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कोरोना का इकोनॉमी पर क्या हुआ असर? आज जीडीपी के आंकड़ों से हो जाएगा साफ 

सरकार आज वित्त वर्ष 2020-21 की अंतिम यानी मार्च तिमाही और पूरे वित्त वर्ष वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी के आंकड़े जारी करेगी. इन आंकड़ों से यह साफ हो जाएगा कि कोरोना का हमारी अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ा है?

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आज आएंगे जीडीपी के आंकड़े (प्रतीकात्मक तस्वीर: Getty Images)
आज आएंगे जीडीपी के आंकड़े (प्रतीकात्मक तस्वीर: Getty Images)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आज आएंगे जीडीपी के आंकड़े
  • इकोनॉमी के लिए अहम होंगे ये डेटा

केंद्र  सरकार आज ​यानी सोमवार की शाम को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े जारी करेगी. इन आंकड़ों से यह साफ हो जाएगा कि कोरोना का हमारी अर्थव्यवस्था पर वास्तव में क्या असर पड़ा है? हालांकि इसमें दूसरी लहर का असर नहीं होगा, क्यों​कि यह अप्रैल से शुरू हुई थी. 

सरकार आज वित्त वर्ष 2020-21 की अंतिम यानी मार्च तिमाही और पूरे वित्त वर्ष वित्त वर्ष 2020-21 के लिए जीडीपी के आंकड़े जारी करेगी. यानी ये आंकड़े अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के लिए होंगे. कोरोना की दूसरी लहर के इकोनॉमी पर असर का सही अंदाजा तब होगा, जब आगे जून तिमाही के लिए जीडीपी के आंकड़े आएंगे. 

मंदी के दौर में चला गया था देश 

गौरतलब है कि पिछले साल मार्च में जब कोरोना की पहली लहर आई थी तो उसने अर्थव्यवस्था को भारी चोट पहुंचाई थी. देश तकनीकी रूप से मंदी के दौर में चला गया था. लगातार दो तिमाहियों अप्रैल से जून और जुलाई से सितंबर में भारत की जीडीपी ने नेगेटिव ग्रोथ दिखाई थी, यानी जीडीपी में गिरावट आई थी. जून की तिमाही में तो जीडीपी करीब 24 फीसदी के ऐतिहासिक गिरावट बिंदु तक पहुंच गई थी.

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इसके बाद दिसंबर की तिमाही में 0.4 फीसदी की मामूली बढ़त हुई थी. अब देखना यह है कि चौथी तिमाही के आंकड़े किस तरह के रहते हैं, क्योंकि इस तिमाही में भारत में कोरोना की दूसरी लहर की शुरुआत हो गई थी. 

GDP में भारी गिरावट का अनुमान 

तमाम एजेंसियां पहले ही यह अनुमान लगा चुकी हैं कि दो तिमाहियों में नेगेटिव ग्रोथ की वजह से पिछले वित्त वर्ष यानी 2020-21 की जीडीपी में भारी गिरावट आएगी. 

फरवरी में खुद केंद्र सरकार ने यह अनुमान जारी  किया था कि वित्त वर्ष 2020-21 की जीडीपी में 8 फीसदी की गिरावट आ सकती है. रेटिंग एजेंसी ICRA ने अनुमान लगाया है कि पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट आ सकती है, जबकि मार्च तिमाही में जीडीपी में 2 फीसदी की बढ़त देखी जा सकती है. 

 

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