रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने सरकार के लिए खजाना खोला तो सवाल उठने लगे कि क्या देश की आर्थिक सेहत बिगड़ गई है? इसके साथ ही सवाल उठ रहे हैं कि आरबीआई से मिले फंड का क्या करेगी सरकार? मंगलवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी पूछा गया था कि आरबीआई से मिले फंड को लेकर सरकार का क्या प्लान है?
लेकिन इस बीच एक्विट रेटिंग्स (Acuite Ratings) ने बुधवार को बताया कि RBI से केंद्र सरकार को 1.76 लाख करोड़ रुपये मिलने से सरकार को चालू वित्त वर्ष में आर्थिक मंदी की पृष्ठभूमि में अपनी वित्तीय हालत को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी.
एक्विट की रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई से 1.76 लाख करोड़ रुपये की महत्वपूर्ण रकम मिलने से सरकार को सरकारी निवेश में वित्तीय घाटा बढ़ने की चिन्ता किए बगैर अधिक रकम लगाने का मौका मिलेगा. वित्त वर्ष 2019-20 के लिए वित्तीय घाटा को 3.3 फीसदी रखने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
एक्विट रेटिंग्स ने कहा, 'आरबीआई की रकम से राजस्व में आई कमी को पाटने में भी मदद मिलेगी, जोकि 4.8 लाख करोड़ के बजटीय अनुमान से करीब 12.5 फीसदी कम 4.2 लाख करोड़ रुपये इकट्ठा होने का अनुमान है.'
एक्विट ने कहा, 'यह अपेक्षा करना उचित है कि वृद्धिशील निधि मुख्य रूप से बुनियादी ढांचे में पूंजीगत व्यय पर निवेश की जाएगी, और यह निवेश में छाई मंदी को दूर करने के साथ ही खपत चक्र को भी बढ़ावा देगा. हमारी राय में, आरबीआई से प्राप्त होने वाली आय से सरकार को राजकोषीय अनुशासन के संबंध में अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों से भटके बिना मध्यम राजकोषीय हस्तक्षेप का रास्ता अपनाने का अवसर मिलता है.'