कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर (Oxygen Concentrators) की भारी मांग और इसकी कीमतों में भारी बढ़त को देखते हुए सरकार ने अब सख्ती की है. ट्रेड मार्जिन की सीमा तय करते हुए कीमतों को तीन दिन के भीतर कम करने का आदेश दिया गया है.
सरकार ने इसकी कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए डिस्ट्रिब्यूटर तक के लिए ट्रेड मार्जिन अधिकतम 70 फीसदी तक रखने का आदेश दिया है. इसके मुताबिक तीन दिन के भीतर कीमतों में बदलाव करने का आदेश दिया गया है.
क्या है इसका मतलब
कारखाने से डिस्ट्रिब्यूटर तक पहुंचने में कीमत का जो अंतर है उसे ट्रेड मार्जिन कहते हैं. बीच में कई चेन होने की वजह से ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की कीमत ग्राहक तक पहुंचते-पहुंचते कई गुना बढ़ जाती है. लेकिन यह भी राहत की बात है, क्योंकि अभी तक कोई सीमा न होने से कई बार ट्रेड मार्जिन करीब 200 फीसदी तक का हो जाता था.
रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के तहत आने वाले नेशनल प्राइस फार्मास्यूटिकल्स प्राइसिंग अथॉरिटी ने (NPPA) ने ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर (DPCO) के पैरा 19 में मिले विशेष अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए Oxygen Concentrators के डिस्ट्रिब्यूटर लेवल तक के प्राइस पर ट्रेड मार्जिन 70 फीसदी तक रखने का निर्णय लिया है.
तीन दिन के भीतर करें बदलाव
इसके पहले NPPA ने फरवरी 2019 में इसी तरह से कैंसर रोधी दवाओं की कीमतों पर काबू के लिए मार्जिन की सीमा तय की थी. NPPA ने सभी मैन्युफैक्चरर और निर्यातकों को यह निर्देश दिया है कि तीन दिन के भीतर इसके अनुरूप अपने दाम में बदलाव करें. इसके बाद NPPA एक हफ्ते में इसकी जानकारी आम जनता को देगा.
NPPA ने कहा है कि हर खुदरा विक्रेता, अस्पताल और संस्थान को मैन्युफैक्चरर द्वारा दी गई एक प्राइस लिस्ट अपने संस्थान में इस तरह से लगानी होगी कि वह हर किसी को आसानी से दिख सके. जो मैन्युफैक्चरर और निर्यातक दाम में कमी नहीं लाएंगे उन पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा. यह आदेश फिलहाल 30 नवंबर, 2021 तक के लिए है, उसके बाद फिर हालात की समीक्षा की जाएगी.