केरल (Kerala) में अब शराब पीना महंगा पड़ेगा. दरअसल, सरकार ने राज्य का बजट पेश करने के दौरान शराब पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी में इजाफे (Excise Duty On Liquor) का ऐलान किया है. एक्साइज ड्यूटी में 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी का ऐलान किया गया है. सोमवार को केरल सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 का बजट (Kerala Budget 2024-25) पेश करते हुए शराब प्रेमियों को ये झटका दिया है.
बजट के दौरान वित्त मंत्री ने किया ऐलान
सोमवार को केरल विधानसभा में वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश किया गया. राज्य सराकर में वित्तमंत्री केएन बालगोपाल (KN Balagopal) ने बजट पेश करते हुए कई बड़े ऐलान किए. इस बजट में सरकार का पूरा फोकस स्टेट इकोनॉमी को मजबूती देने, सरकार के रेवेन्यू में इजाफे और फाइनेंशियल ग्रोथ की रफ्तार बढ़ाने के प्रयासों पर रहा. इस क्रम में वित्त मंत्री ने भारत में निर्मित विदेशी शराब (IMFL) पर एक नया उत्पाद शुल्क लागू किए जाने का ऐलान किया, जिसके बाद एक्साइज ड्यूटी में 10 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हुआ है.
200 करोड़ रुपये एक्स्ट्रा रेवेन्यू की उम्मीद
रेवेन्यू बढ़ाने पर केंद्रित केरल सरकार के बजट में निवेश को आकर्षित के लिए किए जाने वाले प्रयासों पर जोर रहा. शराब की कीमतों में ये बढ़ोतरी भी अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करने के राज्य के प्रयासों का ही हिस्सा है और इससे अतिरिक्त रेवेन्यू के रूप में सरकार के खजाने में 200 करोड़ रुपये आने की उम्मीद जताई जा रही है. हालांकि, सरकार के इस फैसले से किन-किन ब्रांड्स की कीमतों में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी, इसके बारे में जानकारी शेयर नहीं की गई है.
अतिरिक्त सेस लगाने का भी ऐलान
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्पाद शुल्क यानी एक्साइज ड्यूटी में की गई ये बढ़ोतरी केरल में व्यापक शराब नीति में बदलाव का सिर्फ एक पहलू है. राज्य सरकार ने IMFL पर सोशल सिक्योरिटी सेस (Kerala Social Security Cess) लागू करने का भी ऐलान किया है. इसमें 500 रुपये से 999 रुपये की कीमत वाली शराब की बोतलों पर 20 रुपये का उपकर यानी सेस लगाया गया है, जबकि इस प्राइस रेंज से ज्यादा महंगी बोतलों पर 40 रुपये का उपकर लागू किया गया है.
शराब प्रोडक्शन बढ़ाने का प्लान
राज्य में शराब की कीमतों बढ़ोतरी (Liquor Price Hike In Kerala) के ऐलान इसके अलावा, केरल की नई शराब नीति का उद्देश्य बंद पड़ी शराब की भट्टियों को फिर से खोलकर और मौजूदा शराब की क्षमता को बढ़ाकर राज्य के शराब उत्पादन (Liquor Production) को बढ़ावा देना भी है. सरकार अधिक विदेशी शराब खुदरा लाइसेंस जारी करने की योजना भी बना रही है और जल्द ही आईटी व औद्योगिक पार्कों को पब लाइसेंस देने की तैयारी में है. यहां बता दें कि सोमवार को विधानसभा में बजट पेश करने के दौरान तीन साल में 3 लाख करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट आकर्षित करने टारगेट तय किया है.