
पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद का कुनबा बिखर चुका है. अतीक अहमद और उसका बेटा असद अब इस दुनिया में नहीं है. बेटे को एनकाउंटर में STF ने मार गिराया, जबकि अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद की पुलिस की मौजूदगी में हत्या कर दी गई. पिछले एक हफ्ते में ही माफिया अतीक समेत परिवार के तीन लोग मारे जा चुके हैं. बाकी लोग या तो जेल में हैं, या फिर फरार हैं.
अतीक अहमद का परिवार
अतीक अहमद और उसकी पत्नी शाइस्ता परवीन के पांच बेटे हैं. बड़ा बेटा उमर लखनऊ जेल में बंद है. दूसरा बेटा अली प्रयागराज की नैनी जेल में बंद है. तीसरा बेटा असद 13 अप्रैल को मुठभेड़ में एसटीएफ के हाथों मारा गया. अतीक के बाकी दो बेटे अभी नाबालिग हैं, जो बालसुधार गृह में हैं. कहा जाता है कि एक समय प्रयागराज में अतीक अहमद की तूती बोलती थी, और आज घर में सन्नाटा पसरा है.
यह भी पढ़ें - 'खरबूजे को देखकर खरबूजा...', उमेश पाल मर्डर में बड़ा खुलासा, असद का ऑडियो आया सामने
जिस संपत्ति और शोहरत के लिए अतीक ने अपराध का रास्ता चुना, उसे आज कोई देखने वाला नहीं है. हालांकि अतीक अहमद ने पिछले तीन दशक में खूब संपत्तियां बनाईं, जो बेनामी क्यों न हो? आज हम आपको बताएंगे कि अतीक अहमद के पास कितनी नामी और बेनामी संपत्ति थी. क्योंकि उसने अधिकतर संपत्ति हड़पकर अपने नाम की थी. अब उसकी ये अथाह संपत्ति किसे मिलेगी, ये एक बड़ा सवाल है.
चुनावी हलफनामा में केवल इतनी संपत्ति
सबसे पहले बताते हैं, कि अतीक अहमद के पास घोषित कितनी संपत्ति थी. अतीक अहमद ने साल 2019 में वाराणसी संसदीय सीट से चुनाव लड़ा था. उसने अपने चुनावी हलफनामे में कुल संपत्ति 25 करोड़ रुपये बताई थी. हलफनामे से खुलासा हुआ था कि अतीक अहमद के एक दर्जन से अधिक बैंक खाते थे. कागजी संपत्ति को छोड़ दें, तो अतीक अहमद ने अवैध तरीके से अकूत संपत्ति बनाई थी.
हालांकि पिछले 2 साल में अतीक अहमद की अधिकतर अवैध संपत्ति या तो कुर्क की जा चुकी है, या फिर उसपर बुलडोजर चला दिया गया है. पिछले हफ्ते प्रशासन की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक अतीक अहमद की करीब 1169 करोड़ रुपये की संपत्ति पर या तो बुलडोजर चल गया है, या फिर उसे जब्त कर लिया गया है. इसमें से 417 करोड़ की संपत्ति को प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया है, और करीब 752 करोड़ की संपत्ति पर बुलडोजर चलाया गया है.
तीन दशक तक दहशत
रिपोर्ट्स के मुताबिक अतीक ने पिछले करीब तीन दशक में करीब 1200 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति का साम्राज्य खड़ा किया था. अभी भी अतीक की अवैध संपत्तियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.
बता दें, ईडी ने अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर से पहले अतीक और उसके करीबियों के ठिकानों पर छापे मारे थे. ईडी को तब 15 ठिकानों से 100 से ज्यादा अवैध और बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे. इस दौरान ये खुलासा भी हुआ था कि उसने लखनऊ और प्रयागराज के पॉश इलाकों में कई संपत्तियां खरीदी हैं. ये संपत्तियां या तो अतीक के नाम पर हैं या उसके परिवारवालों के नाम पर हैं.
