बैंकों और नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों यानी NBFC की तरफ से दिए जा रहे गोल्ड लोन में रिकॉर्ड ग्रोथ होने से RBI टेंशन में आ गया है. इसको लेकर RBI ने बैंकों से कहा है कि वो लोन की अकाउंटिंग से जुड़ी खामियों को दूर करें, जिससे बैड लोन की समस्या से बचा जा सके.
फाइनेंस इंडस्ट्री डेवलपमेंट काउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक 2024-25 की पहली तिमाही में गोल्ड लोन में पिछले साल के मुकाबले 26 फीसदी का इजाफा हुआ है, जबकि जनवरी-मार्च तिमाही के मुकाबले अप्रैल-जून के दौरान इसमें 32 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. इस दौरान कुल 79 हजार 217 करोड़ रुपये का गोल्ड लोन दिया गया.
गोल्ड लोन में लगातार इजाफा
RBI तिमाही दर तिमाही गोल्ड लोन में हो रही बढ़ोतरी को लेकर चिंतित हो गया है. दरअसल, बीती कई तिमाहियों से गोल्ड लोन में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. ऐसे में अब RBI ने इस मामले में दखल दिया है. आरबीआई ने बैंकों और NBFC समेत गोल्ड लोन से जुड़ी सभी कंपनियों को अपनी गोल्ड लोन पॉलिसी और प्रोसेस की समीक्षा करने और तीन महीने के भीतर इनमें मौजूद किसी भी कमी को दूर करने का निर्देश दिया है.
इस क्षेत्र में बैंकों में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद ये ग्रोथ देखने को मिल रही है. आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-जून 2023 के दौरान ये ग्रोथ 10 फीसदी थी. RBI के सेक्टोरल डेटा के मुताबिक अगस्त 2024 में गोल्ड लोन पिछले साल के मुकाबले 41 परसेंट बढ़कर 1.4 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
गोल्ड लोन से जुड़ीं खामियों को दूर करने का निर्देश
ऐसे में RBI ने एक रिव्यू के बाद बैंकों को गोल्ड लोन से जुड़ी खामियों को दूर करने का निर्देश दिया है. इस रिव्यू के मुताबिक बैंक अपने अकाउंट्स को साफ-सुथरा रखने के लिए कई तरह की अनियमित प्रैक्टिस अपना रहे हैं. इनमें बैड लोन छिपाना और बिना सही वैल्यूएशन के लोन दे रहे हैं.
इसके अलावा टॉप-अप देने और रोल-ओवर के जरिए लोन्स की एवरग्रीनिंग में भी नियमों का पालन नहीं हो रहा है. कोलेट्ररल की वजह से गोल्ड लोन लेना बेहद आसान है. लेकिन लोगों के पास जब उधार लेने के दूसरे सभी रास्ते बंद हो जाते हैं, तभी वो गोल्ड लोन का विकल्प आजमाते हैं.
NBFC इंडस्ट्री की ग्रोथ के मुकाबले गोल्ड लोन में ग्रोथ दोगुनी से ज्यादा है. इंडस्ट्री की ग्रोथ में पिछले साल के मुकाबले 12 फीसदी की तेजी आई है. नई और पुरानी कारों के लोन में भी काफी इजाफा हुआ है. पर्सनल लोन में भी बढ़ोतरी हुई है, जो NBFC लोन के 14 फीसदी के बराबर है.
इसके बाद होम लोन का नंबर है, जो इंडस्ट्री के लोन का 10 परसेंट है. प्रॉपर्टी लोन और अनसिक्योर्ड बिजनस लोन 8 फीसदी से थोड़ा ज्यादा है. ऐसे में गोल्ड लोन की ग्रोथ के तेज होने की वजह से RBI ने सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं.