आतंकवाद किसी भी देश के लिए अच्छा नहीं रहा है, जिसने भी इसे बढ़ावा देने की कोशिश की है. वह कभी भी गरीबी से उबर नहीं पाया है. ऐसी ही हालत पाकिस्तान की है, जो दशकों से भारत के खिलाफ पर्दे के पीछे रहते हुए आतंकवाद को बढ़ावा देता रहा है. कर्ज के बोझ तले पाकिस्तान दबा (Debt On Pakistan) हुआ है, देश चलाने के लिए पैसे नहीं है और दुनिया के सामने हाथ फैला रहा है.
फिर भी ये अपनी हरकत से बाज नहीं आ रहा है. बीते 22 अप्रैल को आतंकियों ने जम्मू कश्मीर के पहलगाम के बैसारन घाटी में बेगुनाहों पर गोलियां बरसाई (Pahalgam Terror Attack) थी, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी. इस घटना के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान को सबक सिखाने की ठान ली है और एक के बाद एक एक्शन ले रहा है. हालांकि पाकिस्तान को यह भी डर सता रहा है कि भारत इसका बदला सैन्य कार्रवाई करके भी ले सकता है.
भारत ने सबसे पहले सिंधु जल समझौता को सस्पेंड (Indus Water Treaty Suspend) किया है, जो 1971 और कारगिल युद्ध के दौरान भी सस्पेंड नहीं किए गए थे. इसके अलावा, पाकिस्तानियों के वीजा रद्द कर दिए गए थे और 48 घंटे के अंदर देश खाली करने का आदेश दिया था. अटारी बॉर्डर को बंद कर दिया, ताकि किसी भी तरह का डायरेक्ट ट्रेड (India Pakistan Trade) नहीं हो पाए. अब भारत सरकार ने एक और बड़ी करारी चोट दी है. भारत के इस नए कदम से पाकिस्तान की इकोनॉमी पर गहरा आघात होगा.
पाकिस्तान पर भारी कर्ज
पाकिस्तान की इकोनॉमी पहले से ही गर्त में जा चुकी है और इसके ऊपर दिन-ब-दिन कर्ज बढ़ता ही जा रहा है. पाकिस्तान कभी IMF तो कभी वर्ल्ड बैंक के सामने हाथ फैलाते हुए दिखाई देता है. पाकिस्तान ने चीन से 40 युआन (1.4 अरब डॉलर) की डिमांड की है, जो 2025 के अंत तक पूरा हो सकता है. पाकिस्तान पर 70.36 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये का कर्ज है यानी भारतीय रुपये के मुताबिक 21.15 लाख करोड़ रुपये है.

सिर्फ 3 महीने का विदेश मुद्रा भंडार
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक, पाकिस्तान के पास कुल फॉरेक्स रिजर्व (Pakistan Forex Reserve) 18 अप्रैल 2025 तक 15.436 अरब डॉलर था. वहीं भारत हर महीने एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट पर 62 अरब डॉलर खर्च करता है. इसका मतलब है कि भारत इससे 4 गुना ज्यादा एक महीने में विदेशी चीजें खरीदने में खर्च कर देता है. पाकिस्तान हर साल एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट पर 54 अरब डॉलर खर्च करता है. ऐसे में देखा जाए तो इसके पास देश चलाने के लिए तीन महीने का ही विदेशी मुद्रा भंडार बचा हुआ है.
पाकिस्तान की इकोनॉमी को लगा तगड़ा झटका
पुलवामा अटैक के बाद से ही भारत पाकिस्तान से डायरेक्ट इम्पोर्ट बंद (India Ban Pakistan Direct and Indirect Import) कर चुका था, केवल इमरजेंसी वाली चीजें ही आती थीं. इसके अलावा, किसी अन्य देश के माध्यम से पाकिस्तान से एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट होता था. अब शनिवार, 2 मई को भारत ने डायरेक्ट और इनडायरेक्ट दोनों तरह के इम्पोर्ट को बंद करने का ऐलान किया है, जिससे इसकी इकोनॉमी पर और गहरा असर पड़ेगा.
वित्त वर्ष 24-25 (अप्रैल-जनवरी) में भारत ने पाकिस्तान को 447.65 मिलियन डॉलर का सामान निर्यात (India Export to Pakistan) किया, जबकि आयात सिर्फ 0.42 मिलियन डॉलर रहा. 2023-24 में निर्यात 1.18 बिलियन डॉलर और आयात 2.88 मिलियन डॉलर रहा, जो भारत के कुल ग्लोबल ट्रेड का 0.1% भी हिस्सा नहीं है. अब पाकिस्तान का ये इनकम भी पूरी तरह बंद हो जाएगा.
अभी पाकिस्तान की इकोनॉमी का साइज (Pakistan GDP Size) 340 अरब डॉलर है और इसके ग्रोथ का अनुमान 2 फीसदी लगाया गया है, लेकिन भारत के एक्शन से यह और नीचे जा सकता है.

2024 में पाकिस्तान ने भारत से सबसे ज्यादा क्या आयात किया
कार्बनिक रसायन - 164.19 मिलियन डॉलर, फार्मास्युटिकल उत्पाद - 120.86 मिलियन डॉलर, प्लास्टिक - 4.94 मिलियन डॉलर, अकार्बनिक रसायन, बहुमूल्य धातु - $4.67 मिलियन, खनिज ईंधन, तेल, आसवन उत्पाद- $2.70 मिलियन, विविध रासायनिक उत्पाद- $2.09 मिलियन, संशोधित स्टार्च, गोंद, एंजाइम- 1.53 मिलियन डॉलर, रंगाई के अर्क, रंगद्रव्य, टैनिन- $1.27 मिलियन, चिकित्सा उपकरण, ऑप्टिकल उपकरण - $0.38 मिलियन, छोटे आयातों में अनाज, सब्जियां, ऑटो घटक, डेयरी और मसाले शामिल थे.