हर गुजरते साल के साथ पूरी दुनिया इंसानों की लाइफस्टाइल में बेहतरी का अनुभव कर रही है. लोगों की लाइफस्टाइल बुढ़ापे में भी बेहतर बनी रहे. इसके लिए उन्हें नौकरी के दौरान ही फाइनेंसियल प्लानिंग (Financial Planing) कर लेनी चाहिए. ताकी बुढ़ापे में उन्हें किसी पर आर्थिक रूप से निर्भर नहीं रहना पड़े. भारत में नौकरीपेश लोग 50 से 65 साल की उम्र के बीच रिटायर होते हैं. इसलिए जीवन की दूसरी पारी को सुरक्षित करने के लिए निवेश जरूरी है. इन दिनों सरकारी पेंशन स्कीम (NPS) में लोग खूब निवेश कर रहे हैं.
दो तरह के अकाउंट
शुरुआत में नेशनल पेंशन स्कीम केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए पेश की गई थी. लेकिन बाद से सभी लोगों के लिए ओपन कर दिया गया. इस स्कीम में 18 साल से लेकर 60 साल की उम्र तक के लोग NPS में निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. NPS एक लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान है. इस स्कीम में आपको दो प्रकार के अकाउंट टियर-I और टियर-II में निवेश करने के ऑप्शन मिलते हैं.
NPS टियर II अकाउंट क्या है?
NPS टियर I अकाउंट खोलने के बाद ही आप टियर II अकाउंट खोल सकते हैं. टियर II अकाउंट खोलने के लिए आपको मिनिमम 1000 रुपये से निवेश की शुरुआत करनी होगी. NPS टिअर-II अकाउंट एक तरह से सेविंग अकाउंट (Saving Account) की तरह है. इसमें आप कभी भी अपने हिसाब से पैसे जमा करा सकते हैं और अपनी जरूरत के हिसाब से निकासी भी कर सकते हैं. आप चाहें तो एक ही बार में पूरी रकम भी निकाल सकते हैं. टियर II में आपको साल में पैसा जमा करने की बाध्यता नहीं होती है. वहीं, NPS टियर I में आपको साल में एक बार पैसा जमा करना जरूरी होता है.
टियर-I में नहीं निकाल सकते पूरा पैसा
NPS टियर-I को रिटायरमेंट के हिसाब से ही तैयार किया गया है. आप मिनिमम 500 रुपये के निवेश के साथ इसमें खाता खुलवा सकते हैं. रिटायरमेंट के बाद आप एक बार में 60 फीसदी तक रकम निकाल सकते हैं. बाकी 40 फीसदी रकम से एन्यूटीज (Annuties) खरीदनी होती है, जो आपको मासिक पेंशन के रूप में आपकी आय को सुनिश्चित करता है.
टैक्स छूट में अंतर
दोनों अकाउंट पर मिलने वाले इनकम टैक्स में बड़ा फर्क है. टियर-I अकाउंट के मामले में अकाउंट होल्डर को इनकम टैक्स एक्ट 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक और 80सीसीडी (1बी) के तहत 50 हजार रुपये के टैक्स डिडक्शन का बेनिफिट मिलता है.
NPS टियर-II में किसी भी तरह का टैक्स बेनिफिट नहीं मिलता है. सिर्फ केंद्र सरकार के कर्मचारी ही NPS टियर-II अकाउंट पर टैक्स बेनफिट ले सकते हैं. हालांकि उनके लिए शर्त ये है कि टैक्स छूट का लाभ उठाने के लिए निवेश पर तीन साल का लॉक-इन पीरियड लग जाएगा.
निकासी की रकम पर टैक्स
पैसों की निकासी के मामले में भी दोनों अकाउंट में अंतर है. NPS टियर-I अकाउंट से निकासी की पूरी रकम को टैक्स से छूट मिलती है. अगर आप NPS टियर II अकाउंट से पैसे निकालते हैं तो निकासी की रकम को टैक्सेबल इनकम (Taxable Income) माना जाता है. इस इनकम पर आपको आपके स्लैब के हिसाब से इनकम टैक्स देने होता है.