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डरिए मत... CEA नागेश्वरन बोले- ' रुपये का गिरना No Tension', बताया क्यों?

Rupee@90: भारतीय करेंसी गिरते हुए बुधवार को 90.30 प्रति डॉलर के लाइफ टाइम लो-लेवल को छू गई, लेकिन केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने भरोसा जताते हुए कहा है कि ये अगले साल सुधर जाएगी.

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सीईए ने रुपये में सुधार की उम्मीद जताई (Photo: Reuters)
सीईए ने रुपये में सुधार की उम्मीद जताई (Photo: Reuters)

इंडियन करेंसी रुपया बुधवार को फिसलते हुए 90 प्रति डॉलर (Rupee Against Dollar) के अब तक के सबसे निचले स्तर पर आ गई. बीते कुछ दिनों से इसमें गिरावट का सिलसिला जारी था और अब ये ये रिकॉर्ड लो-लेवल (Rupee All Time Low) पर पहुंच गया. एक ओर जहां रुपया जमीन पर आ गया है, तो वहीं इस गिरावट के बावजूद केंद्र सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) अनंत नागेश्वरन ने कहा कि, 'रुपये में ये गिरावट चिंता की बात नहीं है.'

बुधवार को जमकर टूटा रुपया
सप्ताह के तीसरे कारोबारी दिन बुधवार को Indian Rupee अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले 89.96 रुपये पर खुला और लगातार बिकवाली के दबाव में कुछ ही देर में गिरते हुए 90.15 प्रति डॉलर तक गिर गया. यही नहीं दिन बढ़ने के साथ ही ये और भी गिरता चला गया और इंट्राडे कारोबार में 90.30 रुपये प्रति डॉलर अब तक के न्यूनतम स्तर तक लुढ़क गया. इस साल 2025 में अब तक भारतीय करेंसी की वैल्यू में करीब 5.3 फीसदी की बड़ी गिरावट आ चुकी है. 

'रुपये में गिरावट का खास असर नहीं'
भारतीय करेंसी रुपये के इस तरह भर-भराकर टूटने के बीच सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने बड़ी बात कही है. उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि, 'रुपये के 90 प्रति डॉलर (Rupee@90 Dollar) के पार निकल जाने से सरकार की नींद नहीं उड़ी है.' CEA ने आगे कहा कि करेंसी में गिरावट का महंगाई या निर्यात पर कोई खास असर नहीं पड़ा है.  ऐसे में ये गिरावट कोई चिंता की बात नहीं है. 

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CEA ने बताया- कब सुधरेगा रुपया? 
India Rupee Fall को लेकर मार्केट एक्सपर्ट्स तमाम कारण बताते हुए इसके और गिरने का आशंका जाहिर कर रहे हैं. बैंक ऑफ बड़ौदा के चीफ इकोनॉमिस्ट मदन सबनवीस का कहना है कि FPI की बिकवाली, व्यापार घाटे में संभावित बढ़ोतरी और निर्यात में कमी का दबाव रुपये पर दिखा है. उन्होंने अलर्ट करते हुए कहा कि ये निर्यातकों को भले ही फायदा हो, लेकिन यह आयातकों या महंगाई के लिए Good News नहीं है. उन्होंने कहा कि जब रुपया एक महत्वपूर्ण स्तर को पार कर जाता है और कुछ दिन वहां टिका रहता है, तो बाज़ार उसे 'नया बेंचमार्क' मान लेता है. 

सबनवीस के मुताबिक, कारोबारी अब रुपये के 91 प्रति डॉलर की ओर बढ़ने की बात कर रहे हैं, लेकिन रिजर्व बैंक की पॉलिसी रेट्स पर ऐलान के बाद हो सकता है कि भारतीय मुद्रा 88-89 के स्तर तक वापस आ जाए. वहीं दूसरी ओर CEA Anantha Nageswaran ने रुपये में हालिया उतार-चढ़ाव को स्वीकार तो किया, लेकिन साथ ही ये भरोसा भी जताया कि इसमें अगले साल सुधार आ सकता है. 

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