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'BYE BYE US DOLLAR...' अमेरिकी निवेशक ने डॉलर को लेकर दी बड़ी चेतावनी!

अमेरिकी निवेशक ने डॉलर को लेकर बड़ी चेतावनी दी है. उनका कहना है कि मुझे लगता है कि डॉलर को सुरक्षित मानने वाले सबसे बड़े लूजर होंगे. उन्‍होंने ब्रिक्‍स देशों की करेंसी को लेकर भी बड़ा दावा किया है.

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अमेरिकी निवेशक रॉबर्ट कियोसाकी. (Photo: X/theRealKiyosaki)
अमेरिकी निवेशक रॉबर्ट कियोसाकी. (Photo: X/theRealKiyosaki)

अमेरिकी निवेशक और रिच डैड पुअर डैड के लेखक रॉबर्ट कियोसाकी ने अमेरिकी डॉलर के भविष्य के बारे में अपनी पुरानी चेतावनियों को दोहराते हुए निवेशकों से फिर क्रिप्‍टोकरेंसी और कीमती धातुओ की ओर रुख करने के लिए कहा. उन्‍होंने वैकल्‍पिक निवेश को छोड़कर क्रिप्‍टो और सोना-चांदी के निवेश की सलाह दी है. 

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कियोसाकी ने दावा किया कि ब्रिक्स देशों ने 'गोल्‍ड सपोर्ट‍िव' करेंसी का ऐलान किया है. उन्होंने अपने फॉलोअर्स को ज्‍यादा महंगाई को लेकर चेतावनी दी, जिससे अमेरिकी डॉलर की वैल्‍यू कम हो सकती है. 

अपनी पोस्‍ट में उन्‍होंने लिखा, 'ब्रिक्स- ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका ने 'यूनिट' की घोषणा की है- एक सोना-समर्थित 'मुद्रा'. अलविदा अमेरिकी डॉलर!... मेरा अनुमान है कि अमेरिकी डॉलर के बचतकर्ताओं को सबसे ज्यादा नुकसान होगा.' उन्होंने सोने, चांदी, बिटकॉइन और ईथर को सबसे अच्‍छा निवेश विकल्‍प बताया, उन्होंने चेतावनी दी कि डॉलर धारकों का 'सफाया'हो सकता है. 

कोई करेंसी का ऐलान नहीं
यह कियोसाकी का दावा है कि ब्रिक्‍स देशों ने अपनी करेंसी का ऐलान किया है, लेकिन किसी भी ब्रिक्स सदस्य देश ने आधिकारिक तौर पर सोना-समर्थित मुद्रा शुरू नहीं की है, और सीनियर अधिकारियों ने बार-बार स्पष्ट किया है कि निकट भविष्य में ऐसी कोई शुरुआत होने की उम्मीद नहीं है. 

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सोने से जुड़ी भुगतान सिस्‍टम डेवलप करने के लिए रिसर्च और राजनीतिक चर्चा चल रही है, जिसे कभी-कभी अनौपचारिक रूप से यूनिट कहा जाता है, जिसका उद्देश्य डॉलर प्रधान सिस्‍टम के बाहर व्यापार को सुगम बनाना है. इस विचार का उद्देश्य ब्रिक्स देशों के विशाल गोल्‍ड रिजर्व का लाभ उठाना और भू-राजनीतिक जोखिम को कम करना है. हालांकि अभी भी कई महत्‍वपूर्ण बाधाएं हैं, जिसमें लिक्विडिटी, बॉर्डर के बार समन्‍वय और विभिन्‍न अर्थव्‍वस्‍थाओं में यूनिफाइड प्‍लेटफॉर्म तैयार करने की समस्‍या शामिल है . 

जब सामने आई थी एक करेंसी 
2024 के अंत में जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की कजान शिखर सम्मेलन के दौरान एक प्रोटोटाइप 'ब्रिक्स बैंकनोट' पकड़े हुए तस्वीर सामने आई, तो अटकलें तेज हो गईं, जिससे इसके जल्द ही लॉन्च होने की अफवाहों को बल मिला. बाद में ब्रिक्स अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह नोट केवल प्रतीकात्मक था और किसी भी करेंसी की शुरुआत का संकेत नहीं था. पुतिन ने कहा था कि डॉलर को खत्‍म करने का लक्ष्‍य नहीं है, बल्कि उससे मुकाबला करना है. 

पुतिन ने कहा कि हम मना नहीं कर रहे हैं, डॉलर से लड़ नहीं रहे हैं, लेकिन अगर वे हमें इसके साथ काम नहीं करने देंगे, तो हम क्या कर सकते हैं? हमें फिर दूसरे विकल्प तलाशने होंगे. पुतिन ने कहा कि जल्‍दबाजी की कोई आवश्‍यकता नहीं है.  

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इंडिया टुडे को दिए एक इंटरव्‍यू में पुतिन ने समझदारी पर जोर दिया और चेतावनी दी कि एक ही करेंसी अपनाने में जल्‍दबाजी 'गंभीर गलतियां' पैदा कर सकती है. यूरोपीय संघ द्वारा यूरो की शुरुआत का हवाला देते हुए, उन्होंने कहा कि कई देश आर्थिक तौर पर तैयार नहीं थे. जिस कारण यूरोज़ोन में तनाव पैदा हुआ था. 

गौरतलब है कि कियोसाकी लंबे समय से सोने, चांदी और खास क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की वकालत करते रहे हैं और अक्सर अमेरिकी वित्तीय प्रणाली में भारी गिरावट की भविष्यवाणी करते रहे हैं. हाल के महीनों में, उन्होंने बार-बार चांदी को 'सबसे अच्छा और सबसे सुरक्षित' विकल्प बताया है और ग्‍लोबल करेंसी अनिश्चितता के बीच क्रिप्टो असेट को मूल्य के आवश्यक भंडार के रूप में पेश किया है. 

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