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जितना फिलिस्तीन का है बजट, उतना सिर्फ 'आयरन डोम' पर खर्च करता है इजरायल

इजरायली एंटी मिसाइल डिफेंस सिस्टम IRON Dome को बनाने का विचार इजरायली ब्रिगेडियर जननरल टैनियल गोल्ड को 2004 में आया था. ये हवा में रॉकेट और मोर्टार को खत्म करता है. इसकी इंटरसेप्शन रेंज की बात करें तो ये 2.5 मील से लेकर 43 मील तक है.

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इजरायल को रॉकेट हमलों से बचाने में सक्षम है आयरन डोम
इजरायल को रॉकेट हमलों से बचाने में सक्षम है आयरन डोम

इजरायल और हमास के बीच युद्ध (Israel-Hamas War) बीते पांच दिनों से लगातार जारी है. इसमें दोनों ओर से हजारों की संख्या में जानें जा चुकी हैं. बीते शनिवार को जहां हमास ने इजरायल पर रॉकेटों की बौछार करते हुए तबाही मचाई, तो इजरायल ने करारा जवाब देते हुए गाजा पट्टी (Gaza Patti) में ऐसी बमबारी की, अब हर ओर चीख-पुकार, टूटी इमारतें, रोते-बिलखते लोग नजर आ रहे हैं.

इस जंग के दौरान एक खास बात ये रही कि इजरायल का सबसे बड़ा सुरक्षा कवच माना जाने वाला Iron Dome हमास के हमले को नहीं रोक पाया. हालांकि, अब ये अपना काम अच्छे से कर रहा है और हमासी रॉकेट्स को आसमान में ही मार गिरा रहा है. इजरायल का इस साथी पर खर्च के बारे में जानकर आप चौंक जाएंगे, दरअसल ये आयरन डोम Palestine के कुल बजट से भी ज्यादा में तैयार हुआ है.  

इतनी है फिलिस्तीन की GDP
सबसे पहले बात कर लेते हैं इजरायल के ताबड़तोड़ हमले झेल रहे फिलिस्तीन की इकोनॉमी की, तो बता दें Israel की तुलना में Palestine की जीडीपी बहुत कम है. एक ओर जहां इजरायल की अनुमानित जीडीपी (Israel Economy) 2023 में 564 अरब डॉलर है, तो वहीं फिलीस्तीन की जीडीपी (Palestine GDP) का आकार लगभग 19.1 अरब डॉलर है. अगर प्रति व्यक्ति आय की बात करें तो फिलिस्तीन में ये 3,789 डॉलर है, तो वहीं इजायरल में ये आंकड़ा लगभग 58,000 डॉलर है.  

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IRON Dome पर आई लागत
इजरायल की ओर आने वाली मिसाइलों-रॉकेट को हवा में ही मार गिराने वाले अत्याधुनिक डिफेंस सिस्टम और देश का सुरक्षा कवच कहे जाने वाले आयरन डोम (IRON Dome) की लागत की बात करें तो रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये तकरीबन 3 लाख करोड़ रुपये के आस-पास है. इस हिसाब से देखा जाए तो इसकी लागत फिलिस्तीन की जीडीपी यानी 19.1 अरब डॉलर (1.5 लाख करोड़ रुपये) से कहीं ज्यादा है. इजरायल ने इसे अमेरिका के सहयोग से तैयार किया है. इसे बनाने का विचार इजरायली ब्रिगेडियर जननरल टैनियल गोल्ड को 2004 में आया था.

ऐसे काम करता है आयरन डोम
इसके बाद इसे बनाने की तैयारी शुरू की गई और 2006 में लेबनान में युद्ध के दौरान हिजबुल्लाह द्वारा शुरू किए गए रॉकेट हमलों के जवाब देने के लिए बना लिया गया. इजराइल के राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स द्वारा विकसित Iron Dome, आने वाले रॉकेट और मोर्टार के प्रक्षेप पथ का पता लगाने के लिए रडार, एडवांस्ड ट्रैकिंग टेक्नोलॉजी और एंटी-मिसाइल बैटरी का इस्तेमाल करता है.

CSIS थिंकटैंक द्वारा सिस्टम के एनालिसिस के मुताबिक, यह तकनीक निर्धारित करती है कि क्या इजरायल की ओर आ रहे रॉकेट आबादी वाले क्षेत्र की ओर जा रहे हैं और यदि ऐसा है तो फिर IRON Dome आने वाले प्रोजेक्टाइल पर इंटरसेप्टर फायर करता है और उन्हें हवा में ही नष्ट कर देता है. 

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इंटरसेप्टर मिसाइल पर होता है इतना खर्च
इजरायल का ये IRON Dome की इंटरसेप्शन रेंज की बात करें तो ये 2.5 मील से लेकर 43 मील तक है. राष्ट्रीय सुरक्षा अध्ययन संस्थान (National Security Studies Institute) की 2021 में आई एक रिपोर्ट में शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, एक इंटरसेप्टर मिसाइल की कीमत लगभग 40,000- 50,000 डॉलर होती है. यानी जितनी बड़ी रकम खर्च करके इजरायल ने अपना ये सुरक्षा कवच तैयार किया, दुश्मनों का सामना करने के लिए इसके इस्तेमाल पर भी उतना ही भारी-भरकम खर्च आता है. 

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