भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील (India-US Trade Deal) को लेकर छह दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) आए दिन दावे करते रहते हैं कि दोनों देशों के बीच पॉजिटिव डील बस होने ही वाली है. अब विदेशी एजेंसी ने भी भारत-अमेरिका डील के जल्द पूरे होने की बात कही है और अनुमान लगाया है कि फिलहाल भारत पर लागू अमेरिका का 50% टैरिफ (US Tariff On India) संशोधित होकर सिर्फ 20% किया जा सकता है.
2025 के अंत तक डील फाइनल!
India-US Trade Deal पर बड़ा अपडेट देते हुए नोमुरा (Nomura) ने अपने ताजा नोट में कहा है कि अमेरिका-भारत के बीच व्यापार समझौते का नतीजा अभी भी अनिश्चित बना हुआ है. दोनों पक्षों की ओर से सकारात्मक संकेत मिलने के बावजूद इस समझौते पर अभी तक हस्ताक्षर नहीं हुए हैं. हालांकि, विदेशी ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि इस समझौते पर जल्द ही साइन कर दिए जाएंगे और भारत पर टैरिफ 20 फीसदी के आसपास तय किए जाएंगे. ब्रोकरेज के मुताबिक, शेयर बाजार को भी उम्मीद है कि दोनों देशों के बीच ट्रेड डील इस साल के अंत तक हो जाएगी.
GDP Growth का अनुमान बढ़ाया
विदेशी ब्रोकरेज नोमुरा ने भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के बारे में कहा कि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर (India's GDP Growth Rate) सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर 8.2% रही है, जो इससे पिछली जून तिमाही में 7.8% थी यानी इंडियन इकोनॉमी का परफॉर्मेंस उम्मीद से बेहतर रहा है. इसे देखते हुए FY26 के लिए Nomura ने अपने जीडीपी ग्रोथ अनुमान को पहले के 7% से बढ़ाकर अब 7.5% कर दिया है.
RBI घटा सकता है Repo Rate!
नोमुरा ने अपने नोट में कहा कि कुछ ही दिनों में भारतीय रिजर्व बैंक की एमपीसी बैठक (RBI MPC Meeting) होने वाले हैं. भले ही मजबूत जीडीपी ग्रोथ के आंकड़ों से बाजार में रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद पर सवाल उठाए हैं, लेकिन हम दिसंबर में 25 आधार अंकों की कटौती के अपने पूर्वानुमान को बरकरार रखते हैं, जिसके बाद Repo Rate कम होकर 5.25% पर आ सकती है. इस बीच ब्रोकरेज ने रेपो रेट में कटौती की संभावना को घटाकर 65 फीसदी से 60 फीसदी जरूर कर दिया है.
भारत की इकोनॉमी मजबूत
नोमुरा के मुताबिक, आखिरकार India GDP वृद्धि दर आरबीआई के तिमाही के 7 फीसदी के अनुमान से 1.2 फीसदी ज्यादा रही है. नए जीडीपी आंकड़ों के आधार पर देखें, तो भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है और ऐसी स्थिति में पॉलिसी रेट्स में कटौती की कोई जरूरत भी नहीं है, हालांकि बेहद कम मुद्रास्फीति की गुंजाइश है. इसके साथ ही ब्रोकरेज ने कहा कि कम महंगाई दर, GST Reforms और श्रम कानूनों को आसान बनाने जैसे अन्य सुधारों से ग्रोथ को समर्थन मिलेगा.