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सरकार के लिए खुशखबरी, लगातार दूसरे महीने GST कलेक्शन 1 लाख करोड़ के पार

अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर तमाम नकारात्मक खबरों के बीच मोदी सरकार के लिए राहत की खबर आई है. जीएसटी कलेक्शन लगातार दूसरे महीने 1 लाख करोड़ के पार पहुंचा है. दिसंबर महीने में जीएसटी कलेक्शन 1 लाख 3 हजार 184 करोड़ रुपये रहा.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो-PTI)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (फाइल फोटो-PTI)

  • सुधार की ओर अर्थव्यवस्था, जीएसटी कलेक्शन 1 लाख करोड़ पार
  • दिसंबर महीने में जीएसटी कलेक्शन रहा 1 लाख 3 हजार 184 करोड़

अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर तमाम नकारात्मक खबरों के बीच मोदी सरकार के लिए राहत की खबर आई है. जीएसटी कलेक्शन लगातार दूसरे महीने 1 लाख करोड़ के पार पहुंचा है. दिसंबर महीने में जीएसटी कलेक्शन 1 लाख 3 हजार 184 करोड़ रुपये रहा. इससे पहले नवंबर में जीएसटी कलेक्शन कुल 1,03,492 करोड़ रुपये रहा था. वहीं अक्टूबर महीने में जीएसटी कलेक्शन 95,380 करोड़ रुपये और सितंबर में 91,916 करोड़ रुपये था.

तुलनात्मक अध्ययन करें तो यह साफ होता है कि जीएसटी कलेक्शन में कुल 16 फीसदी बढ़ोतरी हुई है. यह वृद्धि सालाना हिसाब से हुई है. अरुणाचल प्रदेश के जीएसटी कलेक्शन में 124 फीसदी उछाल है. दिसंबर 2018 में यह आंकड़ा जहां 26 करोड़ का था, वहीं दिसंबर 2018 में कुल 58 करोड़ के पास पहुंच गया.

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नगालैंड में 88 फीसदी जीएसटी कलेक्शन की बात सामने आई है. दिसंबर 2018 में 17 करोड़ जीएसटी कलेक्शन था, वहीं दिसंबर 2019 तक यह आंकड़ा बढ़कर 31 करोड़ के पास पहुंच गया. जम्मू और कश्मीर में करीब 40 फीसदी जीएसटी कलेक्शन की बात सामने आई है.

दरअसल सितंबर में जीएसटी कलेक्शन में 2.7 फीसदी गिरावट आई थी, वहीं 5.3 फीसदी अक्टूबर में गिरावट आई थी. केंद्रीय स्तर पर नवंबर में कुल जीएसटी कलेक्शन 19,592 करोड़ रहा. राज्य स्तर पर 27,144 करोड़ जीएसटी रहा. वहीं 49,028 करोड़ एंटीग्रेटेड जीएसटी रहा. इसमें 20,948 करोड़ इंपोर्ट का भी हिस्सा शामिल है. इसके साथ ही कुल 7,727 करोड़ का उपकर भी शामिल है. अक्टूबर से नवंबर की तुलना में जीएसटी रिटर्न 3बी फाइल में 77.83 लाख इजाफा हुआ है.

दिसंबर में आईडीएसटी इंपोर्ट्स के हिसाब से कुल रेवेन्यू  में 9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. दिसंबर 2018 से लेकर दिसंबर 2019 का यह आंकड़ा है. हालांकि आईजीएसटी इंपोर्ट के हिसाब से 10 फीसदी नकारात्मक वृद्धि देखी गई, लेकिन नवंबर तक आते-आते इसमें सुधार दिखा. अक्टूबर में 20 फीसदी की गिरावट देखी गई.

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