पुराने कपड़ों को लोग या तो अक्सर जरुरतमंदों को दान कर देते हैं या फिर उन्हें अपनी सोसायटी या घर के आसपास काम करने वाले गार्ड, हाउस कीपिंग स्टाफ वगैरह को फ्री में दे देते हैं. दुनिया के कई देशों में आमतौर पर पुराने कपड़ों को एक खास जगह छोड़ने का चलन है, जिससे गरीब और जरूरतमंद लोगों को वो इस्तेमाल के लिए आसानी से मिल जाएं.
भारत में भी बीते कुछ अरसे से नेकी की दीवार का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है, इसमें लोग अपने पुराने कपड़े छोड़ जाते हैं और जरूरतमंद लोग उन्हें अपने इस्तेमाल के लिए ले जाते हैं. हालांकि पुराने कपड़ों का दान या फ्री में ही किसी को देने के अलावा बेचने का कारोबार भी दुनिया में काफी बड़ा है. ऐसे में ये जानना काफी दिलचस्प है कि किसी और के पहने हुए यानी पुराने कपड़े खरीदने के मामले में कई विकसित देश भारत जैसे विकासशील देश से कहीं आगे हैं.
फिनलैंड के लोग पुराने कपड़े खरीदने में आगे
इसका दिलचस्प खुलासा Statista Consumer Insights के आंकड़ों में हुआ है, जिसके मुताबिक इस लिस्ट में फिनलैंड पहले नंबर पर है और सर्वे के मुताबिक इस देश में 33 फीसदी लोगों का कहना है कि पिछले एक साल के दौरान उन्होंने सेकंड हैंड कपड़े खरीदे हैं. इसी तरह यूरोपीय देश पोलैंड में भी 33 फीसदी लोगों ने कहा कि पिछले 12 महीनों को दौरान उन्होंने प्री-ऑन्ड कपड़ों की खरीदारी की.
स्वीडन वैसे तो दुनिया में कई इंडेक्स में पहले नंबर पर है. लेकिन इस देश में सर्वे में शामिल 30 फीसदी लोगों ने पिछले एक साल के दौरान पुराने कपड़े खरीदे हैं. दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी अमेरिका में 30 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने सेकंड हैंड कपड़े खरीदे हैं.
अमेरिका में भी खूब खरीदे जा रहे हैं पुराने कपड़े
वहीं यूरोप के विकसित देश फ्रांस और ब्रिटेन जैसी दुनिया की टॉप इकॉनमीज में 29 फीसदी लोगों ने पुराने कपड़े खरीदने की बात मानी है. दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रही इकोनॉमी भारत का भी इस सर्वे में जिक्र किया गया है जिसके मुताबिक सर्वे में शामिल हुए लोगों में से 24 फीसदी ने कहा कि उन्होंने पिछले एक साल दौरान सेकंड हैंड कपड़े खरीदे हैं.
इस लिस्ट में अगला नंबर दुनिया की तीसरी और यूरोप की सबसे बड़ी इकोनॉमी जर्मनी का है, जिसके 21 फीसदी लोगों ने कहा कि पिछले एक साल के दौरान उन्होंने सेकंड हैंड कपड़े खरीदे. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी वाले देश चीन में 12 फीसदी लोगों ने दूसरों के पहने हुए कपड़ों को पहनने की बात कही है. जापान और साउथ कोरिया में 10-10 फीसदी लोगों ने सेकंड हैंड कपड़े खरीदने की बात स्वीकार की है.
यानी दुनियाभर की तमाम दिग्गज अर्थव्यवस्थाओं में लोग बेहिचक पुराने कपड़े खरीदकर पहनते हैं. भारत में पुराने कपड़ों के मार्केट का साइज 2023 में करीब 3 हजार 3 मिलियन डॉलर का था. जिसके 2032 तक 13 फीसदी CAGR के साथ बढ़कर 9 हजार 111 मिलियन डॉलर होने का अनुमान है.
दुनिया में तो सेकंड हैंड कपड़ों की इंडस्ट्री का साइज पिछले साल 197 अरब डॉलर का था, जिसमें अगले 2 साल में 100 अरब डॉलर का इजाफा होने का अनुमान है.