RBI ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती करके इसे 5.25% कर दिया है. RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने रेपो रेट में कटौती का ऐलान करते हुए बताया कि ये कटौती तुरंत लागू की जाएगी. RBI के इस फैसले से होम बायर्स को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. क्योंकि इससे EMI पहले से थोड़ी कम होगी और होम लोन लेना किफायती हो जाएगा.
रेपो रेट कम होने के बाद, बैंकों से यह उम्मीद की जाती है कि वे फ्लोटिंग रेट पर लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए अपनी ब्याज दरों को कम करेंगे, होम लोन लेने वाले ग्राहकों में ऐसे लोग सबसे ज़्यादा हैं. अक्टूबर 2019 के बाद जारी किए गए ज्यादातर होम लोन एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (EBLR) सिस्टम से जुड़े हुए हैं, जो सीधे रेपो रेट से जुड़ा होता है.
ऐसे ग्राहकों के लिए, ब्याज दर में कटौती का फायदा जल्दी मिलता है. या तो उनकी EMI कम हो जाती है या फिर उनके लोन चुकाने की अवधि कम हो जाती है. सबसे अच्छी बात यह है कि इसके लिए ग्राहक को खुद से कुछ करने की जरूरत नहीं होती.
यह भी पढ़ें: सस्ते होंगे कर्ज, घटेगी आपकी EMI...RBI ने रेपो रेट में की 25 बेसिस पॉइंट की कटौती
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
बिगटेक के प्रेसिडेंट बिजनेस डेवलपमेंट एंड ऑपरेशंस आजाद अहमद कहते हैं- ' रेपो रेट में कटौती से एनसीआर के कमर्शियल सेक्टर को फायदा होगा. क्योंकि पिछले कुछ सालों में ये भारत का सबसे किफायती कमर्शियल हब बनकर उभरा है. यहां कई विदेशी कंपनियां बड़े ऑफिस में निवेश का प्लान कर रही है. उम्मीद है कि हमें कमर्शियल रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स की एक मजबूत पाइपलाइन देखने को मिलेगी, जिसमें ज्यादा प्री-कमिटमेंट, लंबी अवधि के ली समझौते और संस्थागत निवेश की वृद्धि होगी. '
एसएस ग्रुप के एमडी और सीईओ,अशोक सिंह जौनापुरिया का कहते हैं-' RBI का ये फैसला उन घर खरीदारों के लिए अच्छी खबर है जो प्रॉपर्टी में निवेश का प्लान बना रहे हैं. इसका फायदा होम बायर्स और डेवलपर दोनों को मिलेगा. खासतौर पर गुरुग्राम में लग्जरी घरों की डिमांड ज्यादा है, ऐसे में जो लोग अभी घर लेने से हिचक रहे थे उन्हें हौसला मिलेगा और वो अपना घर लेने के लिए एक बार फिर विचार करेंगे.'
रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगा बूस्ट
वहीं सिक्का ग्रुप के चेयरमैन हरविंदर सिंह सिक्का का कहना है- ' यह कटौती रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला है, इससे केवल घर खरीदारों को राहत नहीं मिलेगा, बल्कि पूरे सेक्टर को नई ऊर्जा देगा. इस कदम से बिक्री में वृद्धि होगी, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को गति मिलेगी. बढ़ती मांग से निर्माण गतिविधियों में वृद्धि होगी, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. बढ़ते रियल एस्टेट सेक्टर के कारण इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को नई दिशा मिलेगी, जैसे कि सड़कें, पुल, और सार्वजनिक परिवहन. '
भूटानी ग्रुप की सीईओ आशीष भूटानी कहते हैं- ' रेपो रेट में की गई यह कटौती, रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी लाने का काम करेगी. ब्याज दरें कम होने से ग्राहकों की खरीदने की शक्ति में सीधे तौर पर इजाफा होता है, जिससे आम ग्राहकों तक बाजार की पहुंच मजबूत होती है. इसके साथ ही, यह सभी प्रॉपर्टी सेगमेंट में नए निवेश के द्वार भी खोलती है. यह निर्णायक कदम निश्चित रूप से बाजार के प्रति लोगों के मनोभावों को सकारात्मक दिशा देगा.'
आम लोगों के लिए घर खरीदना होगा आसान
रूट्स डेवलपर्स के डायरेक्टर, जितेंद्र यादव कहते हैं- रेपो रेट में कटौती से रियल एस्टेट सेक्टर को नया जोश मिलेगा, लोन सस्ते होंगे तो लोग और घर खरीदेंगे, डेवलपर भी नए प्रोजेक्ट लॉन्च करेंगे और समय पर पजेशन देंगे'.
व्हाइटलैंड कॉर्पोरेशन के डायरेक्टर स्ट्रैटेजी सुदीप भट्ट ने का कहना है- ' रेपो रेट कम होने से नए प्रोजेक्ट जल्द शुरू हो पाएंगे और बिना बिके घरों की सेल भी तेज होने की संभावना बढ़ेगी.'
वहीं पायनियर अर्बन लैंड एंड इंफ्रास्ट्रक्चर के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ऋषभ पेरीवाल कहते हैं- 'आम लोगों के लिए घर खरीदना अधिक सुलभ हो जाएगा और डिमांड को बल मिलेगा, डेवलपर्स भी लाभान्वित होंगे क्योंकि उन्हें कम ब्याज दर पर फंडिंग मिलेगी, जो उन्हें नए प्रोजेक्ट्स को कुशलतापूर्वक और निर्धारित समय पर पूरा करने में सहायक होगी.'
यह भी पढ़ें: UP के ये शहर बनने वाले हैं रियल एस्टेट का हब, निवेश कर पा सकते हैं मोटा मुनाफा
कुल मिलाकर एक्सपर्ट भी यही मानते हैं कि रेपो रेट में कटौती से घर लेना पहले से ज्यादा आसान होगा. सामान्य तौर पर, बैंक ग्राहक की EMI को अपरिवर्तित रखते हुए लोन चुकाने की अवधि को कम कर देते हैं, जब तक कि ग्राहक खुद कम EMI का अनुरोध न करे. BankBazaar के एक विश्लेषण से पता चला है कि RBI के पिछले फैसलों के अनुरूप, अधिकांश सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने पहले ही नए होम लोन की दरों में लगभग 100 बेसिस पॉइंट तक की कटौती कर दी है. वर्तमान में, HDFC बैंक, ICICI बैंक, SBI, बैंक ऑफ बड़ौदा और कैनरा बैंक जैसे प्रमुख ऋणदाता 7.3 प्रतिशत से 7.9 प्रतिशत के बीच की शुरुआती दरों पर होम लोन दे रहे हैं.
यह भी पढ़ें: जापानी डेवलपर्स की भारत में 'चुपके से एंट्री', रियल एस्टेट में अरबों का निवेश क्यों?