scorecardresearch
 

US vs China: पहले से था डर... चीन ने चल दी ये बड़ी चाल, अमेरिका, जापान से वियतनाम तक की बढ़ी मुश्किल!

चीन के इस रेयर एलीमेंट्स के रोक से माना जा रहा है कि दुनियाभर में इसकी सप्‍लाई में कमी आ सकती है. 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने अभी तक दूसरे देशों के लिए लाइसेंसिंग व्यवस्था नहीं बनाई है. इससे पोर्ट्स पर श‍िपमेंट रुक गई है.

Advertisement
X
US China Tariff War
US China Tariff War

अमेरिका और चीन के बची चल रहे ट्रेड वॉर का असर दुनिया भर के कारोबार पर पड़ सकता है. लेकिन उससे पहले ही चीन ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे दुनिया भर में इसका असर देखने को मिल सकता है. दरअसल, चनी ने 14 अप्रैल को रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REE) और मैग्नेट के निर्यात पर रोक लगा दी है. चीन ने यह एक्‍शन अमेरिका की ओर से 145% टैरिफ के जवाब में लगाया गया है. 

Advertisement

चीन के इस रेयर एलीमेंट्स के रोक से माना जा रहा है कि दुनियाभर में इसकी सप्‍लाई में कमी आ सकती है.  'द न्यूयॉर्क टाइम्स' की रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने अभी तक दूसरे देशों के लिए लाइसेंसिंग व्यवस्था नहीं बनाई है. इससे पोर्ट्स पर श‍िपमेंट रुक गई है. चीन ने यह कदम अमेरिका को टारगेट करने के लिए उठाया है. लेकिन इसका असर दूसरे देशों पर भी पड़ सकता है. 

कहां होता है इसका इस्‍तेमाल? 
चीन ने येट्रियम और डिस्‍प्रोसियम समेत आधा दर्जन REE के निर्यात पर रोक लगाई है. इनका इस्‍तेमाल जेट इंजन, डिफेंस उपकरण और आधुनिक इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स बनाने में होता है. चीन इन धातुओं का सबसे बड़ा उत्‍पादक और एक्‍सपोर्टर है. इसलिए बंदरगाहों पर शिपमेंट रुकने से दुनियाभर में सप्‍लाई की कमी हो सकती है. अमेरिका, जापान, वियतनाम और जर्मनी जैसे देश इसके बड़े कंज्‍युमर हैं. 

Advertisement

जापान पर भी लगाई थी रोक 
कुछ जापानी कंपनियों के पास एक साल से ज्‍यादा का स्‍टॉक है. इसलिए उन्‍हें इसके रोक से ज्‍यादा परेशानी नहीं होगी. ये पहली बार नहीं है जब चीन ने इसपर रोक लगाई है. चीन ने 2010 में साउथ चीन सागर में एक क्षेत्रीय विवाद के कारण जापान को REE सप्‍लाई करने से सात वीक के लिए रोक दिया था. 

पहले से ही था डर 
वाशिंगटन स्थित सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) के विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी पहले से ही आशंका जताई जा रही थी कि चीन इसके एक्‍सपोर्ट पर रोक लगा देगा. 2023 और 2025 के बीच चीन ने अमेरिका को गैलियम, जर्मेनियम, एंटीमनी, ग्रेफाइट और टंगस्टन सहित रणनीतिक सामग्रियों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाना शुरू कर दिया था. 

भारत पर इसका कितना असर 
भारत पर इसका कम असर होने की उम्‍मीद है, क्‍योंकि भारत में आरईई की खपत कम है. हालांकि कुछ सालों में इसकी मांग बढ़ी है. खान मंत्रालय के अनुसार, भारत ने 2023-24 में 2270 टन आरईई का आयात किया था. यह 2019-20 में 1,848 टन था.  चीन से 65 फीसदी और हांगकांग से 10 फीसदी आयात किया गया था. 

Live TV

Advertisement
Advertisement