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US ने लगाया 245% टैरिफ... चीन का छलका दर्द, बोला- ऐसा करते रहे तो नहीं करेंगे बात!

मंगलवार को जारी एक पत्र के अनुसार, व्हाइट हाउस ने विस्तृत जानकारी दी कि चीन के कुल टैरिफ में 125 प्रतिशत का रेसिप्रोकल टैरिफ, फेंटेनाइल संकट से निपटने के लिए एक्‍स्‍ट्रा 20 प्रतिशत टैरिफ और अनुचित व्यापार प्रथाओं से निपटने के लिए विशिष्ट वस्तुओं पर 7.5 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक का टैरिफ शामिल है. 

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अमेरिका बनाम चीन
अमेरिका बनाम चीन

अमेरिका ने चीन पर 245% का टैरिफ लगाया है, जिसे लेकर अब चीन का रिएक्‍शन सामने आया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि अगर अमेरिका अपने 'टैरिफ नंबर गेम' को जारी रखता है तो चीन आगे की बातचीत नहीं करेगा. यह प्रतिक्रिया व्हाइट हाउस की उस एक्‍शन के बाद आई है, जिसमें कहा गया है कि चीन को अपनी जवाबी कार्रवाइयों के कारण 245 प्रतिशत तक टैरिफ का सामना करना पड़ सकता है. 

मंगलवार को जारी एक पत्र के अनुसार, व्हाइट हाउस ने विस्तृत जानकारी दी कि चीन के कुल टैरिफ में 125 प्रतिशत का रेसिप्रोकल टैरिफ, फेंटेनाइल संकट से निपटने के लिए एक्‍स्‍ट्रा 20 प्रतिशत टैरिफ और अनुचित व्यापार प्रथाओं से निपटने के लिए विशिष्ट वस्तुओं पर 7.5 प्रतिशत से 100 प्रतिशत तक का टैरिफ शामिल है. 

ट्रंप का चीन पर एक्‍शन 
दो सप्‍ताह पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने सभी देशों पर नए टैरिफ की घोषणा की. बाद में कई देशों के लिए उच्च Reciprocal Tariff वापस ले लिए, जबकि चीन पर सख्त शुल्क बनाए रखा. जवाब में चीन ने अमेरिकी सामानों पर अपने टैरिफ बढ़ा दिये और बातचीत को आगे नहीं बढ़ाया. चीन ने तर्क दिया कि चर्चाएं केवल आपसी सम्‍मान और समानता के आधार पर ही हो सकती हैं. इस बीच, कई अन्‍य देशों ने वाशिंगटन के साथ द्विपक्षीय समझौतों की तलाश शुरू कर दी है. 

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चीन ने WTO से की थी शिकायत 
पिछले सप्ताह चीन ने विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organization) में एक नई शिकायत दर्ज कराई, जिसमें अमेरिकी टैरिफ पर 'गंभीर चिंता' व्यक्त की गई और वाशिंगटन पर वैश्विक व्यापार संगठन के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया. इस वीक चीन ने एक पैनल बनाया है, जो बढ़ते टैरिफ वॉर को सॉल्‍व करने के लिए किसी भी चर्चा में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं. 

चीन ने बनाया पैनल 
चीन ने व्यापार जार वांग शॉवेन की जगह ली चेंगगांग को नियुक्त किया, जो विश्व व्यापार संगठन में इसके दूत हैं. वाशिंगटन ने संकेत दिया है कि राष्ट्रपति ट्रंप चीन के साथ व्यापार समझौते पर बातचीत करने के लिए तैयार हैं, लेकिन जोर देकर कहा कि बीजिंग को पहला कदम उठाना चाहिए, इस बात पर जोर देते हुए कि चीन को 'हमारे पैसे' की जरूरत है. 

चीन ने की ये कार्रवाई 
अमेरिकी सरकार ने चीन पर गैलियम, जर्मेनियम और एंटीमनी जैसी महत्वपूर्ण हाई टेक्निक वाली सामग्रियों तक पहुंच को जानबूझकर सीमित करने का आरोप लगाया है, जो सैन्य, एयरोस्पेस और सेमीकंडक्टर क्षेत्रों के लिए आवश्यक हैं. इसके अलावा चीन ने हाल ही में छह भारी रेयर अर्थ मेटल के निर्यात को प्रतिबंधित कर दिया है, जिससे वैश्विक आपूर्ति पर अधिक प्रभाव पड़ा है. 

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