ईरान-इजरायल वॉर थमने के बाद से ही शेयर बाजार में उछाल देखी जा रही है और निवेशकों के पोर्टफोलियो रिकवरी मोड में हैं. वहीं IPO मार्केट को देखें तो यह लगातार निराश कर रहा है. अभी आने वाले ज्यादातर आईपीओ डिस्काउंट पर लिस्ट हुए या फिर लिस्टिंग के बाद शेयर गिए हैं. निवेशक भी सोच रहे हैं कि आखिर क्या ऐसी वजहें हैं, जिससे आईपीओ में पैसा लगाने वालों को नुकसान ही हो रहा है? आइए जानते हैं.
आज भले ही निवेशकों को IPO से नुकसान उठाना पड़ रहा है, लेकिन एक समय ऐसा भी था. जब IPO में निवेश कर लोग मोटा पैसा बना रहे थे. फंडामेंटली वीक कंपनियों के शेयर भी मार्केट में निवेशकों को दमदार रिटर्न दे रहे थे. तब निवेशकों की सिर्फ एक परेशानी थी कि कैसे भी करके IPO में शेयरों का अलॉटमेंट मिल जाए.
जिसके लिए निवेशक अलग-अलग डीमैट अकाउंट से निवेश करने या उसके पैरेंट कंपनी में निवेश करके शेयरहोल्डर्स के तौर पर आईपीओ के लिए अप्लाई करने जैसी जुगाड़ लगाते थे. लेकिन जबसे IPO मार्केट में निवेशकों को नुकसान हो रहा है, तबसे निवेशक आईपीओ में पैसा लगाने से डर रहे हैं.
2024 में आईपीओ का बना था रिकॉर्ड
साल 2024 में IPO मार्केट में दमदार तेजी देखने को मिली थी. इस साल भारतीय शेयर बाजार में 90 मेनबोर्ड और 178 एसएमई (SME) समेत कुल 268 आईपीओ की लिस्टिंग हुई थी. जिसमें से ज्यादातर IPO ने निवेशकों को मुनाफा कराया था. इन आईपीओ के माध्यम से कंपनियों ने निवेशकों से 1.67 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे. ये आंकड़ा ग्लोबल मार्केट में सबसे ज्यादा है.
2025 में सिर्फ इतने आईपीओ आए
वहीं साल 2025 में अभी तक कुल 26 आईपीओ आए हैं और कुछ और आने वाले हैं. इसमें से ज्यादातर SME कंपनियों के आईपीओ हैं. मेनबोर्ड आईपीओ की संख्या बहुत कम है, जो निवेशकों में आईपीओ को लेकर डर दिखाता है.
क्यों IPO नहीं करा रहे कमाई?
डिस्काउंट पर लिस्ट हुए ये आईपीओ
गौरतलब है कि Arisinfra Solutions Limited के शेयर आज एनएसई पर 8 फीसदी डिस्काउंट पर लिस्ट हुए. वहीं कुछ दिन पहले Oswal Pumps Limited का आईपीओ 3 फीसदी गेन पर लिस्ट हुआ था, लेकिन अब वह आईपीओ प्राइस से 8 फीसदी नीचे है. इससे पहले स्कोडा ट्यूब्स के शेयरों की लिस्टिंग सिर्फ 5 फीसदी तेजी पर हुई थी.
(नोट- किसी भी आईपीओ में निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)