राजधानी दिल्ली में आवास की भारी मांग के बावजूद, दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) के पास बड़ी संख्या में बिना बिके फ्लैट्स पड़े हैं. संसद में गुरुवार को पेश किए गए एक लिखित जवाब के अनुसार, DDA के पास इस समय पूरे शहर में कुल 34,052 बिना बिके फ्लैट मौजूद हैं, जिनमें से 31,487 यूनिट्स केवल नरेला क्षेत्र में हैं.
यह जानकारी महाराष्ट्र के अमरावती से कांग्रेस सांसद बलवंत बसवंत वानखेड़े द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में सामने आई है, जो DDA की आवासीय योजनाओं के प्रति खरीदारों की कम रुचि को दर्शाती है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, DDA)ने नरेला में कुल 62,801 फ्लैट्स का निर्माण किया है, इनमें से अब तक केवल 31,314 फ्लैट्स ही आवंटित किए जा सके हैं, इसका मतलब है कि लगभग 31,487 फ्लैट्स, जो कुल निर्माण का 50% से ज़्यादा हैं, अभी भी बिना बिके पड़े हैं.
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क्यों नहीं बिक रहे हैं डीडीए के फ्लैट्स?
DDA ने इन फ्लैट्स को बेचने के लिए कई बार स्कीमें चलाईं, बड़ी छूट दी, और कनेक्टिविटी सुधारने की कोशिश भी की, लेकिन इसके बावजूद खरीदारों की दिलचस्पी अभी भी बहुत कम बनी हुई है.
विशेषज्ञ बताते हैं कि कुछ प्रमुख कारणों की वजह से फ्लैट नहीं बिक पा रहे हैं, जैसे नरेला जैसे इलाकों में अधूरी या धीमी कनेक्टिविटी आसपास बुनियादी सुविधाओं का अभाव, कुछ प्रोजेक्ट्स में निर्माण गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ रहे हैं. वहीं लोगों को लोकेशन भी कुछ खास पसंद नहीं आ रहा है.
DDA समय-समय पर अलग अलग स्कीम लेकर आता है, लेकिन खाली फ्लैटों के लिए खरीदार नहीं मिल पाए. अब अनसोल्ड इन्वेंट्री को कम करने और नए खरीदारों को आकर्षित करने के लिए, DDA ने आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए दो बड़े प्रोजेक्ट्स तैयार किए हैं. इन प्रोजेक्ट्स के तहत 6,100 से अधिक फ्लैट लॉन्च किए जाएंगे.
किस तरह के फ्लैट?
अनसोल्ड इन्वेंट्री को कम करने और खरीदारों को आकर्षित करने के लिए, DDA ने आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए दो बड़े प्रोजेक्ट्स की घोषणा की है. पहला है कड़कड़डूमा टॉवरिंग हाइट्स, जो दिल्ली का पहला ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट होगा. इसमें 1,026 MIG और 498 छोटे 1-RK फ्लैट शामिल होंगे.
दूसरा प्रोजेक्ट नरेला में 'कर्मयोगी आवास योजना 2025' है, जिसमें 856 HIG, 1,800 MIG और 1,000 1BHK सहित कुल 3,656 फ्लैट लॉन्च किए जाएंगे. इसके अलावा, नरेला पॉकेट-11 में भी 3,666 अतिरिक्त फ्लैट (HIG, MIG और EWS) लॉन्च किए जाएंगे. DDA का मानना है कि ये आधुनिक और बेहतर लोकेशन वाले प्रोजेक्ट्स खरीदारों का भरोसा बढ़ाएंगे और धीरे-धीरे पुराने स्टॉक को कम करने में मदद करेंगे.
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