकी सैलरी का 7 से 10 फीसदी हिस्सा होना चाहिए, क्योंकि सैलरी का बड़ा हिस्सा रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वास्थ्य और सेविंग में जाता है. ऐसे में अर्थशास्त्र के नजरिये से कुल आय का अधिकतम 10 फीसदी हिस्सा ही कार की किस्तों पर खर्च कर सकते हैं.
उदाहरण के लिए अगर आपकी सैलरी 1 लाख रुपये के आसपास है, तो आपको 7-10 लाख रुपये तक की कार खरीदनी चाहिए. आप 7 लाख की कार लेते हैं तो उसके लिए करीब 1 लाख रुपये डाउन पेमेंट (Down Payment) करना होगा. बाकी 6 लाख रुपये EMI कंवर्ट हो जाएगी. सामान्यतौर पर लोग Car Loan 5 या 7 साल के लिए लेते हैं. हम यहां 5 साल की अवधि को लेकर आगे बढ़ते हैं.
फिलहाल कार लोन पर ब्याज साढ़े 8 फीसदी मानकर चलते हैं. ऐसे में 6 लाख रुपये के लोन पर 5 साल के लिए 8.50 फीसदी ब्याज के हिसाब से ईएमआई (EMI) 13,310 रुपये की होगी. यानी हर महीने 13,310 रुपये की EMI भरनी होगी. ग्राहक को 5 साल में कुल 7,38,595 रुपये भुगतान करने होंगे, जिसमें ब्याज का हिस्सा 1,38,595 रुपये होगा.
हर महीने 13,310 रुपये की EMI भरने के लिए आपकी सैलरी कम से कम एक 1 लाख रुपये मंथली होनी चाहिए. क्योंकि नियम कहता है कि सैलरी का 7-10 फीसदी हिस्सा ही कार लोन के तौर पर इस्तेमाल होना चाहिए. आइए 7 लाख रुपये की नई कार को खरीदने के लिए फॉर्मूले को समझते हैं...
New Car (नई कार)-
कार की कीमत- 7,00,000 रुपये
डाउन पेमेंट- 1,00,000 रुपये
लोन अमाउंट- 6,00,000 रुपये
ड्यूरेशन ऑफ लोन- 5 साल
Rate of Interest- 8.5% Yearly
EMI- 13,310 रुपये
Total Payment: (Down Payment +EMI)
(1,00,000+ 7,38,595 रुपये= 8,38,595 रुपये)
ऐसे में अगर सैलरी एक लाख रुपये से कम है, या फिर EMI भरने में कुल आय का 20 फीसदी हिस्सा चला जाता है, तो क्या ऐसी सूरत में पुरानी कार को खरीदना फायदे का सौदा रहेगा? आंकड़े कहते हैं कि अगर आपकी मंथली आमदनी एक लाख रुपये से कम है तो फिर पुरानी कार खरीदना वित्तीय तौर पर सही फैसला होगा, साथ ही आप लग्जरी कार खरीद सकते हैं. आइए समझते हैं गणित...
जो कार आप 7 लाख रुपये में नई खरीदने की सोच रहे हैं, वही कार आपको 3 से 4 साल पुरानी 2-3 लाख रुपये में मिल जाएगी. आपने जो डाउन पेमेंट के लिए 1 लाख रुपये रखा है, उसे देने के बाद आपको 1 से 2 लाख रुपये बैंक से कार लोन लेना पड़ेगा. मानकर चलिए आपने 9 फीसदी ब्याज के हिसाब से 2 लाख रुपये तक कार लोन ले लिया है, जिसकी 5 साल तक हर महीने 4,152 रुपये EMI होगी. पुरानी कार लेने पर आप 5 साल के बाद डाउन पेमेंट समेत कुल 3,49,100 रुपये का भुगतान करेंगे. आइए आंकड़े देखते हैं...
Old Car (पुरानी कार):
कार की कीमत- 3,00,000 रुपये
डाउन पेमेंट- 1,00,000 रुपये
लोन अमाउंट- 2,00,000 रुपये
ड्यूरेशन ऑफ लोन- 5 साल
Rate of Interest- 9% Yearly
EMI- 4,152 रुपये
Total Payment: (Down Payment +EMI)
(1,00,000+2,49,100 रुपये= 3,49,100 रुपये)
नई कार के बजाय पुरानी कार खरीदने से ग्राहक को इस डील में लाखों रुपये ( 8,38,595-3,49,100= 4,89,495 रुपये) की बचत होने वाली है.