इसी दौरान ED को अतीक के नाम दर्ज लखनऊ में 47 लाख रुपये की कीमत के 5900 Sqmt में बने मकान के सबूत भी मिले. अतीक अहमद ने साल 2013 में लखनऊ के गोमतीनगर का प्लॉट सिर्फ 29 लाख रुपये में लिखवा लिया था, जबकि सर्किल रेट के आधार पर इसकी कीमत 47 लाख रुपये थी.
अतीक की संपत्ति का कौन दावेदार?
अतीक की मौत के बाद ये सवाल सबसे बड़ा है, कि क्या उसकी पत्नी और उसके दोनों बेटों को काली कमाई की पूरी जानकारी है? खबरों के मुताबिक अतीक और अशरफ के जेल जाने के बाद शाइस्ता ने जमीन से जुड़े अवैध कारोबार को अपने हाथों में ले लिया. उमेश पाल की हत्या के पीछे शाइस्ता की बड़ी भूमिका बताई जा रही है. उमेश पाल की हत्या में नाम आने के बाद से ही वह फरार है.

यही नहीं, मारे जाने से पहले अतीक ने पुलिस को 14 ऐसे लोगों के नाम बताए थे, जो उसे फंडिंग किया करते थे. ये रकम शाइस्ता परवीन तक पहुंचाई जाती थी. इसलिए पुलिस ने शाइस्ता की तलाश तेज कर दी है. सूत्रों के मुताबिक, अतीक अहमद ने पुलिस की पूछताछ में ऐसी 200 से अधिक फर्जी कंपनियों के बारे में बताया है, जिससे उसकी काली कमाई का कनेक्शन है.
शाइस्ता परवीन आखिरी बार तभी दिखी थी, जब प्रयागराज में उसके घर को गिराया जा रहा था. तब अपनी ननद यानी अतीक की बहन के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने आई शाइस्ता ने अतीक की जान को खतरा बताया था.
शाइस्ता परवीन की तलाश जारी
सूत्रों के मुताबिक असद का नाम सामने आने के बाद शाइस्ता परवीन ने पहले असद को बचाने के लिए नेपाल भेजने की कोशिश की. लेकिन एसटीएफ की सख्ती की वजह से ऐसा नहीं हो सका. इसके बाद शाइस्ता ने शूटर गुलाम को असद के साथ ही रहने को कहा. इसी बीच शाइस्ता ने असद के लिए फंडिंग का इंतजाम भी शुरू कर दिया. खबर है कि शाइस्ता किसी तरह असद को देश से निकालकर खाड़ी के किसी देश में शिफ्ट करने की भी कोशिश कर रही थी. लेकिन पासपोर्ट और दूसरे दस्तावेजों की दिक्कत के कारण ऐसा नहीं हो सका.
सूत्रों के मुताबिक पुलिस को ये भी पता चला कि असद को छिपाने के लिए जब शाइस्ता ने पैसे की जरूरत बताई तो अतीक के कहने पर लखनऊ के एक बिल्डर मुस्लिम खान ने शाइस्ता के पास 80 लाख रुपये की खेप पहुंचाई थी. हालांकि बाद में जब अतीक अहमद के ठिकानों पर छापे पड़े तो खबर है कि पुलिस को वहां हथियार और कारतूसों के अलावा 75 लाख रुपये और 50 शेल कंपनियों के दस्तावेज भी मिले थे.
अतीक अहमद का जन्म 10 अगस्त 1962 को हुआ था. अतीक के पिता हाजी फिरोज तांगा चलाते थे. अतीक का पढ़ाई-लिखाई में मन नहीं लगता था, वो 10वीं में फेल हो गया. इसके बाद वो इलाके के बदमाशों की संगत में आ गया. पैसों की खातिर उसकी जुर्म की दुनिया में एंट्री हुई. इसके साथ ही वह मारपीट, अपहरण और रंगदागरी वसूलने जैसे काम करने लगा. जब अतीक अहमद सिर्फ 17 साल का था तो उस पर हत्या का आरोप लगा था.