12 जून को लंदन गैटविक जा रहा एअर इंडिया का विमान AI171 अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस विमान में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी समेत 242 लोग सवार थे, जिसमें 10 क्रू मेंबर, 2 पायलट और 230 यात्री थे. हादसे में Boeing कंपनी का B-787 Dreamliner शामिल था.
यह पहला मौका नहीं है, जब बोइंग के विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं. इससे पहले भी बोइंग कंपनी के कई विमान क्रैश हुए हैं. बोइंग कंपनी का कहना है कि Boeing 787 ड्रीमलाइनर, पहली बार क्रैश हुआ है. हालांकि बोइंग का 737 मैक्स कई बार क्रैश हो चुका था. साल 2018, 2019 और इस विमान को अपडेट करने के बाद 2024 में भी यह विमान क्रैश हुआ था, जिसमें 500 लोगों से ज्यादा की जान चली गई.
अब सवाल उठता है कि इस तरह के हादसे में अगर यात्री की मौत होती है तो उनके परिवार को कितना मुआवजा मिलता है और इसे कौन देता है. आइए जानते हैं एयरलाइंस कंपनियों के लिए नियम क्या हैं?
विमान हादसे में मुआवजे को लेकर नियम?
आज के समय में विमान से सफर करना जितना सुविधाजनक है, उतना ही जोखिम भरा भी हो सकता है. किसी एक गलती की वजह से अनहोनी होने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में एयरलाइंस कंपनियों और DGCA की तरफ से कुछ सख्त नियम बनाए गए हैं. ताकि किसी आपात स्थिति में पीड़ितें के परिवारों को आर्थिक लाभ मिल सके. घरेलू और इंटरनेशनल फ्लाइट्स के लिए ये नियम अलग-अलग है.
1.4 करोड़ का मुआवजा
अंतर्राष्ट्रीय उड़ान में मृत्यु या शारीरिक चोट की स्थिति में, भारत में परिचालन करने वाली एयरलाइनें मॉन्ट्रियल कन्वेंशन, 1999 के नियम से बंधी हैं, जो एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है जिस पर भारत ने भी हस्ताक्षर किए हैं. इस कन्वेंशन के तहत 128,821 तक विशेष आहरण अधिकार (SDR) यानी प्रत्येक यात्री के लिए लगभग 1.4 करोड़ रुपये दिया जाता है. अगर यह साबित हो जाए कि एयरलाइन की गलती से यह एक्सीडेंट हुआ है तो यह मुआवजा और बढ़ सकता है.
यह मुआवजा अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर लागू होता है, लेकिन नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के दिशानिर्देशों के अनुसार, भारतीय विमानन कंपनियां अक्सर घरेलू मार्गों के लिए भी समान कवरेज प्रदान कर सकती हैं. यह मुआवजा एअरलाइंस और इंश्योरेंस कंपनी की ओर से दिया जाता है.
ट्रैवल इंश्योरेंस का भी लाभ
कई बीमा कंपनियों लोगों को जोखिम भरे यात्रा से बचाने के लिए कवरेज पेश करती हैं. इनमें आम तौर पर 25 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक की आकस्मिक मृत्यु लाभ और 5 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक की स्थायी विकलांगता मुआवजा शामिल है. ऐसे में अगर किसी यात्री ने बीमा कराया है तो उसके परिवार को इस कवर का भी लाभ मिलेगा.