अब इसके दूसरे पहलू पर गौर करते हैं. 5 साल के बाद नई कार की वैल्यू घटकर 3 से 4 लाख रुपये हो जाएगी, जबकि पुरानी कार की रिसेल वैल्यू भी एक से दो लाख रुपये के बीच रहेगी. यानी असली फर्क 5 साल के बाद पता चलेगा. यही नहीं, 10 साल के बाद दोनों कारों की कीमतें लगभग एक बराबर रह जाएंगी.
फायदे का सौदा कैसे?
इस फॉर्मूले से आप पुरानी कार खरीदने पर करीब 5 लाख रुपये तक बचा सकते हैं. जो एकमुश्त बचेगा, लेकिन एक और तरीका है, जिससे आप 8 लाख रुपये तक बचा सकते हैं. नई और पुरानी कार में दोनों में डाउन पेमेंट एक बराबर है. लेकिन महीने की EMI में बड़ा फर्क है. नई कार की EMI 13,310 रुपये और पुरानी कार की EMI 4,152 रुपये बैठेगी. इस हिसाब से हर महीने पुरानी कार खरीदने से करीब 9000 रुपये की बचत हो सकती है, जिसे आप Mutual Fund में SIP कर 5 साल में 12% सालाना रिटर्न के हिसाब से 7,42,377 रुपये जुटा सकते हैं. अगर 15% रिटर्न मिलता है तो फिर 5 साल में 8,07,135 रुपये की बचत होगी. अब आप खुद तय करें कि अगर आपकी सैलरी एक लाख रुपये से कम है तो नई कार लेनी चाहिए या फिर पुरानी?
अब बताते हैं क्यों आपको पुरानी कार खरीदनी चाहिए, जिसके कई फायदे हैं...
- सबसे पहली बात पुरानी कार की कीमत नई कार की तुलना में काफी कम होती है. अगर 10 लाख की कोई नई कार है तो वही कार पुरानी आपको 3-4 लाख रुपये में मिल जाएगी. अब आप बचत का अनुमान लगा सकते हैं.
- नई कार लेने पर डेप्रिसिएशन की वजह से कार की कीमत पहले कुछ सालों में तेजी से गिरती है, जिसका फायदा आपको मिलता है. जबकि पुरानी कार की कीमत स्टेबल रहती है. नई कार की कीमत एक साल में ही 20-30% तक कम हो जाती है, लेकिन पुरानी कार में डेप्रिसिएशन की दर धीमी होती है. इससे रीसेल वैल्यू पर कम नुकसान होता है.
- सस्ता इंश्योरेंस: पुरानी कार का इंश्योरेंस प्रीमियम नई कार की तुलना में कम होता है, क्योंकि इसका इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (IDV) कम होता है.
- कम रजिस्ट्रेशन और टैक्स: पुरानी कार पर रजिस्ट्रेशन फीस और रोड टैक्स नई कार की तुलना में कम लगता है, खासकर अगर कार पहले से रजिस्टर्ड हो.
- अगर कार अच्छी कंडीशन में हो और ज्यादा पुरानी न हो, तो मेंटेनेंस लागत नियंत्रित रह सकती है. हालांकि, बहुत पुरानी कार में मेंटेनेंस ज्यादा हो सकता है, इसलिए सही मॉडल चुनना जरूरी है.
लोन की कम जरूरत: पुरानी कार लेने पर लोन की जरूरत कम पड़ती है या बिल्कुल नहीं पड़ती, जिससे ब्याज का खर्च बचता है.
सबसे खास बात यह है कि अगर आप 5 लाख रुपये में पुरानी कार लेते हैं, इस कीमत पर आपको 10 साल पुरानी प्रीमियम कार मिल जाएगी. जिसकी ऑरिजनल कीमत 20 लाख रुपये तक हो सकती है. कम बजट में आप प्रीमियम मॉडल या ज्यादा फीचर्स वाली कार खरीद सकते हैं, जो नई कार में महंगी होती.
पुरानी कार खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान:
कार की कंडीशन और सर्विस हिस्ट्री चेक करें, ताकि मेंटेनेंस पर ज्यादा खर्च न हो. पुरानी कार का माइलेज और विश्वसनीयता जांचें, क्योंकि खराब कार खरीदने से नुकसान हो सकता है. भरोसेमंद डीलर या प्लेटफॉर्म (जैसे CarDekho, Spinny) से खरीदें. यही नहीं, अगर आप पहली बार कार खरीद रहे हैं और ड्राइविंग सीखना चाहते हैं तो बेहिचक पुरानी कार खरीदें.