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...तो इसलिए IPO से नहीं हो रही कमाई, एक के बाद एक डिस्‍काउंट पर हो रहे लिस्‍ट

आज भले ही निवेशकों को IPO से नुकसान उठाना पड़ रहा है, लेकिन एक समय ऐसा भी था. जब IPO में निवेश कर लोग मोटा पैसा बना रहे थे. फंडामेंटली वीक कंपनियों के शेयर भी मार्केट में निवेशकों को दमदार रिटर्न दे रहे थे. तब निवेशकों की सिर्फ एक परेशानी थी कि कैसे भी करके IPO में शेयरों का अलॉटमेंट मिल जाए.

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IPO से क्‍यों नहीं हो रही कमाई?
IPO से क्‍यों नहीं हो रही कमाई?

ईरान-इजरायल वॉर थमने के बाद से ही शेयर बाजार में उछाल देखी जा रही है और निवेशकों के पोर्टफोलियो रिकवरी मोड में हैं. वहीं IPO मार्केट को देखें तो यह लगातार निराश कर रहा है. अभी आने वाले ज्‍यादातर आईपीओ डिस्‍काउंट पर लिस्‍ट हुए या फिर लिस्टिंग के बाद शेयर गिए हैं. निवेशक भी सोच रहे हैं कि आखिर क्‍या ऐसी वजहें हैं, जिससे आईपीओ में पैसा लगाने वालों को नुकसान ही हो रहा है? आइए जानते हैं. 

आज भले ही निवेशकों को IPO से नुकसान उठाना पड़ रहा है, लेकिन एक समय ऐसा भी था. जब IPO में निवेश कर लोग मोटा पैसा बना रहे थे. फंडामेंटली वीक कंपनियों के शेयर भी मार्केट में निवेशकों को दमदार रिटर्न दे रहे थे. तब निवेशकों की सिर्फ एक परेशानी थी कि कैसे भी करके IPO में शेयरों का अलॉटमेंट मिल जाए. 

जिसके लिए निवेशक अलग-अलग डीमैट अकाउंट से निवेश करने या उसके पैरेंट कंपनी में निवेश करके शेयरहोल्‍डर्स के तौर पर आईपीओ के लिए अप्‍लाई करने जैसी जुगाड़ लगाते थे. लेकिन जबसे IPO मार्केट में निवेशकों को नुकसान हो रहा है, तबसे निवेशक आईपीओ में पैसा लगाने से डर रहे हैं. 

2024 में आईपीओ का बना था रिकॉर्ड 
साल 2024 में IPO मार्केट में दमदार तेजी देखने को मिली थी. इस साल भारतीय शेयर बाजार में 90 मेनबोर्ड और 178 एसएमई (SME) समेत कुल 268 आईपीओ की लिस्टिंग हुई थी. जिसमें से ज्‍यादातर IPO ने निवेशकों को मुनाफा कराया था. इन आईपीओ के माध्‍यम से कंपनियों ने निवेशकों से 1.67 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे. ये आंकड़ा ग्‍लोबल मार्केट में सबसे ज्‍यादा है. 

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2025 में सिर्फ इतने आईपीओ आए
वहीं साल 2025 में अभी तक कुल 26 आईपीओ आए हैं और कुछ और आने वाले हैं. इसमें से ज्‍यादातर SME कंपनियों के आईपीओ हैं. मेनबोर्ड आईपीओ की संख्‍या बहुत कम है, जो निवेशकों में आईपीओ को लेकर डर दिखाता है. 

क्‍यों IPO नहीं करा रहे कमाई? 

  1. सबसे बड़ी वजह कंपनियों के IPO का ग्रे मार्केट प्रीमियम बहुत कम होना है. आईपीओ ओपेन होने के बाद से लगातार आईपीओ GMP में गिरावट आती रही है. कोई-कोई आईपीओ के जीएमपी तो खुलते ही 7 से 8 फीसदी डिस्‍काउंट में चले जाते हैं. 
  2. मार्केट में दबाव को देखते हुए निवेशक डरे हुए हैं और आईपीओ में निवेश नहीं कर रहे हैं. रिटेल से लेकर QIB तक आईपीओ में निवेश से बच रहे हैं, जिसका असर ये हुआ है कि आईपीओ फुल सब्‍सक्राइब भी नहीं हो पा रहे हैं. 
  3. जियो-पॉलिटिकल टेंशन, महंगाई बढ़ने की आशंका और विदेशी निवेशकों की ओर से लगातार बिकवाली से शेयर बाजार में कब गिरावट आ जाए, ये अंदेशा लगाना मुश्किल है. ऐसे में IPO भी निवेशकों को रिटर्न नहीं दे रहे हैं. 
  4. इस समय कोई भी कंपनी अगर आपना आईपीओ ला रही है तो वह वैल्‍यूवेशन आधार पर ज्‍यादा महंगे दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में पहले से ही उनके प्राइस बैंड ज्‍यादा होने से लिस्टिंग पर कमाई होने की उम्‍मीद कम हो जा रही है. 
  5. आईपीओ मार्केट में अभी कोई बड़ी और अच्‍छी कंपनियों के आईपीओ नहीं आ रहे हैं, जिसपर निवेशकों को भरोसा हो या फिर वह अच्‍छा रिटर्न देने का दम रखते हों. 

डिस्‍काउंट पर लिस्‍ट हुए ये आईपीओ 
गौरतलब है कि Arisinfra Solutions Limited के शेयर आज एनएसई पर 8 फीसदी डिस्‍काउंट पर लिस्‍ट हुए. वहीं कुछ दिन पहले Oswal Pumps Limited का आईपीओ 3 फीसदी गेन पर लिस्‍ट हुआ था, लेकिन अब वह आईपीओ प्राइस से 8 फीसदी नीचे है. इससे पहले स्‍कोडा ट्यूब्‍स के शेयरों की लिस्टिंग सिर्फ 5 फीसदी तेजी पर हुई थी.

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(नोट- किसी भी आईपीओ में निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)

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