ओला इलेक्ट्रिक का शेयर पिछले कई दिनों से गिरावट पर कारोबार कर रहा था, लेकिन दो दिनों से इसमें जबरदस्त तेजी देखी जा रही है. भाविश अग्रवाल की कंपनी का शेयर 2 कारोबारी दिनों में 20% से ज्यादा चढ़ चुका है. NSE पर मंगलवार को यह 8.71 प्रतिशत चढ़कर 44.83 रुपये पर क्लोज हुआ था. वहीं आज इसमें करीब 15% की उछाल देखी जा रही है.
बुधवार दोपहर 11.50 बजे OLA Electric का शेयर 14.23 फीसदी चढ़कर 51.22 रुपये पर कारोबार कर रहा था. पिछले एक सप्ताह में इस शेयर ने 26 फीसदी का रिटर्न दिया है. वहीं 1 महीने के दौरान इसमें 22 फीसदी की उछाल आई है, लेकिन अगर हम 3 महीने की अवधि देखें तो इस शेयर ने निगेटिव रिटर्न दिया है.
क्यों आई ओला इलेक्ट्रिक शेयर में तगड़ी उछाल?
इस शेयर में उछाल भारी ट्रेडिंग वॉल्यूम के चलते आया है. इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स कंपनी के संस्थापक और अध्यक्ष भाविश अग्रवाल द्वारा भारत के प्रतिस्पर्धी ईवी सेगमेंट में मार्केट हिस्सेदारी को फिर से मिले और प्रॉफिट में सुधार करने के लिए एक अग्रेसिव रणनीति बनाई गई है. जिसके बाद से इस शेयर में तेजी देखी जा रही है.
कंपनी के लिए एक मुश्किल भरे साल के बाद हालिया तेजी आई है. ओला इलेक्ट्रिक के शेयर 2025 में अब तक 41% गिर चुके हैं और पिछले 12 महीनों में लगभग 63% नीचे आ चुके हैं, जिससे निवेशक सतर्क हैं, जबकि इस हफ्ते शेयर में तेजी से उछाल आया है.
जीएसटी रिफॉर्म एक चुनौती
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि सरकार दिवाली तक कई वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरें कम करने की योजना बना रही है, और जिन प्रस्तावों पर चर्चा चल रही है उनमें छोटी कारों पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% करना भी शामिल है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि इससे इलेक्ट्रिक वाहन सेक्टर में एक नाजुक सुधार में बाधा आ सकती है.
एचएसबीसी ग्लोबल रिसर्च ने कहा कि इस कदम से कुल मिलाकर ऑटो की मांग में तेजी आ सकती है, लेकिन अगर राज्य राजस्व में आई कमी की भरपाई के लिए सड़क कर बढ़ा देते हैं, तो इससे इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को नुकसान हो सकता है.
नोमुरा ने भी जताई चिंता
नोमुरा ने भी इसी तरह की चिंता जताई है और कहा है कि अगर वाहनों पर जीएसटी में कटौती की जाती है, तो पेट्रोल और इलेक्ट्रिक वाहनों के बीच प्राइस का अंतर तेजी से बढ़ जाएगा, जिससे संभवतः ईवी को अपनाने की गति धीमी हो जाएगी.
कंपनी के तिमाही नतीजे
कंपनी के तिमाही नतीजे अच्छे नहीं रहे हैं. 30 जून को समाप्त तिमाही में कंपनी ने 428 करोड़ रुपये का समेकित नेट घाटा दर्ज किया, जो पिछले साल की तुलना में 23 फीसदी ज्यादा है, जबकि रेवेन्यू घटकर 828 करोड़ रुपये रह गया. EBITDA घाटा बढ़कर 237 करोड़ रुपये हो गया, जबकि मर्जिन एक साल पहले के -12.5 फीसदी से घटकर -28.6 फीसदी रह गया.
(नोट- किसी भी शेयर में निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)